mohenjo daro sindhu history fact | मोहनजोदड़ो और सिन्धु घाटी के बारे में 10 रोचक तथ्य

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mohenjo daro sindhu history fact
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मोहनजोदड़ो और सिन्धु घाटी के बारे में 10 रोचक तथ्य (mohenjo daro sindhu history fact) :

मोहनजोदड़ो और सिन्धु घाटी प्राचीन सभ्यता है यह सभ्यता अति प्राचीन और समृद्ध रही है जिसकी नगरीय व्यवस्था, मूर्ति पूजन, खेल खिलौने और इसकी लिपि भी अति विशिष्ट थी तो आइये जानते है मोहनजोदड़ो और सिन्धु घाटी सभ्यता के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य (mohenjo daro sindhu history fact)….

दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यता :

आईआईटी खडगपुर और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के वैज्ञानिको ने हाल ही में सबूतों का खुलासा किया है कि सिन्धु सभ्यता कम से कम 8000 वर्ष पुरानी है और पहले की तरह 5,500 वर्ष पुरानी नही थी| 25 मई 2016 को नेचर पत्रिका में प्रकाशित यह खोज न केवल मिस्त्र और मेसोपोटामिया की सभ्यताओ की तुलना में पुरानी बल्कि दुनिया में सबसे पुरानी है|

पेचीदा लिपि :

दुनिया की सभी लिपियों में सबसे पेचीदा , सिन्धु लिपि आंशिक रूप से चित्रात्मक संकेतो और विभिन्न मानव और पशु रूपानको से बनी है| ये लघु नाट्य मुहरो,टेराकोटा और कभी कभी धातु पर अंकित किये गये है भाषाई विशेषज्ञ और वैज्ञानिक दशको से इस चुनौतीपूर्ण लिपि को समझने की कोशिश कर रहे है क्योकि इसमें इस रहस्यमयी संस्कृति के रहस्यों की कुंजी छुपी हो सकती है|

हड्डपा के विशाल धन्यागार :

कई धान्यागार के साक्ष्य , ठोस ईट की नीव वाली विशाल इमारते हड्डपा, मोहनजोदड़ो और राखी गढ़ी की खुदाई में पाए गये है सभी अनाजगार नदी के तट के करीब बनाए गए थे ताकि नावों की मदद से अनाज आसानी से ले जाया जा सके|

खेल और खिलौने :

साक्ष्य बताते है कि सिन्धु घाटी सभ्यता के लोग खेल और खिलौने पसंद करते थे उत्कीर्ण ग्रिड चिन्हों और खेलने के टुकडो के साथ सपाट पत्थर पाए गये है, जो दर्शाता है कि सिन्धु के लोगो ने शतरंज के शुरूआती रूप को खेला हो| छ: तरफ वाला पासा भी पाया गया है जो दर्शाता है कि उन्होंने पासे का आविष्कार भी किया होगा|

नगरीय व्यवस्था :

सुव्यवस्थित सड़के और एक विस्तृत जल निकासी प्रणाली संकेत देती है कि प्राचीन सिन्धु सभ्यता के रहने वाले लोग कुशल नगरीय योजनाकार थे जो पानी के प्रबन्धन को महत्व देते थे पुरे नगर में कुएं भी पाए गये है और लगभग हर घर में एक स्पष्ट रूप से सीमांकित स्नानघर और एक जल निकासी प्रणाली पाई गई|

मूर्तियाँ :

खुदाई में कुछ विशेष मूर्तियाँ भी मिली है जो टेराकोटा और कांस्य आदि से निर्मित है जो उस समय कुशल शिल्प कौशल की उपस्थिति दर्शाती है|

देवी माँ की पुजा :

यह व्यापक रूप से स्वीकार किया गया है कि हडप्पा के लोग अन्य प्रतीकों के अलावा , एक देवी की पुजा भी करते थे | लगभग हर खुदाई स्थल से बड़ी संख्या में देवी देवताओ की मूर्तियाँ की बरामदगी से पता चलता है कि देवी माँ की पुजा सभ्यता में व्यापक और लोकप्रिय थी|

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