क्या है धारा 124A (Article 124A)
भारतीय कानून संहिता (आईपीसी) की धारा 124A (Article 124A) में देशद्रोह की दी हुई परिभाषा के मुताबिक, अगर कोई भी व्यक्ति सरकार-विरोधी सामग्री लिखता या बोलता है या फिर ऐसी सामग्री का समर्थन करता है, या राष्ट्रीय चिन्हों का अपमान करने के साथ संविधान को नीचा दिखाने की कोशिश करता है, तो उसे आजीवन कारावास या तीन साल की सजा हो सकती है.
कब आई थी धारा 124A (Article 124A)
यह नियम 1860 में बनाया गया था और फिर 1870 में इसे आईपीसी में शामिल किया गया था। Sedition Law ब्रिटिश सरकार द्वारा बनायी गई थी जिसे आजादी के बाद, भारतीय संविधान ने अपनाया। 1860 में बने इस कानून का इस्तेमाल ब्रिटिश सरकार ने बालगंगाधर तिलक के खिलाफ किया था।
क्या है देशद्रोह
- अगर कोई भी व्यक्ति सरकार-विरोधी सामग्री लिखता या बोलता है ऐसी सामग्री का समर्थन करता है |
- राष्ट्रीय चिन्हों का अपमान करने के साथ संविधान को नीचा दिखाने की कोशिश करता है |
- अपने लिखित या फिर मौखिक शब्दों, या फिर चिन्हों या फिर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर नफरत फैलाने या फिर असंतोष जाहिर करता है ।
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किन पर लागू हुई है 124A (Article 124A)
- 1870 में महात्मा गांधी पर
- 1962 में केदारनाथ सिंह पर
- 2010 में बिनायक सेन पर
- 2012 में काटूर्निस्ट असीम त्रिवेदी पर
- 2012 में कुडनकुलम परमाणु प्लांट का विरोध करने वाले 7 हजार ग्रामीणों पर
- 2015 में हार्दिक पटेल पर