Types of internet connection in hindi | इन्टरनेट कनेक्शन के प्रकार :
Computer System से internet को जोडने के लिये NIC,Modem आदि devices का उपयोग किया जाता है। लेकिन इसके साथ ही internet service provider (ISP) के server से भी connection स्थापित करना होता है। ISP से बनाया गया यह connection ही user को internet access करने की सुवधिा प्रदान करता है। user अपनी आवश्यकतानुसार अलग अलग internet connection का उपयोग करता है। सामान्यत: निम्न प्रकार (Types of internet connection) के internet connection का उपयोग user के द्वारा किया जाता है|
- Dial up connection
- BroadBand Connection
- DSL (Digital Subscriber Line)
- Leased line
- ISDN (Integrated subscribe Digital Network)
- VSAT (Very Small Aparture Terminal)
Dial up connection :
Dial up connection बनाने के लिये telephone line एवं Modem का उपयोग किया जाता है। उसके बाद user को किसी ISP के द्वारा internet account प्रदान किया जाता है। internet account बनने के बाद ISP के द्वारा user को एक telephone No एवं user name और password दिया जाता है।
internet connection बनाने के लिये user को दिये गये telephone No. को telephone line की सहायता से dial करना होता है इसी कारण से इसे dial up connection कहा जाता है। server से connection बनने के बाद user दिये गये Login name व password को इनपुट करता है। user द्वारा दिया गया इनपुट सही होने पर server से internet connection यूजर को मिल जाता है।
इस प्रकार के connection को बनाने के लिए telephone line का उपयोग किया जाता है। जिसके कारण इसका connection temprory होता है। हर बार user दिये गये telephone No. को telephone line कि सहायता से Dial करता है इसी कारण से इसे Dial up connection कहा जाता है। इस internet connection में अधिकतम 56 KBPS तक कि speed प्राप्त होती है।
Broad Band Connection :
व्यवसायिक उपयोग के लिये Dial-up connection उपयुक्त है। क्योकि इसमें अधिक speed पर internet connection प्राप्त नहीं होता है। इसी कारण से Micro Wave के माध्यम से internet connection उपलब्ध करवाए जाने है, जिसमें telephone line की सहायता से internet connection बनाया जाता है। इसमें अधिक frequency पर data उपलब्ध हेाता है। इस प्रकार की line को Broad Band connection कहा जाता है।
यह connection Fiber optics, coaxial cable या micro wave की सहायता से बनाया जाता है इस connection मे 64 KBPS से लेकर 2MBPS तक की speed प्राप्त होती है।
DSL (Digital Subscriber Line) :
DSL एक ऐसा connection है जिसमें एक telephone line के माध्यम से अधिक speed वाला internet connection उपलब्ध करवाया जाता है। इस connection मे किसी telephone line को user के लिए निर्धारित कर दिया जाता है और उस line को ISP के server से जोड़ दिया जाता है। यह telephone line DSL modem की सहायता से user को high speed पर internet connection प्रदान करती है| DSL Modem telephone line से प्राप्त होने वाले weak signal को strong signal मे convert कर देता है। साथ ही इसमें user को fast speed पर data download तथा upload करने कि सुविधा प्राप्त होती है। इस प्रकार के connection में user 128 KBPS से लेकर 2MBPS तक की speed प्राप्त होती है।
Leased line connection :
यह connection भी DSL के समान ही high speed वाला connection होता है। जिसमें एक या एक से अधिक telephone line को किसी युजर के द्वारा लंबे समय के लिये Lease पर लिया जाता है। जिसके कारण यूजर को एक समान speed पर internet connection उपलब्ध रहता है यह leased line 24 घंटे ISP के server से connected रहती है एवं इसे अन्य किसी user के द्वारा उपयोग मे नहीं लाया जा सकता है| leased line मे भी DLS modem का उपयोग किया जाता है। यह connection DSL की तुलना मे बहुत महंगा होता है जिसे बडी व्यवसायिक कम्पनीयो या शासकीय कार्यालय द्वारा ही वहन किया जा सकता है।
ISDN (Integrated subscribe Digital Network) :
ISDN के द्वारा fast internet connection प्राप्त होता है। इसमें high speed internet के लिए fiber optics cable का उपयोग किया जाता है। इस connection में ISP के द्वारा अपनी ISDN exchange से लेकर उपभोक्ता के घर या ऑफिस तक एक fiber optics line स्थापित कि जाती है। ISDN मे user को internet connection के साथ साथ web server कि सुविधा भी दी जाती है। ISDN के माध्यम से user एक साथ एक से अधिक connection बना सकता है।
परन्तु यह internet connection बहुत अधिक महंगा होता है। इसमें internet speed 1 GBPS तक की होती है।
VSAT (Very Small Aperture Terminal) :
किसी भी प्रकार के Internet connection को cable या wire कि माध्यम से सीमित मात्रा मे ही user तक पहुचाया जा सकता है। इसी समस्या को दूर करने के लिये wireless connection तकनीक का उपयोग किया जाता है। VSAT एक ऐसी ही तकनीक है, जिसमे satellite के माध्यम से communication signal को user तक पहुचाया जाता है VSAT मे एक antina होता है जो कि आकार मे 1 meter या उससे भी छोटा होता है जिसके कारण ही इसे very small terminal कहा जाता है।
इसी antina के माध्यम से satellite से मिलने वाले signal को user तक पहुचाया जाता है user प्राप्त signals का उपयोग करके ISP से connection स्थापित करता है स्वतंत्र रुप से बने connection के कारण signal पर एक समान speed प्राप्त होते है। इस प्रकार के connection का installation charge अधिक होता है। VSAT का उपयोग करके कोई भी कम्पनी अपना स्वयं का Network किसी भी भौगोलिक सीमा मे बना सकती है। विश्व मे पहला communication satellite TELSTAR था।
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