मध्य प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थल || madhya pradesh ke pramukh tourist places

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परिचय tourist places :

 tourist places : मध्यप्रदेश अपने पर्यटन के के कारण भी पूरी दुनिया में काफी प्रचलित है यहाँ प्रतिदिन देश – विदेश से कई पर्यटक का आना – जाना लगा रहता है |

मध्य प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थल  (tourist places)

खजुराहो

  •  खजुराहो नगर चंदेल शासको का धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र था ,जिसकी आधारशिला विख्यात राजा चंदवर्मा ने रखी|
  •  चंदेल राजाओं द्वारा निर्मित खजुराहो के इन मंदिरों का निर्माण काल ईसवी 950 से लेकर 1050 के बीच माना जाता है |
  •  यहाँ शेव ,जैन ,वैष्णव धर्म से संबंधित मंदिर है |
  • 1986 से यूनेस्को की विश्व धरोवर सूची में शामिल है |
  •  छतरपुर जिले में स्थित यह प्रदेश का मुख्य पर्यटन स्थल है |
  •  पूर्व में स्थित पार्श्वनाथ मंदिर ,घेटाई मंदिर और आदिनाथ मंदिर का अपना अलग ही महत्त्व है |
  •  पश्चिम में स्थित लक्ष्मण मंदिर ,कंदरिया महादेव ,चोसठ –योगिनी , चित्रगुप्त मंदिर ,विश्वनाथ और मातगेश्वर मंदिर है |
  •  दक्षिण में स्थित दुल्हादेव मंदिर और चतुर्भुज मंदिर स्थित है |

साँची

Sanchi tourist places
Sanchi ( Source:  MpTourism)
  •  साँची बोद्ध धर्म के प्रमुख तीर्थ के तोर पर विख्यात है |
  • ईसा पूर्व तीसरी शताब्दी में बने स्तूप साँची का प्रमुख आकर्षण का केंद्र है |
  • इन स्तुपो  का निर्माण सम्राट अशोक ने बोद्ध धर्म की दीक्षा लेने के पश्चात् कराया था
  • सन 1989 में यूनेस्को की विश्व धरोवर सूची में शामिल किया गया |
  • विश्व विख्यात बोद्ध स्तूप यही पर है |
  • यह रायसेन जिले में है |
  • अशोक ने सांची सहित कुल 84 हजार स्तुपो का निर्माण कराया |

उदय गिरि की गुफाए

  •  उदय गिरि की गुफाए साँची से लगभग 14 किलोमीटर की दुरी पर विदिशा मार्ग पर है |
  • इन गुफाओ की संख्या 20 है |
  • ये गुफाए चोथी शताब्दी ई . से दसवी शताब्दी ई.में निर्मित की गयी थी |
  •  गुफा नं.पांच में भगवान  विष्णु के वराह अवतार का चित्रण है |

मांडू

Mandu tourist places
Mandu ( Source:  MpTourism)
  •  यह धार  जिले में स्थित है |
  •  इसकी स्थापना बाज बहादुर ने की थी |
  • महमूद खिलजी द्वारा होशंगशाह के मकबरा निर्माण कराया  |
  • भारत की पहली संगमरमर से निर्मित इमारत है |
  • मांडू की आनंद की नगरी (सिटी ऑफ जॉय )भी कहा जाता है |
  • रानी रूपमती ,जहाज महल ,अशर्फी महल ,हिण्डोला महल आदि  यहाँ के दर्शनीय स्थान है |
  • माण्डव मुल रूप से मालवा के परमार राजाओ की राजधानी था |

ग्वालियर

Gwalior Fort tourist places
Gwalior Fort ( Source:  MpTourism)
  •  ग्वालियर सिंधिया  राजवंश की राजधानी थी |
  •  इस किले का निर्माण ईसा शताब्दी 525 में हुआ |
  • ग्वालियर के दर्शनीय स्थल  में  मान मंदिर ,गुजरी महल ,तेली मंदिर ,मोहम्मद गौस का मकबरा ,गुरुद्वारा दाताबंदी छोड़ ,तानसेन का मकबरा और सूर्य  मंदिर प्रमुख है |

ओरछा

Orcha tourist places
Orcha ( Source: MPToursim )

 

  •  ओरछा की स्थापना सोलहवी शताब्दी में बुंदेला शासक रुद्रप्रताप ने की थी |
  •  बेतवा नदी के तट पर स्थित है|
  • पहाड़ो की गोद में ओरछा एक समय बुंदेलखंड की राजधानी हुआ करता था |
  • यहाँ के प्रमुख दर्शनीय स्थल है – राम राजा महल , रायप्रवीण  महल ,चतुर्भुज मंदिर और लक्ष्मी नारायण मंदिर |

पचमढ़ी

  •  इस पर्वतीय स्थल की खोज का श्रेय ब्रिटिश साम्राज्य के एक अधिकारी कैप्टन जे.फारसोथ को जाता है |
  •  पचमढ़ी को “सतपुड़ा की रानी”एवं “मध्यप्रदेश का कश्मीर” कहा जाता है |
  • प्रदेश का एकमात्र स्थान जिसे बायोस्फीयर रिजर्व (जेवमंडल आरक्षित) क्षेत्र घोषित किया गया |
  • पचमढ़ी के प्रमुख दर्शनीय स्थल इस प्रकार है- जटाशंकर गुफा , पांडव गुफा , हांड़ी खो , प्रियदर्शिनी पाइंट, बड़े महादेव , गुप्त महादेव

उज्जैन

Ujjain
Ujjain ( Source:  MpTourism)
  •  प्राचीन ऐतिहासिक  नगरी उज्जैयनी ही आज का उज्जैन है |
  •  उज्जैन देश के प्राचीन नगरो  में से  एक है | भगवान महाकाल की इस नगरी को अतीत में उज्जयिनी ,अवन्ती नामों से संबोधित किया जाता रहा है |
  • क्षिप्रा के किनारे , महाकाल का एकमात्र दक्षिणमुखी मंदिर है, जहाँ सिंहस्थ मेले का आयोजन होता है | यह 12 ज्योतिर्लिंग मंदिरों में से एक है |
  • ब्रहस्पति का सिंह में प्रवेश के कारण सिंहस्थ कहा जाता है |
  •  यहाँ पर जंतर-मंतर वैधशाला है , जिसे राजा जयसिंह द्वारा बनवाया गया था |
  •   क्षिप्रा नदी के  किनारे  महाकाल मंदिर स्थित है | महाकाल की  गणना देश के बारह ज्योतिर्लिंगों में की गयी है |
  • महाकाल मंदिर  का निर्माण परमार युग में हुआ था |

भीम बेठिका

  •   राजधानी  भोपाल से लगभग 55 किलोमीटर की दुरी  पर भीमबेठिका स्थित है |
  •   यह स्थल शेलचित्रो के लिए प्रसिद्ध है |
  • शेलचित्रों की खोज का  श्रय  प्रसिद्ध पुरातत्व शास्त्री स्व.डॉ. विष्णु श्रीधर वाकणकर को जाता है , उन्होंने इस स्थल की खोज वर्ष 1957-58 में की थी|
  • वर्ष 2003 में यूनिस्को की विश्व धरोवर सूची में शामिल है|

भेडाघाट

Bhedaghat
Bhedaghat
  •  यह जबलपुर में स्थित है |
  •  नर्मदा और बावन नदी के संगम के कारण भेडाघाट कहा जाता है |
  • सफ़ेद संगमरमर की चट्टानों के लिए प्रसिद्ध है |
  • चौसठ योगिनी मंदिर 81 मूर्तियों  वाला मंदिर यही पर है |
  • शिव-पार्वती मंदिर ,जिसमे शिव-पार्वती नंदी पर आसीन है |
  • धुंआधार जल प्रपात,बंदर कुदनी आदि भी यहाँ के दर्शनीय स्थल है |

अमरकंटक

  •  नर्मदा नदी का उदगम स्थल  अमरकंटक मनोहारी पर्यटन धार्मिक स्थल है |
  •  नर्मदा माई के मंदिर में नर्मदा देवी और पार्वती देवी की प्रतिमा है |
  • यहाँ से तीन नदियाँ – नर्मदा , सोन , जोहिला निकलती है |
  • प्राचीन मंदिर को कलचुरी राजाओं ने बनवाया था |

ओंकारेश्वर

  •  ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में स्थित है|
  •   इस ज्योतिर्लिंग को ममलेश्वर व अमलेश्वर भी कहा जाता है |
  • धर्म ग्रंथो  के अनुसार यहाँ 68 तीर्थ स्थल है | यहाँ 33 करोड़ देवता परिवार सहित निवास करते है |
  • यह बारह ज्योतिर्लिंग  में से एक है |
  • यहाँ पर महादेव का मंदिर  , आदिशंकराचार्य की गुफाएँ , सिद्धनाथ का मंदिर , ममलेश्वर मंदिर , ओंकारेश्वर का मंदिर आदि दर्शनीय स्थल है |
  • ओंकारेश्वर का प्राचीन नाम मान्धाता है |

महेश्वर

  •  रामायण और महाभारत में महेश्वर को महिष्मति के नाम से संबोधित किया गया है |
  • यह खरगोन जिले में  है | इसका प्राचीन नाम महिष्मति  था , जो अहिल्याबाई की राजधानी रही  तथा हेहय वंश की राजधानी थी |
  • सहस्त्रधारा जलप्रताप  के साथ ही राजेश्वर मंदिर ,अहिल्या संग्रहालय भी यहं पर स्थित है |
  • यह साड़ियो के लिए प्रसिद्ध है |
  •  महेश्वर नर्मदा के किनारे स्थित है |
  •  इस का प्राचीन नाम महिष्मतिथा , जिसे सत्रहवी सदी में होल्कर परिवार कि रानी अहिल्याबाई ने बसाया था |
  • महेश्वर में फनसे , पेशवा और अहिल्या घाट है |

चित्रकूट

  •  उत्तरप्रदेश एवं मध्य प्रदेश की सीमा पर मध्य प्रदेश के सतना जिले में स्थित है
  • विन्ध्य पर्वतमाला के मध्य नेसर्गिक सोंदर्य लिए रमणीक स्थल चित्रकूट स्थित है |
  • भगवान राम और सीता ने वनवास के चौदह वर्ष में से ग्यारह वर्ष व्यतीत किये थे |

मैहर

  •  सतना से लगभग 40 किमी. स्थित मैहर , माँ शारदा के भव्य मंदिर के कारण साल भर तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों के आकर्षक का केंद्र रहता है |

अन्य स्थल / Other tourist places

  •  पन्ना – भगवान प्राणनाथ की नगरी पन्ना को  मंदिर का शहर भी कहा जाता है |.
  • भोपाल – मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल एक सुन्दर  शहर है | इसे अपने तालाबो और पहाड़ो के कारण जाना जाता है |यहाँ पर बड़ा तालाब , छोटा तालाब , भारत भवन , वन विहार , इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय आदि दर्शनीय स्थल है |
  •  भोजपुर – राजधानी भोपाल से लगभग 35 किमी. दूर बेतवा नदी के तट पर भोजपुर स्थित है  |
  • इंदौर की होलकर  छत्रियां – उन्नीसवी शताब्दी के उत्तराध्द्र में खान नदी के उत्तरी तट पर कृष्णपुरा स्थान पर  निर्मित छत्रियां होलकर शासको की वास्तुकला का अनुपम उदाहरण है |

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