ऑप्टिकल डिस्क :
Optical Disk and Its Types : Secondary memory के रूप मे उपयोग मे लायी जा रही magnetic memory उपयोग में जटिल होती है इसे एक स्थान से दुसरे स्थान पर ले जाना संभव नही होती है, इस कारण से Optical memory को विकसीत किया गया।
ऑप्टिकल डिस्क व उसके प्रकार/Optical Disk and Its Types :
Optical disk memory एक समतल वृत्ताकार disk होती है, जो सामान्यतः poly corbonate प्रदर्णि से बनायी जाती है। इस memory में data को hole एवं pits के रूप मे store किया जाता है। pits सामान्यतः किसी समतल सतह पर बनाये गये उभार को कहा जाता है। Optical disk की सतह को aluminum प्रदर्णि की सहायता से चमकदार बनाया जाता है, जिससे की इस जगह से प्रकाष को परावर्तित किया जा सके। disk की इस सतह पर विषेष आवृत्ति (frenquency) वाले laser beam करने के दौरान आने वाले laser beam को परावर्तित नही करते है, जिसमें की इसे ‘1’ के रूप में read किया जाता है, उसी प्रकार जहा से प्रकाष परावर्तित हो जाता है उसे ‘0’ के रूप मे read किया जाता है। इस प्रकार यह memory प्रकाष के परावर्तन सिद्धांत पर कार्य करती है। Optical disk पर data को spiral track में store किया जाता है, जहा data एक निष्चित क्रम मे ही रहता है। इस memory में data को आंतरिक track से बाहयतम track की ओर store किया जाता है। अर्थात सबसे पहले अंदर के track में data store होता है और फिर यह बाहर की और बढता है।
Data आदान प्रदान की आवष्यकता अधीक होने के कारण विभिन्न प्रकार की Optical disk को विकसित किया गया।
Compact Disk
CD एक Optical disk है, जो digital data को store करने के लिए use कि जाती है, इसका विकास digital audio को store करने के लिए किया गया था। standard CD का व्यास 120 MM होता है, तथा लगभग 80 minuts के audio को रख सकता है। कई CD 80 mm वाले भी होते है। जो लगभग 20 minute की audio को रख सकते है, CD technic को बाद में data storage device के रूप में use के लिये अधिक अनुकुल बनाया गया जिसे CD ROM के रूप जाना जाता है, CD-ROM में CD-R (compact disk read) तथा CD-RW (compact disk re-writable) कहे जाते है, भी data storage device के रूप में प्रयोग में आते है।
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Compact disk poly corbonate plastic के 1.2 M.M.मोटे disk से बनी होती है, और इसका वजन लगभग 16.g होता है। इस poly corbonate plastic पर एक reflective material जैसे aluminum की coating रहती है, जिससे light reflect होती है, जहाँ पर दो अलग अलग laser beam का use किया जाता है, एक laser beam 25mw की तीवृता की होती है जिसका उपयोग data को लिखने के लिए तथा एक laser beam 5mw तीव्रता की होती है, जिसका उपयोग data को पढने के लिए करते है, जब laser beam से surface पर holes किये जाते है, तो उन्हें pits कहते है, जिसये 1 द्वारा दर्षाया जाता है, तथा surface पर जहा holes नही होते है, उन्हें land कहा जाता है, जिसे 0 द्वारा दर्षातम है, CD में information को pits के रूप में store किया जाता है। प्रत्येंक pits लगभग 100 M.M.गहरा तथा 500 M.M. चौड़ा होता है तथा लम्बाई में 850 M.M.से 3.5 M.M.तक का होता है। CD को read करने के लिये poly corbonate स्तर के तल से 780mm wale lenght वाले semi conductor laser को focus करना होता है, जब यह focus की जाती है, तब pits व hand के बीच ऊचाई में बदलाव से परावर्तित प्रकाष की तीव्रता मे अंतर उत्पनन होता है, इस प्रकार को photo diote के साथ मापकर data को disk से पढना संभव होता है।
VCD
- CD को video CD को preview CD, compact Digital video कहा जाता है।
- यह compact disk पर video को store करने के लिए एक standard diogital format है,
- यह V-CD, V-CD player computers Advance DVD video players तथा कुछ video game consoles में चलाये जाने योग्य होते है।
- V-CD का standard 1993 में sony, philips तथा JVC द्वारा निर्मित किया गया था
- इसे white book standard के रूप मे दिया गया।
CD-R
- CD-R का पूरा नाम compact disk recordable है।
- यह philips तथा sony द्वारा दुबारा लिखने योग्य disk format है
- अर्थात इसमें information को पुनः writer किया जा सकता है।
- इस प्रकार की disk में पहले से लिखे गये data को erase कर दिया जाता है
- उन्हीं track पर पुनः data को store किया जा सकता है।
CD-RW
- CD-RW का पुरा नाम compact disk re-writable है
- इसे 1997 में प्रस्तुत किया गया था यह दुबारा लिखने योग्य Disk format है
- अर्थात इसमें information को पुन writer किया जा सकता है।
- इस प्रकार की Disk में पहले से लिखे गये data को erase कर दिया जाता है
- उन्ही track पर पुनः data को store किया जा सकता है।
Blue Ray Disk
Optical disk का एक Format Blue Ray जिसे Blue Ray Disk ( BD) भी कहा जाता है। यह Optical disk format का नाम है, इस format का विकास recording rewriting तथा high defination video के play Back तथा data एक मात्रा को store करने योग्य बनाने के लिए किया ।
Blue Ray Disk |
इस प्रकार की single layer disk में 25 GB एवं Double layer disk में 50 GB तक रखा जा सकता है, इस नये format मं data को read तथा writer करने के लिए blue voilet laser का use किया जाता है, इस blue voilet laser के use किया जाता है, इस blue violet laser के use के कारण ही इसका नाम blue ray है, इस blue ray को use करने का लाभ यह है कि इसकी wave lenght 408mm है जो कि read laser से छोटी होती है जिससे laser spot पर और अधिक शुद्धता से focus करना संभव हो जाता है इसमें data को tightly pack किया जा सकता है, तथा कम space में storeकिया जा सकता है, अतः एक CD/DVD के Size के समान होने के बाद भी disk पर अधिक data को store करना संभव हो जाता है।
DVD ( digitally Versatile Disk )
Optical disk में store data की क्षमता कम होती है, इस क्षमता को बढाने के उददेष्य से DVD को विकसित किया गया, DVD में उपयोग मे लाया जाने वाला प्रदार्थ high density का होता है, जिसमें कम क्षेत्रफल मे अधिक data को store किया जाता है। DVD को बनाने के दौरान बनायी जाने वाली Disk पर एक अधिक परत चडाइ जाती है। जब DVD पर data को writer किया जाता है। पहले अंदर वाली परत पर data writer किया जाता है। इसके पश्चात बहार वाली परत पर data को writer किया जाता है। इस प्रकार DVD पर एक से अधिक layer की सहायता से CD की तुलना मे अधिक data को store किया जाता है। DVD को read या writer करने के लिये उपयोग मे लायी जाने वाली laser beam की आवृत्ती लगभग 600MM की होती है। DVD में store किये जाने वाले data का format भी CD की तुलना मे अधिक compress होता है, जिससे की अधिक क्षमता का data store किया जा सकता है। एक DVD में 2.5 GB से लेकर 6GB तक का data store किया जा सकता है।