मध्यप्रदेश की ऋतुएँ (Weather of MP) : भारत के अन्य भागो के सामान ही मध्यप्रदेश में भी तीन ऋतुएँ (Weather of MP) पायी जाती है –
- ग्रीष्म ऋतु : मार्च से जून
- वर्षा ऋतु : जून से अक्टूबर
- शीत ऋतु : अक्तूबर से मार्च
ग्रीष्म ऋतु :
- मुख्यतः पश्चिमी म.प्र. में अन्य भागो की अपेक्षा ग्रीष्म काल में तापमान कम रहता है |
- यहाँ मई – जून में तापमान 30 से 45 डिग्री के मध्य हो जाता है |
- जिससे राज्य की आर्द्रता अत्याधिक कम रहती है | इसी के चलते आकाश स्वच्छ रहता है, एवं तेज धुल भरी हवाएं चलती है |
- मार्च के पश्चात तापमान में निरंतर वृद्धि रहती है एवं मई – जून में सम्पूर्ण म.प्र. का तापमान 30 डिग्री से ऊपर रहता है |
- म.प्र. के कुछ इसे जिले है जिनका तापमान सामान्य से बढ़कर 47 डिग्री सेंटीग्रेड तक पहुच जाता है जिनमे – ग्वालियर, मुरेना व दतिया जैसे जिले सम्मलित है
वर्षा ऋतु :
- म.प्र . में सबसे अधिक वर्षा पंचमढ़ी में 199 से.मि. होती है |
- सबसे कम वर्षा भिंड में 55 से.मी. होती है |
- म.प्र . में औसत वर्षा 112 से.मी. होती है |
- म.प्र. के पूर्वी क्षेत्र में वर्षा का औसत 140 से 165 से.मी. तक है |
- पश्चिम क्षेत्र में वर्षा घटती जाती है जो 75 से.मी. तक है |
- वर्षा के आधार पर म.प्र. को मुख्य चार भागो में विभाजित है –
अत्यधिक वर्षा वाले क्षेत्र :
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- प्रदेश में अत्यधिक वर्षा वाले क्षेत्र दक्षिण तथा दक्षिण-पूर्वी क्षेत्र है जहा 125 से 150 सेमी. तक वर्षा होती है जिसमे मुख्य – छिंदवाडा, बलाघाट, बेतुल, शहडोल, डिन्डोरी जैसे जिले सम्मलित है
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निम्न वर्षा वाले क्षेत्र :
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- निम्न वर्षा वाले क्षेत्र में प्रदेश का उत्तर व उत्तर-पश्चिमी हिस्सा है जहाँ वर्षा का औसत 75 सेमी. से कम है, जिसमे प्रमुख जिले – मंदसौर, नीमच, ग्वालियर, भिण्ड, मुरेना, शिवपुरी आदि सम्मिलित है |
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औसत से अधिक वर्षा वाले क्षेत्र :
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- प्रदेश में औसत से अधिक वाले वर्षा क्षेत्र में कई शहर एवं महानगर सम्मिलित है जिनमे वर्षा का औसत 100 से 125 सेमी. तक रहता है, जिसमे मुख्य है- इन्दोर, देवास, होशंगाबाद, सागर, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, सीहोर, रायसेन आदि |
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औसत से कम वर्षा वाले क्षेत्र :
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- औसत से कम वर्षा वाले क्षेत्र में प्रदेश का उत्तर तथा उत्तर-पूर्वी क्षेत्र सम्मिलित है जहाँ वर्षा का औसत 75 से 100 सेमी. है, जिसमे प्रमुख जिले – टीकमगढ़, पन्ना, सतना, चतरपुर, सीधी आदि क्षेत्र सम्मिलित है |
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शीत ऋतु :
- प्रदेश में शीत ऋतु (Weather) नवम्बर से फ़रवरी माह तक रहती है |
- सबसे ज्यादा प्रभाव दिसम्बर और जनवरी माह में होता है |
- प्रदेश में उत्तर – पश्चिमी क्षेत्र का तापमान 15-18 सेंटीग्रेट के आस-पास रहता है |
- दक्षिणी क्षेत्र में तापमान बढ़ता है जो सामान्य तापमान से 18-21 सेंटीग्रेट के मध्य तक चले जाता है |
- शीत ऋतु में कभी – कभी चक्रवातो द्वारा हल्की वर्षा भी होती है |
- शीत ऋतु में साफ आकाश व तापमान में गिरावट साथ ही मंद वायु गति के साथ एवं कोहरा सुखा भी पढता है |