कंप्यूटर का ब्लाक डायग्राम | Block Diagram of computer

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कंप्यूटर का ब्लाक डायग्राम :

Block Diagram of computer : computer एक ऐसा system है जो अलग – अलग  format  (प्रारूप)  में information को user से प्राप्त कर सकता है जैसे  कि text ,graphics Sound,Video आदि इन सभी विभिन्न प्रकार की information को computer में पहले store किए गए programs के माध्यम से process किया जाता है । computer में बहुत से program  store करके रखे जा सकते है। जिन्हें आवष्यकता के अनुसार एक से अधिक बार उपयोग में लाया जा सकता है। computer system अपनी memory में store software ,program और अपने hardware component  कि सहायता से user द्वारा input कि गई information को दिये गए instruction  (निर्देष)  के आधार पर processs करता है, और उसे user की आवष्यकता के अनुरूप निर्धारित प्रारूप में output में प्रदान करता है।

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Block Diagram of computer :

computer system अपनी processing के लिए निम्न प्रकार के component का उपयोग करता हे।
  1. input
  2. output
  3. cpu
  4. memory
  • Computer के उपरोक्त सभी component  एक दुसरे से wires के माध्यम से connect  होते है।
  • wires के इस समूह को Bus कहा जाता है
  • जो electronic signal को transfer करने का कार्य करती है।
  • यह electronic signal  Digital  pulses के रूप में High voltage या low voltage के सिंद्धांत पर कार्य करते है।
  • Digital  pulses के अनुसार High voltage को 1 से और low voltage को 0 से प्रदर्शित किया जाता है।
  • इस प्रकार computer system की working को उसके विभिनन component  की सहायता से समझा जा सकता है।

Input  unit :

यह computer system की सबसे प्रमुख ईकाई होती है जिसकी सहायता से data,instruction, program  और अन्य information को working के लिए computer system में load   किया जाता है। यह सभी information या instruction  उस system के लिए input कहलाते है।
user अपनी आवष्यकता के अनुरूप data को computer में input  device के माध्यम से enter कर सकता है। computer के साथ उपयोग में लाई जाने वाली सभी input device को कार्य करवाने के लिए cpu से connect किया जाता है यह सभी input  device निर्धारित किए गए input port के माध्यम से cpu से connect होती हैं। input  device  का मुख्य कार्य user से user के समझने योग्य प्रारूप में information को प्राप्त करना होता है। परन्तु cpu द्वारा केवल binary data  पर ही किसी भी प्रकार का कार्य कर पाना संभव होता है। इस कारण से input   device  के साथ कुछ ऐसे विषेष control circuit उपयोग में लाए जाते है। जो user से input में प्राप्त data को binary code  में परिवर्तित करने का कार्य करते है। किसी computer system में विभिन्न प्रकार के format  जैसे कि text ,graphics ,video, sound आदि का input के रूप में दिया जा सकता है। अलग – अलग प्रकार के data कि लिए विभिन्न प्रकार कि input device  उपयोग म लाई जाती है। सामान्यतः उपयोग में लाई जाने वाली input   device निम्न है-
Ex- Keyboard, Mouse,  scanner,  joystick ,  trackball ,Light  pen , digitizing tablet ,    Digital  camera ,voice recognization, touch screen etc.

Output unit :

Computer system के द्वारा input में लिए गए data को विभिन्न प्रकार से process किया जाता है। computer की इस unit की सहायता से process किए गए data को Result के रूप में user को प्रदान किया जाता है। यह Result  output कहलाते है computer system के द्वारा यह output user को output  devices  की सहायता से प्रदान किए जाते है। उपयोग में लाए जाने वाले सभी output  devices को cpu के output port पर connect किया जापता है। सभी प्रकार के output   device को cpu द्वारा binary format में data प्राप्त करता है परन्तु user द्वारा यह data समझ पाना संभव नही है। इस कारण से output device के साथ कुछ control circuit जुडे होते है जो binary code  में प्राप्त किए गए data को user के समझने योग्य format  में परिवर्तित करते है और output प्रदान करते है। output  device   से प्राप्त होने वाला output किसी भी format में हो सकता है जैसे कि text,sound ,video ,graphics आदि। अलग – अलग प्रकार के output के लिए विभिन्न प्रकार की output  device उपयोग में लाई जाती है।
output के लिए विभिन्न प्रकार की output  device उपयोग में लाई जाती है। जो निम्नलिखित हैः-
EX- . printer , plottor, speaker , monitor.

Cpu (central processing unit) :

Computer system की सबसे महत्वपूर्ण ईकाई cpu होती है जो किसी भी computer system के लिए brain एवं heart दोनो का कार्य करती है। cpu वह unit है जो input  device से प्राप्त data पर process करती है। और output device को Result  प्रदान करती है। यह unit input  device से binary code के रूप में data को प्राप्त करती है। और user के द्वारा किये गये instruction या निर्धारित program के अनुसार data को process करती है। cpu के द्वारा process किए गए data को output device के माध्यम से user को प्रदान किया जाता है। cpu में data को process करने के लिए micro processor  एवं अन्य सहयोगी unit उपयोग लाई जाती है, जो अत्यंत तेज गति से data को process कर सकती है। user द्वारा दिए गए instruction को cpu एक निर्धारित क्रम में store करके रखता है, जिसे program कहते है। इस प्रकार cpu memory का उपयोग में लाई जाने वाली सभी device cpu के साथ ही connect की जाती है। इस कारण से ही इसे केन्द्रित ईकाई माना जाता है। अपने कार्य को व्यवस्थित रूप से करने के लिए cpu निम्नलिखित component का उपयोग करते है।
  • Arithmatic  logical   unit   (ALU)
  • control unit   (  C.U.)

Arithmatic logical unit  (ALU) –

ALU से तात्पर्य है कि Arithmatic logical unit अर्थात एक ऐसी ईकाई जो सभी प्रकार के गएिातीय (Arithmatic)  गणनाऐं करने में सक्षम हो, जब user द्वारा input  device के माध्यम स्रे दिए गए instruction में किसी प्रकार के Arithmatic या logical calculation करना हो तब इस प्रकार के instruction को cpu के द्वारा ALU को दिया जाता है। ALU के द्वारा दिया जाने वाले Arithmatic  operation से तात्पर्य Addition subtraction  multiplication division से है तथा logical calculation से तात्पर्य दिए गए data के बिच विभिन्न प्रकार की तुलना प्रक्रियाओं से है जैसे कि AND  OR  NOT आदि।

इस unit में एक ऐसा electronic circuit होता है जो binary code में सभी प्रकार के operation करने में सक्षम होता है। यह unit memory से data प्राप्त करती है एवं calculation के पष्चात Result के रूप में data memory में ही store करती है। ALU के कार्य करने के गति अति तीव्र होती है जिसके कारण यह लगभग 10 लाख calculation  प्रति second की गति पर कार्य कर सकती है।

Control unit (CU) :

CU से तात्पर्य control unit होता है अर्थात एक ऐसी ईकाई जो सभी प्रकार के कार्यो को नियंत्रित करने का कार्य करती है cpu में CU एक केन्द्रिय ईकाई के रूप में कार्य करती है। यह उपयोग में लाए जा रहे सभी processing component के मध्य data के आदान प्रदान का कार्य करती है। यह unit memory में store program को instruction के रूप में प्राप्त करती है, और उसे आवष्यक processing unit तक पहुचाती है। memory एवं input output device के बीच data अदान प्रदान करने का कार्य CU के द्वारा ही किया जाता है

CPU में उपयोग में लाई जा रही सभी ईकाई के बीच data एवं instruction विषेष प्रकार के signal के द्वारा आदान प्रदान किए जाते है। यह signal  electronic Bus कि सहायता से दिए जाते है। इस Bus का नियंत्रण CU के पास रहता है। जिससे सभी ईकाईयों को एक साथ नियंत्रित किया जा सकता है। CU के द्वारा ही यह निर्धारित होता है, कि किस प्रकार का data एवं instruction किस unit के माध्यम से process किया जाएगा।

Memory

  • Computer system को उसकी एक असमित क्षमता के कारण अधिकतम उपयोग में लाया जाता है,
  • वह क्षमता है बहुत अधिक संख्या में data को लंबे समय तक store रखना।
  • इस क्षमता को उपयोग में लाने के लिए computer system के द्वारा memory unit का उपयोग किया जाता है
  • computer system में memory से तात्पर्य एक ऐसी ईकाई से है।
  • जो आवष्यक के अनुसार data को store करके रख सके।
  • यह unit दिए गए data program एवं Result आदि को store करके रखती है।
  • cpu द्वारा उपयोग में लाए जाने वाले instruction कि आवष्यकता होती है
  • तब cpu वह data या instruction को memory से प्राप्त कर लेता है।
  • इसके साथ ही cpu के द्वारा output के रूप में दिए data को भी memory unit में ही store करके रखता है।
cpu की आवष्यकता के अनुसार memory दो प्रकार की होती है।
  • Primary memory (main memory)
  • Secondary memory (physical memory)

Primary memory (main memory) –

primary memory का मुख्य कार्य cpu की उसकी processingमें सहायता करना होता है। primary memory cpu की मुख्य memory होती है। जिसकी सहयता से cpu अपने सभी processing कार्य करता है। cpu अपने सभी कार्य अत्यंत तेज गति से करता है। इस कारण से उसे एक तेज गति वाली memory कि आवष्यकता होती है। cpu द्वारा उपयोग में लाई जा रहे सभी instruction  program व इससे संबंधित data primary memory में ही store रखे जा सकते है

जब भी किसी program को cpu द्वारा execute करवाया जाता है तब cpu उस program के instruction को एक के साथ एक क्रम में memory में से read करता जाता है, और instruction को process करता है। इस process से प्राप्त output को भी primary memory में ही store किया जाता है। primary memory का उपयोग input /output device भी अपने data को अदान प्रदान करने में करती है। primary memory को semi conductor पदार्थ की सहायता से बनाया जाता है।

इस कारण से इसकी speed अत्यंत तेज होती है, परंतु साथ ही यह volatile memory होती है जिससे data तब तक ही store रहता है, सभी प्रकार का data स्वतः ही delete  हो जाता है। cpu के साथ कुछ data एवं program ऐसे भी होते है, जिन्हें लम्बे समय तक store रखना होता है ऐसे data के लिए cpu के साथ ROM (read only memory)  का उपयोग किया जाता है। सामान्यतः निम्न प्रकार की primary memory का उपयोग अधीकतम किया जाता है।

Secondary memory –

computer system की सहायता से user अपने आवष्यक data एवं programs को लम्बे समय तक store रख सकते है, इसके लिए cpu के साथ secondary memory का उपयोग किया जाता है। यह memory गति के अनुसार primary memory की तुलना में low होती है परन्तु यह data को permanent अर्थात लम्बे समय तक store करके रखती है। secondary memory को magnetic पदार्थो की सहायता से बनाया जाता है। इसका उपयोग ऐसे सभी program एवं data को store करने के लिए किया जाता है जिनका उपयोग निरंतर होता रहता है। secondary memory में store किए गए किसी program को execute  करवाने के लिए उसे secondary memory में से primary memory में transfer किया जाता है।

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