परिचय :
कोणार्क का सूर्य मंदिर ( Konark Sun Temple ) भारत के उड़ीसा राज्य के पुरी ज़िले के कोणार्क नामक क़स्बे में स्थित है, इस सूर्य मंदिर का निर्माण गंग वंश के राजा नरसिंहदेव ने 13वीं शताब्दी में करवाया था, कोणार्क शब्द ‘कोण’ और ‘अर्क’ शब्दों के मेल से बना है। अर्क का अर्थ होता है सूर्य जबकि कोण से अभिप्राय कोने या किनारे से रहा होगा । सूर्य मंदिर भी यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साईट में शामिल है । कोणार्क का सूर्य मंदिर ( Konark Sun Temple ) पुरी के उत्तर पूर्वी किनारे पर समुद्र तट के क़रीब निर्मित है ।
इतिहास :
- इस मंदिर को लाल बलुआ पत्थर एवं काले ग्रेनाइट पत्थर से 1236- 1264 ई.पू. में बनवाया गया था |
- यहां सूर्य को बिरंचि-नारायण भी कहते थे ।
- कलिंग शैली में निर्मित यह मंदिर सूर्य देव(अर्क) को एक बारह जोड़ी चक्रों वाले, सात घोड़ों से खींचे जाते सूर्य देव के रथ के रूप में बनाया है |
- मंदिर के 7 घोड़े सप्ताह के सातों दिनों के प्रतीक हैं।
- 12 जोड़ी पहिए दिन के चौबीस घंटे दर्शाते हैं, वहीं इनमें लगी 8 ताड़ियाँ दिन के आठों प्रहर की प्रतीक स्वरूप है। कुछ लोगों का मानना है कि 12 जोड़ी पहिए साल के बारह महीनों को दर्शाते हैं।
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कोणार्क मंदिर तथ्य (Fact of Konark Sun Temple ) :
- कलात्मक इंजीनियरिंग और भव्यता : राजा नृसिंहदेव द्वारा 1200 कलाकारों की मदद से बनवाये गए वास्तुकला की इस भव्यता को बनने में लगभग 12 साल का समय लगा।
- रथ में बने पहिये की विशेताएँ : कोणार्क मंदिर के रथ में बने पहिये सूर्य घड़ी की मुद्रा में बने हैं जिन्हें आज के घड़ियों के अनुसार बनाया गया है।
- रचनात्मक वैज्ञानिक नीति : मंदिर के ऊपरी हिस्से में चुम्बकों को इस तरह स्थापित किया गया था जिससे कि मंदिर की प्रमुख प्रतिमा हवा में तेरे।
- गहरे रंग के लिये मंदिर ( Konark Sun Temple ) को काला पगोडा कहा जाता है
- मंदिर के प्रवेश पर दो सिंह हाथियों पर आक्रामक होते हुए रक्षा में तत्पर दिखाये गए हैं
- यह मंदिर असल में चंद्रभागा नदी के मुख में बनाया गया है
- इस मंदिर की ऊॅचाई 229 फ़ीट है
- मंदिर के दक्षिणी भाग में भी दो घोड़े बने हुए है जिसे उड़ीसा की सरकार ने अपने राजचिन्ह के तौर पर चुना है
- इस मंदिर ( Konark Sun Temple) में सूर्य भगवान की तीन प्रतिमाएं हैं
- मुख्य मंदिर तीन मंडपों में बने थे लकिन इनमें से दो मण्डप ढह चुके हैं
- तीसरे मंडप में जहां मूर्ती थी अंग्रेज़ों ने भारतीय स्वतंत्रता से पूर्व ही रेत व पत्थर भरवा कर सभी द्वारों को स्थायी रूप से बंद करवा दिया था
- मंदिर ( Konark Sun Temple) को यूनेस्कोंच द्वारा वर्ष 1984 में विश्वर विरासत की सूची में भी शामिल किया गया
Q1- मंदिर का निर्माण किसने करवाया ?
Q2- मंदिर के निर्माण के कार्य मे कितना समय लगा …?