परिचय / Introduction :
खजुराहो में चंदेल राजाओं द्वारा बनवाए गए ख़ूबसूरत मंदिरो (Khajuraho Temple) का समूह हैं । यहां बहुत बड़ी संख्या में प्राचीन हिन्दू और जैन मंदिर हैं, यह भारत के मध्यप्रदेश प्रान्त, छत्तरपुर ज़िले में स्थित एक छोटा-सा क़स्बा हैं ,खजुराहो समूह यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साईट में शामिल है, खजुराहो को प्राचीन काल में खजूरपुरा और खजूर वाहिका के नाम से भी जाना जाता था, खजुराहो नाम पढ़ने का कारण है की यहाँ पहले बहुत से खजूर के पेड़ थे।
इतिहास / History :
- चंदेल शासकों ने इन मंदिरों की निर्माण सन 900 से 1130 ईसवी के बीच करवाया था |
- चंदेल राजाओं ने क़रीब 84 बेजोड़ व लाजवाब मंदिरों का निर्माण करवाया था, लेकिन उनमें से अभी तक
- सिर्फ़ 22 मंदिरों की ही खोज हो पाई है |
- खजुराहो स्मारकों में बदलाव 13 वी शताब्दी में दिल्ली सल्तनत के आक्रमण के बाद हुआ, सुल्तान
- कुतुब-उद-दिन ऐबक ने आक्रमण कर के चंदेल साम्राज्य को छीन लिया था।
- इब्न बतुत्ता, मोरक्कन यात्री तक़रीबन 1335 से 1342 ईसवी तक भारत रुका और उसने अपने लेखो में
- खजुराहो को “कजर्रा” कहते हुए जिक्र किया।
- 1838 में ब्रिटिश इंजीनियर कैप्टन टी.एस. बर्ट ने अपनी यात्रा के दौरान जंगलों में लुप्त इन मन्दिरों की
- खोज की और उनका विवरण बंगाल की एशियाटिक सोसाइटी के समक्ष प्रस्तुत किया ।
- मध्य भारतीय क्षेत्र में खजुराहो मंदिर 13 से 18 वी शताब्दी के बिच मुस्लिम शासको के नियंत्रण में थे ।
- 1495 ईसवी में सिकंदर लोदी ने अपनी सैन्य शक्ति के बल पर खजुराहो मंदिरों का विनाश किया था
- 1843 से 1847 के बीच छतरपुर के स्थानीय महाराजा ने इन मन्दिरों की मरम्मत कराई।
निर्माण :
- खजुराहो के मंदिरों (Khajuraho Temple) के निर्माण के पीछे एक बेहद रोचक कथा है : कहा जाता है कि हेमवती एक पुजारी
- की बेटी थी, एक बार जब जंगल के तालाब में नहा रही थी, तो चंद्र देव (चंद्रमा) उस पर मोहित हो गए
- और दोनों के एक बेटा हुआ , हेमवती ने अपने बेटे का नाम चंद्रवर्मन रखा, इसी चंद्रवर्मन ने बाद में चंदेल
- वंश की स्थापना की । चंद्रवर्मन का पालन-पोषण हेमवती ने जंगल में किया, राजा बनने के बाद चंद्रवर्मन
- अपनी मां का सपना पूरा करने की ठानी । उसकी मां चाहती थी कि मनुष्य की सभी मुद्राओं को पत्थर पर
- उकेरा जाए इस तरह चंद्रवर्मन की मां हेमवती की इच्छा स्वरूप इन ख़ूबसूरत मंदिरों का निर्माण हुआ।
- खजुराहो के ये मंदिर पूरी दुनिया के लिए एक धरोहर स्वरुप हैं ।
प्रसिद्द मंदिर / Famous Temple :
- खजुराहो के दक्षिणी समूह के मंदिरों में आते हैं चतुर्भुज और दूल्हादेव मंदिर ।
- खजुराहो के पश्चिमी समूह में लक्ष्मण, कंदारिया महादेव, मतंगेश्वर, विश्वनाथ, लक्ष्मी, जगदम्बी, चित्रगुप्त,
- पार्वती तथा गणेश मंदिर आते हैं, यहीं पर वराह व नन्दी के मंडप भी हैं।
बनावट और वास्तुकला / Texture and architecture :
- मंदिरों का शहर खजुराहो पूरे विश्व में पत्थरों से निर्मित मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है।
- हिन्दू कला और संस्कृति को शिल्पियों ने इस शहर के पत्थरों पर मध्यकाल में उत्कीर्ण किया था ।
- सामान्य रूप से यहां के मंदिर बलुआ पत्थर से निर्मित किए गए हैं |
- चौंसठ योगिनी, ब् रह्मा तथा ललगुआँ महादेव मंदिर ग्रेनाइट से निर्मित हैं।
- इस सुंदर मंदिर की बाहरी दीवारों पर भी देवी-देवताओं, स्त्रियों और बहुत सारी अन्य पत्थर की नक्काशियाँ बनी हैं।
- मंदिर के प्रवेश द्वार सूर्यदेव की छोटी मूर्तियों से सजे हुए हैं।
खजुराहो मंदिर (Khajuraho Temple)– रोचक तथ्य / Interesting Fact :
- आज से तकरीबन 1000 साल पहले खजुराहो चन्द्रेल राजा की राजधानी हुई करती थी|
- खजुराहो के स्मारक को UNESCO ने 1986 में विश्व धरोहर में शामिल किया था|
- खजुराहो में हिन्दुओ के तीनो देवो ब्रम्हा, विष्णु, महेश की कई मुर्तिया है और कुछ देविओं की भी मुर्तिया विराजित है|
- पुरातत्व के सर्वेक्षण में खजुराहो को प्राचीन आरक्षित स्मारक में सबसे ऊपर रखा गया
- खजुराहो में कंदरिया महादेव मंदिर करीबन 107 फुट ऊंचा बनाया गया है जो की खजुराहो का एक प्रसिद्ध मंदिर है|
- खजुराहो से तकरीबन 80 km की दुरी पर अजयगढ़ का दुर्ग है जो की चन्देल शासन के समय बहुत महत्वपूर्ण हुआ करता था।
- जेम्स मैककोन्नाचि ने अपने कामसूत्र की किताब में खजुराहो का भी वर्णन किया है |
- खजुराहो मंदिर को पश्चिमी समूह, पूर्वी समूह और दक्षिणी समूह में विभाजित किया गया
- मंदिरों के अंदर छोटे छोटे कक्ष है जो आपस में जुड़े हुए है| सबमे एक प्रवेश द्वार और पवित्र स्थान है |
- खजुराहो मंदिर के बाहर 646 और मंदिर के अंदर 246 आकृतिया है जिनमे काफी सारी आकृतियों में कामासूत्र के आसन को प्रदर्शित किया गया है|
Q1- मंदिर के निर्माण में किस पत्थर क्या प्रयोग
किया गया ?
Q2- मदिर के प्रवेश द्वार पर किस देवता की मूर्ति है…?
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