मध्यप्रदेश भारत में कुल 11 राष्ट्रीय उद्यान(National Parks) है, यह सर्वाधिक राष्ट्रीय उद्यान वाला राज्य है | “कान्हा किसली” प्रदेश का प्रथम “बाघ परियोजना” में सम्मिलित राष्ट्रीय उद्यान हैं। मध्यप्रदेश में सर्वाधिक बाघ कान्हा किसली उद्यान” में हैं बाघों का सर्वाधिक घनत्व “बांधवगढ़ उद्यान” में है।प्रदेश में “चीतल” सर्वाधिक संख्या में पाए ने वाला प्राणी है। मध्यप्रदेश के रीवा को सफेद शेरो की जन्म भूमि भी कहा जाता है। मध्यप्रदेश में 1974 से वन्यजीव संरक्षण अधिनियम लागू है।
कान्हा किसली :
- कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान मंडला जिले के अंतर्गत आता है .
- यह लगभग 940 वर्ग किमी में फैला हुआ है .
- यह मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान हैं .
- इसे सन् 1933 में अभ्यारण तथा 1955 में नेशनल पार्क बनाया गया.
- कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान (National Parks) को 1974 में बाघ परियोजना
- ( Tiger Reserve ) में शामिल किया गया ।
- यहां पर हालो घाटी तथा बंजर घाटी प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं।
- इस राष्ट्रीय उद्यान (National Parks) में वर्ल्ड बैंक ( world bank ) की सहायता से पार्क इंटर प्रीवेंशल योजना चल रही है.
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान :
- पन्ना राष्ट्रीय उद्यान मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के पन्ना एवं छतरपुर में फैला हुआ है.
- इसका क्षेत्रफल लगभग 543 वर्ग किमी है.
- इस राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना सन् 1981 में हुई थी.
- इसे 1994 में बाघ परियोजना में शामिल किया गया.
- सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान
- सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान होशंगाबाद जिले के अंतर्गत आता है
- इसका क्षेत्रफल लगभग 525 वर्ग किमी है.
- इस राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना सन् 1983 में हुई थी.
- सतपुड़ा नेशनल पार्क में कृष्ण मृगों की संख्या अधिक है.
बांधवगढ राष्ट्रीय उद्यान :
- बांधवगढ राष्ट्रीय उद्यान शहडोल जिले के अंतर्गत आता है
- इसका क्षेत्रफल लगभग 437 वर्ग किमी है.
- इस राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना सन् 1968 में हुई थी.
- बाघों का सर्वाधिक घनत्व “बांधवगढ़ उद्यान” में है
- इसे 1993 में बाघ परियोजना में शामिल किया गया.
- इस राष्ट्रीय उद्यान में सफेद शेर पायें जाते हैं
- यह 32 पहाड़ियों से घिरा हुआ है।
माधव राष्ट्रीय उद्यान :
- माधव राष्ट्रीय उद्यान शिवपुरी जिले के अंतर्गत आता है
- इस उद्यान से राष्ट्रीय राजमार्ग 3 आगरा – मुंबई गुजरता है।
- जार्ज कैसल भवन यही पर है।
- इसका क्षेत्रफल लगभग 354 वर्ग किमी है.
- इस राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना सन् 1958 में हुई थी.
पेंच राष्ट्रीय उद्यान :
- यह सिवनी – छिन्दवाड़ा जिले तथा महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में फैला हुआ है।
- इस राष्ट्रीय उद्यान का नामकरण इसे दो भागों में बांटने वाली पेंच नदी के नाम पर हुआ है।
- वर्ष 1977 में 449.39 वर्ग कि.मी. वन क्षेत्र को पेंच अभ्यारण्य क्षेत्र
- घोषित किया गया. 1983 में इसमें से 292.850 वर्ग कि.मी. क्षेत्र को
- पेंच राष्ट्रीय उद्यान बनाया गया था.
- इस राष्ट्रीय उद्यान में मोगली लैंड क्षेत्र तथा वॅाटर राफ्टिंग सुविधा है।
- 1993 में देश का सर्वश्रेष्ठ टाइगर रिजर्व होने का गौरव पेंच के नाम है.
फॅासिल जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान :
- यह मंडला, डिंडोरी जिले में है, क्षेत्रफल की दृष्टि से मध्यप्रदेश का सबसे छोटा राष्ट्रीय उद्यान हैं
- इसका क्षेत्रफल लगभग 0.27 वर्ग किमी है.
- इस राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना सन् न 1963 में हुई थी.
- इस उद्यान में पादपों तथा जन्तुओं के जीवाश्म पाए जाते हैं।
- संजय राष्ट्रीय उद्यान
- संजय राष्ट्रीय उद्यान सीधी जिले के अंतर्गत आता है
- इसका क्षेत्रफल लगभग 466.657 वर्ग किमी है.
- इस राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना सन् न 1981 में हुई थी.
- सन् 2000 में मध्य प्रदेश के विभाजन के बाद इसका
- एक बड़ा भाग छत्तीसगढ़ राज्य के पास चला गया।
वन विहार :
- वन विहार राष्ट्रीय उद्यान भोपाल जिले के अंतर्गत आता है
- इसका क्षेत्रफल लगभग 4. 452 वर्ग किमी है.
- वन विहार की शानदार खासियतों की वजह से ही इसे
- 18 जनवरी 1983 को राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया.
ओंकारेश्वर राष्ट्रीय उद्यान :
- ओंकारेश्वर राष्ट्रीय उद्यान खण्डवा जिले के अंतर्गत आता है
- इसका क्षेत्रफल लगभग 246.44 वर्ग किमी है.
डायनासौर जीवाश्म उद्यान :
- डायनासौर जीवाश्म उद्यान धार जिले के अंतर्गत आता है
- इसका क्षेत्रफल लगभग 0.897 वर्ग किमी है.
QUE2- राष्ट्रीय उद्यान कितना प्रतिशत भाग छतीसगढ़ में गया …?
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