जानिए विश्व की प्रमुख कृषि प्रणालियों के बारे में | world agriculture method

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परिचय world agriculture :

दुनिया में कृषि को बढावा देने के उद्देश से कई प्रकार की कृषि प्रणालियों  (world agriculture method) का उपयोग किया जादा है ताकि सम्पूर्ण दुनिया को भविष्य में कभी भुकमरी का सामना नहीं करना पढ़े  |

प्रमुख कृषि प्रणालियां (world agriculture method)

  1. वाणिज्यिक वृक्षारोपण
  2. पशुपालन
  3. गहन जीविका कृषि
  4. यायावर पशुचारण
  5. बाजार उद्यान
  6. भूमध्य कृषि
  7. वाणिज्यिक दूध उत्पादन
  8. स्थानांतरण कृषि
  9. मिश्रित कृषि
  10. वाणिज्यिक खाद्य कृषि

वाणिज्यिक वृक्षारोपण

इस प्रकार की खेती संसार के उन भागों में कि जाती है जहां औपनिवेश काल के दौरान यूरोपीय लोगों का महत्वपूर्ण प्रभाव रहा है जैसे की एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका । हालांकि, एक छोटे से क्षेत्र में इस प्रकार की खेती किया जाता है । इस प्रकार की खेती के प्रमुख उत्पाद चाय, कॉफी, रबर और ताड का तेल आदि है ।

पशुपालन

यह खेती मुख्य रूप से समशीतोष्ण घास के मैदानों में की जाती है साथ ही कुछ हद तक यह उष्णकटिबंधीय सवाना घास के मैदान जैसे कैम्पोस और लिअनोस में भी प्रचलित है । स्थायी खेतों में, बड़ी संख्या में मवेशी, भेड़, बकरियों और घोड़ों को रखा जाता है । इनका उपयोग मांस और ऊन का उत्पादन प्राप्त करने के लिए किया जाता है |

गहन जीविका कृषि

 इस प्रकार की कृषि प्रणाली में, फसलों को मुख्य रूप से उत्पादन स्थानीय खपत के लिए किया जाता है। यदि कोई अधिशेष है, तो उसे बाजार में बेचा जाता है।  यह दो तरह के होते हैं: पहला धान की खेती का प्रभुत्व है और दूसरा ज्वार, सोयाबीन, गन्ना, मक्का और सब्जियों जैसे फसलों का प्रभुत्व है।  वियतनाम , थाईलैंड , म्यांमार और गंगा-ब्रह्मपुत्र डेल्टा क्षेत्रो में इस प्रकार की कृषि प्रणाली बहुत प्रचलित है ।

यायावर पशुचारण

 उत्तरी अफ्रीका, अरब के हिस्सों और उत्तरी यूरेशिया के कुछ हिस्सों में इस प्रकार की कृषि प्रणाली मुख्य  रूप से प्रचलित हैं। यह कृषि प्रणाली प्राकृतिक चरागाहों पर जानवरों के पालन पर आधारित है । इस तरह की कृषि प्रणाली अर्द्ध शुष्क और शुष्क क्षेत्रों के लोगो में बहुत अधिक प्रचलित हैं ।

बाजार उद्यान

 अत्यधिक विकसित हैं और समशीतोष्ण अक्षांश पर स्थित क्षेत्रों में इस तरह की कृषि प्रणाली उपयोग में लाई जाती हैं जैसे उत्तर-पश्चिमी यूरोप, पूर्वी उत्तरी अमेरिका, रूस, यूक्रेन, और दक्षिणी महाद्वीप । इस प्रकार की खेती को ट्रक फार्मिंग भी कहा जाता है।

भूमध्य कृषि

  •  यह कृषि प्रणाली भूमध्य जलवायु क्षेत्रों में बहुत प्रचलित है इसमें सर्दी में नमी और गर्मी में सुखा होता है।
  • इस प्रकार की कृषि बहुत ही गहन, अत्यधिक विशिष्ट और फसलों में विविधता वाली होती है।
  • घरेलू खपत के लिए गेहूं, जौ और सब्जियों जैसी फसलों का उत्पादन किया जाता है,
  • जबकि रसदार फल, जैतून और अंगूर जैसी फसलों का उत्पादन निर्यात के लिए किया जाता हैं।
  • यही कारण है कि इस क्षेत्र को विश्व का ऑर्चर्ड लैंड्स भी कहा जाता है और इसे विश्व के शराब उद्योग का दिल भी कहा जाता है।

वाणिज्यिक दूध उत्पादन

 इस कृषि प्रणाली की उत्पत्ति यूरोप में हुयी है फिर विश्व के अन्य क्षेत्रो में फैल गई । बाजार और समशीतोष्ण जलवायु कि निकटता इसके प्रसार के मुख्य कारक हैं। इस प्रकार की कृषि डेनमार्क और स्वीडन जैसे देशों ने बहुत प्रचलित है ।

स्थानांतरण कृषि

 स्थानांतरण कृषि या झूम कृषि एक आदिम प्रकार की कृषि प्रणाली है जिसमें सबसे पहले वृक्षों तथा वनस्पतियों को काटकर उन्हें जला दिया जाता है और फिर साफ की गई भूमि पर  पुराने उपकरणों से जुताई करके उसमे बीज बो दिये जाते हैं। जब तक मिट्टी में उर्वरता विद्यमान रहती है इस भूमि पर खेती की जाती है। इसके पश्चात् इस भूमि को छोड़ दिया जाता है जिस पर पुनः पेड़-पौधें उग आते हैं।

मिश्रित कृषि

 यह कृषि प्रणाली, विश्व के उन क्षेत्रो में उपयोग में लाई जाती हैं जो  अत्यधिक विकसित हैं और समशीतोष्ण अक्षांश पर स्थित हैं जैसे उत्तर- पश्चिमी यूरोप, पूर्वी उत्तरी अमेरिका, रूस, यूक्रेन, और दक्षिणी महाद्वीप ।

वाणिज्यिक खाद्य कृषि

यह कृषि प्रणाली मुख्य रूप से कनाडा  और अमेरिका, अर्जेंटीना और लिअनोस, दक्षिण अफ्रीका , ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड , यूरेशियन स्टेपप्स के चेरनोज़म मिट्टी में प्रचलित है। कृषि की इस प्रणाली की मुख्य विशेषताएं यह हैं की इसमें अत्यधिक मशीनीकृत खेती; खेत बहुत बड़े हैं; गेहूं का प्रावधान और प्रति एकड़ कम पैदावार लेकिन प्रति व्यक्ति उपज उच्च होती है।

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