rivers in rajasthan in hindi | राजस्थान की प्रमुख नदियाँ

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rivers in rajasthan in hindi
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rivers in rajasthan in hindi | राजस्थान की प्रमुख नदियाँ :

राजस्थान एक रेगिस्तानी राज्य है जिसमे नदियों व उसके पानी की अलग ही महत्ता है रेगिस्तान की प्यासी धरा को तर करने के लिए राजस्थान में अनेक नदियाँ बहती है जिसमे चम्बल, बनास, लूनी आदि प्रमुख है तो आइये जानते है राजस्थान की प्रमुख नदियो (rivers in rajasthan in hindi) के बारे में…

चंबल

  1. इस नदी की कुल लंबाई 1,024 किलोमीटर है|
  2. इस नदी का उद्गम स्थल महू के पास जानापाव में है जो कि विंध्याचल पर्वत श्रेणी का एक हिस्सा है|
  3. चम्बल को कामधेनू, चरणवती, नित्य वाहिनी के नाम से भी जाना जाता है|
  4. यह नदी उत्तर प्रदेश में इटानगर के निकट मुरादगंज में यमुना नदी में मिलती है|
  5. चंबल नदी पर ही चूलिया जलप्रपात है जो कि चित्तोडगढ के पास में है|
  6. चंबल नदी पर गांधी सागर बांध, राणा प्रताप सागर बांध, जवाहर सागर बांध और कोटा बैराज बांध स्थित है|
  7. कालीसिंध, छोटी काली सिंध, पर्वती, बामणी , मांगली, कूनो, बनास, निमाज आदि चंबल की प्रमुख सहायक नदियां हैं|

बनास नदी

  1. इस नदी की कुल लंबाई 512 किलोमीटर है|
  2. इस नदी का उद्गम स्थल राजसमंद जिले में कुंभलगढ़ तहसील की अरावली पर्वत की खमनोर की पहाड़ियां है|
  3. बनास नदी सवाई माधोपुर जिले के खंडार तहसील में रामेश्वरम नामक स्थान पर चंबल नदी में मिलती है|
  4. बनास नदी को वन की आशा जैसे उपनाम से भी पुकारा जाता है|

कालीसिंध नदी

  1. इस नदी की कुल लंबाई 351 किलोमीटर है|
  2. इस नदी का उद्गम स्थल मध्य प्रदेश के देवास जिले के बागली नामक गांव में है|
  3. कालीसिंध नदी कोटा में नौनेरा के पास चंबल नदी में मिल जाती है|
  4. निवाज, रेवा, पीपलाज, परवन आदि कालीसिंध नदी की प्रमुख सहायक नदियाँ है|

पार्वती नदी

  1. इस नदी की कुल लंबाई 383 किलोमीटर है|
  2. इस नदी का उद्गम स्थल मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में विंध्याचल की पहाड़ियां है|
  3. पार्वती नदी को पारा नाम से भी जाना जाता है|
  4. धौलपुर जिले में इस नदी पर पार्वती बांध का निर्माण किया गया है|
  5. पार्वती नदी कोटा जिले में चंबल नदी में मिल जाती है|

बाणगंगा नदी

  1. इस नदी की कुल लंबाई 380 किलोमीटर है|
  2. बाणगंगा नदी का उद्गम स्थल जयपुर जिले की बेराठ की पहाड़ियां है|
  3. इस नदी को अर्जुन की गंगा और ताला नदी के उपनाम से जाना जाता है|
  4. बाणगंगा नदी आगरा के फतेहाबाद में यमुना नदी में मिल जाती है|

माही नदी

  1. इस नदी की कुल लंबाई 583 किलोमीटर है|
  2. माही नदी का उद्गम स्थल मध्यप्रदेश में धार जिले के सरदारपूर के निकट मेहद झील है|
  3. माही नदी अंत में खंभात की खाड़ी, अरब सागर में मिलती है|
  4. इस नदी को वागड़ एवं कांठल की गंगा, दक्षिण राजस्थान की स्वर्ण रेखा, आदिवासियों की गंगा आदि उपनाम से जाना जाता है|
  5. सोम, जाखम, मोरल, चाप आदि माही नदी की सहायक नदियाँ है|

लूनी नदी

  1. इस नदी की कुल लंबाई 495 किलोमीटर है|
  2. लूनी नदी थार रेगिस्तान की सबसे बड़ी नदी है।
  3. इस नदी का उद्गम स्थल अरावली रेंज के नाग पहाड़ अजमेर में है|
  4. लूनी नदी का जल बालोतरा बाड़मेर तक मीठा है इसके बाद इसका जल खारा हो जाता है|
  5. यह नदी कच्छ का रण गुजरात में विलुप्त हो जाती है|
  6. लूनी नदी को मरुस्थल की गंगा, आधी मीठी आधी खारी नदी, मारवाड़ की जीवन रेखा, लवणवति के उपनाम से जाना जाता है|
  7. सुकड़ी, मीठड़ी, जवाई, लीलड़ी, जोजड़ी, बांडी आदि लूनी नदी की सहायक नदियाँ है|

साबरमती नदी

  1. इस नदी की कुल लंबाई 371 किलोमीटर है|
  2. इस नदी का उद्गम स्थल अरावली पहाड़ियाँ में ढेबर झील है|
  3. साबरमती नदी अंत में अरब सागर में खंभात की खाड़ी में मिलती है|

पश्चिमी बनास नदी

  1. इस नदी की कुल लंबाई 512 किलोमीटर है|
  2. इस नदी का उद्गम स्थल अरावली पहाड़ी की श्रृंखला है|
  3. पश्चिमी बनास नदी अंत में कच्छ की खाड़ी में मिलती है|

जाखम नदी

  1. जाखम नदी का उद्गम स्थल प्रतापगढ में स्थित भंवरमाता की पहाड़ियाँ है।
  2. इसी नदी पर प्रदेश का सबसे ऊँचा बांध जाखम बांध प्रतापगढ़ में बना है।
  3. करमाई व सूकडी जाखम की सहायक नदियाँ है ।

सोम नदी

  1. सोम नदी का उद्गम स्थल उदयपुर में बीछामेड़ा पहाड़ी है।
  2. यह नदी डूंगरपुर के बेणेश्वर में माही नदी में मिल जाती हैं|
  3. जाखम, टीडी, सारनी व गोमती सोम नदी की सहायक नदियां है ।

अनास नदी

  1. अनास नदी का उद्गम स्थल मध्यप्रदेश में है ।
  2. अंत में यह नदी माही नदी में मिल जाती है ।
  3. हरन अनास की प्रमुख सहायक नदी हैं ।

घग्गर नदी

  1. इस नदी की कुल लंबाई 320 किलोमीटर है|
  2. घग्गर नदी का उद्गम स्थल कालका के पास हिमालय की शिवालिक पहाड़ियां है|
  3. यह नदी राजस्थान में अंतर प्रवाह वाली सबसे लंबी नदी है|
  4. प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता के केंद्र इसी नदी के किनारे पर स्थित है|

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