Agricultural Schemes : भारत सरकार एवं मध्यप्रदेश सरकार ने कृषि को बढावा देने के उद्देश से कई महत्वपूर्ण कृषि सम्बंधित योजनाये (agricultural schemes) प्रारंभ की है |
बीमा सम्बंधित योजनाये (Insurance agricultural schemes ) :
राष्ट्रीय फसल बीमा योजना :
उद्देश्य: प्राकृतिक आपदाओं, कीट और रोगों के परिणामस्वरूप अधिसूचित फसल में से किसी की विफलता की स्थिति में किसानों को बीमा कवरेज और वित्तीय सहायता प्रदान करना।
संक्षिप्त विवरण: किसानों को खेती के प्रगतिशील तरीके, उच्च मूल्य (आगत) इनपुट और कृषि में उच्चतर तकनीक अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना।
PM फसल बीमा योजना :
प्रारंभ : 13 जनवरी 2016
उद्देश्य : प्राकृतिक आपदाओं, कीट और रोगों के परिणामस्वरूप
अधिसूचित फसल में से किसी की विफलता की स्थिति में किसानों को बीमा कवरेज और वित्तीय सहायता प्रदान करना ।
संक्षिप्त विवरण : किसानों द्वारा सभी खरीफ फसलों के लिए केवल 2% एवं सभी रबी फसलों के लिए 1.5% का एक समान प्रीमियम का भुगतान किया जाना है। वार्षिक वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के मामले में प्रीमियम केवल 5% होगा।
सही फसल दिलाने /फसल बेचने के लिए संस्था :
कृषि लागत /मूल्य आयोग :
संक्षिप्त विवरण : कृषि लागत और मूल्य आयोग भारत सरकार की विकेन्द्रित एजेन्सी है, पहले इसका नाम कृषि मूल्य आयोग था ।
नाफेड – NAFED (National Agricultural Cooperative Marketing Federation of India) :
उद्देश्य:
- यह देश भर में कृषि उत्पादन और वन संसाधनों के व्यापार को बढ़ावा देने के लिए स्थापित की गयी थी ।
- नाफेड अब भारत में कृषि उत्पादों के लिए सबसे बड़ी खरीद और विपणन एजेंसियों में से एक है ।
- नाफेड अब भारत में कृषि उत्पादों के लिए सबसे बड़ी खरीद और विपणन एजेंसियों में से एक है ।
ट्रिफेड – TRIFED (The Tribal Cooperative Marketing Development Federation of India ) :
उद्देश्य: यह एक राष्ट्रीय स्तर का शीर्ष संगठन है जो जनजातीय मामलों के मंत्रालय, सरकारी सरकार के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत कार्य करता है। भारत की। ट्रिफेड की पंजीकृत और हेड ऑफिस नई दिल्ली में स्थित है और देश में विभिन्न स्थानों पर स्थित 13 क्षेत्रीय कार्यालयों का नेटवर्क है।
भावांतर योजना :
प्रारंभ : 1987
उद्देश्य: इसका उद्देश्य किसानो को प्रोत्साहन देकर कृषि में बेहतर भविष्य कि संभावना तलाशना है l मंडी दरों में गिरावट से होने वाली हानि से बचाने के लिए यह योजना सुरक्षा कवच साबित होगी । योजना में प्रदेश के किसानों को उनकी उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलना सुनिश्चित होगा।
कृषि ऋण सम्बंधित योजनाये ( Loan agricultural schemes) :
किसान क्रेडिट कार्ड योजना :
उद्देश्य : इस योजना की मदद से किसान खेती के लिए 3.4% की दर से ऋण प्राप्त कर सकते है | नई फसल के दौरान खर्च के लिए विपणन ऋण का निर्माण किसान परिवार की खपत संबंधी आवश्यकताओं जैसे: जानवर और मशीनरी।
संक्षिप्त विवरण : किसान क्रेडिट कार्ड योजना एक क्रेडिट प्रणाली है जिसके द्वारा किसानों को सस्ती वित्तीय सहायता देकर कृषि (agricultural) क्षेत्र हेतु ऋण आवश्यकताओं को पूरा करना है । यह राष्ट्रीय कृषि (agricultural) और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा आर.वी. की सिफारिशों पर तैयार की गई थी ।
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक :
उद्देश्य : छोटे और सीमांत किसानों, खेतिहर मजदूरों , चाहे व्यक्तिगत रूप से या समूहों में, और सहकारी समितियों , कृषि (agricultural) प्रसंस्करण समितियों, सहकारी खेती समाज, मुख्य रूप से कृषि (agricultural) प्रयोजनों के लिए या कृषि कार्यों और अन्य के प्रगति के लिए ऋण देना, जमा स्वीकार, कारीगरों , छोटे उद्यमियों और छोटे व्यापार, वाणिज्य और उद्योग या सहयोग के अपने क्षेत्र के भीतर अन्य उत्पादक गतिविधियों में लगे हुए साधन के व्यक्तियों को ऋण देना ।
नाबार्ड – NABARD (National Bank for Agriculture and Rural Development) :
उद्देश्य : ग्रामीण क्षेत्रों में ऋणदाता संस्थाओं को पुनर्वित्त उपलब्ध कराना, संस्थागत विकास करना या उसे बढ़ावा देना, क्लाइंट बैंकों का मूल्यांकन, निगरानी और निरीक्षण करना, ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न विकासात्मक गतिविधियों को बढ़ावा देना. संस्थान निवेश और उत्पादन ऋण उपलब्ध कराना |
सहकारी बैंक :
संक्षिप्त विवरण : सहकारी बैंक वे बैंक हैं जिनका गठन एवं कार्यकलाप सहकारिता के आधार पर होता है। विश्व के अधिकांश भागों में सहकारी बैंक हैं जो लोगों की पूँजी जमा करते हैं तथा लोगों को धन उधार देते हैं।
अन्य कृषि सम्बंधित योजनाये (other agricultural schemes) :
मापवा योजना :
उद्देश्य : योजना का उद्देष्य महिला कृषकों के जीवनयापन स्तर में सुधार कर उसमें स्थायित्व लाना है ।
आईसोपाम योजना :
उद्देश्य : तिलहन एवं मक्का विकास की योजनाये क्रियान्वित की जाना |
संक्षिप्त विवरण : तिलहन एवं मक्का के अंतर्गत आने वाली फसलों के क्षेत्र, उत्पादन तथा उत्पादकता में वृध्दि करना एवं जिले में अधिक क्षेत्र तथा कम उत्पादकता वाले क्षेत्रों में प्राथमिकता के आधार पर कार्यक्रम का क्रियांवयन मुख्य रुप से किया जाना इस योजना का मुख्य उद्देश्य है ।
पात्रता : लाभार्थी की स्वयं की खेती हो तथा लाभार्थी दलहन एवं तिलहन फसलो को लेने के लिये सक्षम हो।
सघन कपास विकास योजना :
उद्देश्य : कृषकों को कपास बीज उपलब्ध कराया जाकर कपास की खेती को बढ़ावा देना |
सघन गन्ना विकास योजना :
उद्देश्य : कृषकों को गन्ने की विकसित प्रजातियां अधिक उत्पादन देने वाली उपलब्ध कराना । एवं नई तकनीकियों से वाकिफ कराना |
एकीकृत अनाज विकास कार्यक्रम (मोटा अनाज एवम चावल) :
उद्देश्य : मध्य प्रदेश में मोटे अनाज की उत्पादन एवं उत्पादकता एवं क्षेत्र में वृध्दि करना । इस कार्यक्रम के माध्यम से तकनीकी जानकारी कृषकों तक पहुंचाने के लिये विभिन्न घटकों में अनुदान/ सहायता का प्रावधान है। कार्यक्रम में धान, ज्वार, बाजरा, कोदो कुटकी, रागी, गेंहू, जौ फसलें सम्मिलित की गई हैं।
भू-जल संवर्धन योजना :
उद्देश्य : भू-जल के असयमित एवं अनियंत्रित दोहन से तथा जल धारण करने वाली पर्तो में प्राकृतिक रूप से जल भराव न होने के कारण गिरते भूजल स्तर पर नियंत्रण करने के उध्देश्य से ”परकोलेशन टैक” का निर्माण किया जाता हैं ।
राष्ट्रीय बायोगेस योजना :
उद्देश्य :
- भोजन बनाने हेतु सस्ता एवं सुलभ ईंधन उपलब्ध कराना |
- उत्तम पचा हुआ खाद कृषि हेतु उपलब्ध कराना |
- बॉयोगेस से प्रकाश उपलब्ध कराना ।
नलकूप खनन योजना :
उद्देश्य : अनुसूचित जाति तथा जनजाति के कृषको के खेतो में सिंचाई क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से खोदे गये नलकूपो पर अनुदान उपलब्ध कराना ।
राष्ट्रीय जलग्रहण क्षेत्र विकास कार्यक्रम :
उद्देश्य : प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण, विकास, टिकाउ प्रबंधन और उसका सदुपयोग , टिकाउ तकनीकी के माध्यम से कृषि फसलों का उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाना , अनिश्चित हो रही वारिश से चलते प्रकृति को संतुलित बनाते हुए हरियाली बढ़ाना , ग्रामीण समाज, भूमिहीन कृषक, मजदूर के लिये टिकाउ रोजगार के अवसरों को उत्पन्न करना ।
बैलगाड़ी योजना :
क्षेत्र : सम्पूर्ण मध्य प्रदेश
उद्देश्य : गौवंश को संरक्षित करने की दृष्टि से किसानों को बैलगाड़ी पर अनुदान देने ।
प्रतियोगिता प्रश्न :
Q1. NABARD का पूरा नाम है ?
Q2. राष्ट्रीय फसल बीमा योजना कब शुरू की गई ?
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