Jaishankar Prasad Ki Rachnaye | जयशंकर प्रसाद की प्रमुख रचनाये:
छायावाद के प्रमुख कवि जयशंकर प्रसाद का हिंदी साहित्य में अति महत्वपूर्ण स्थान है उनकी रचनाएँ हिंदी साहित्य में एक स्थान रखती है तो आइये जानते है कि जयशंकर प्रसाद की प्रमुख की रचनाये कौन (Jaishankar Prasad Ki Rachnaye) सी है….
- जयशंकर प्रसाद का जन्म वर्ष 1889 में हुआ था|
- उनका जन्म उत्तरप्रदेश के कशी में साहू परिवार में हुआ था |
- उनकी माता का नाम मुन्नी देवी था |
- उनके पिता का नाम बाबू देवी प्रसाद था|
- दीनबन्धु ब्रह्मचारी उनके प्रमुख गुरु थे|
- झारखंडी और खंडे राव के नाम से उन्हें बचपन में पुकारा जाता था|
- जयशंकर प्रसाद भगवान शिव के उपासक थे|
- उनके द्वारा अधिकतर रचनाये बृज भाषा में लिखी गई है|
- जयशंकर प्रसाद का निधन वर्ष 1936 में हुआ था|
जयशंकर प्रसाद की प्रमुख की रचनाये :
द्विवेदी युगीन रचनाये :
- उर्वशी (1909)
- वनमिलन (1909)
- प्रेम राज्य (1909)
- अयोध्या का उद्धार (1910)
- शोकोछच्बास (1910)
- वभ्रुवाहन (1911)
- कानन कुसुम (1913)
- करूणालय (1913)
- प्रेम पथिक (1913)
- महाराणा का महत्व (1914)
छायावादी काव्य रचनाएँ :
- झरना (1918)
- आंसू (1925)
- लहर (1933)
- कामायनी (1935)
जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित प्रमुख उपन्यास :
- कंकाल (1929)
- तितली (1934)
- इरावती (अपूर्ण)
जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित प्रमुख कहानियाँ :
- पुरस्कार
- देवरथ
- ममता
- सालवती
- बेङी
- गुण्डा
जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित प्रमुख नाटक:
- सज्जन (1911)
- कल्याणी परिणय (1912)
- करूणालय (1913)
- प्रायश्चित (1914)
- राज्यश्री (1920)
- विशाख (1921)
- अजातशत्रु (1922)
- कामना (1924)
- जनमेजय का नागयज्ञ (1926)
- स्कंदगुप्त विक्रमादित्य (1928)
- एक घूंट (1929-30)
- चन्द्रगुप्त (1931)
- ध्रुवस्वामिनी (1933)
- अग्निमित्र (1944)
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