मध्यप्रदेश में कृषि क्षेत्र ( Area of Agriculture in MP)
फसलों के आधार पर 7 कृषि क्षेत्र है :
- कपास व गेहूँ का क्षेत्र – सीहोर, देवास, उज्जैन, मंदसौर, राजगढ़ एवं शाजापुर |
- कपास का क्षेत्र – पश्चिमी मध्यप्रदेश (खण्डवा, खरगोन, बड़वानी, झाबुआ, रतलाम, धार)
- चावल, ज्वार, कपास का क्षेत्र – छिंदवाडा, बैतूल, सिवनी
- गेहू व ज्वार का क्षेत्र – मालवा के पठार एवं बघेलखण्ड का मध्य भाग, ग्वालियर, भिण्ड,मुरैना |
- चावल व कपास का क्षेत्र – खण्डवा
- ज्वार का क्षेत्र – गुना, शिवपुरी, श्योपुर एवं पश्चिमी मुरेना
- चावल का क्षेत्र – बघेलखण्ड क्षेत्र (मण्डला, बालाघाट, सीधी, जबलपुर, सिवनी, शहडोल)
मौसम के आधार पर 3 कृषि (Agriculture) क्षेत्र है :
- रबी की फसले – गेहूँ, चना, मटर, सरसों, अलसी, मसूर, राई |
- खरीफ की फसले – चावल, सोयाबीन, कपास, गन्ना, मूंगफली, तिल, तुअर, ज्वार, मक्का, सूर्यमुखी |
- जायद की फसले – खीरा, ककड़ी, तरबूज़, खरबूज़, लौकी, कद्दू आदि, इनमे सब्जी अधिकांश आती है |
- व्यापारिक फसलें – सोयाबीन, कपास, गन्ना, तिल, तम्बाखू,अफीम, पटसन, अलसी आदि
- खाघान्न फसलें – गेहूँ, चना, चावल, ज्वार, मक्का, बाजरा, दालें, तिलहन |
प्रदेश का 5 कृषि (Agriculture) प्रदेशो में विभाजन :
पश्चिम में काली मिट्टी का प्रदेश – इसमें इंदौर, उज्जैन, देवास, धार, हरदा, रतलाम, खण्डवा, खरगौन, बड़वानी, झाबुआ, नीमच, मंदसौर आदि सम्मिलित है |
उत्तर में ज्वार गेहूँ का प्रदेश – इसमें ग्वालियर, भिण्ड, मुरेना, दतिया, गुना, श्योपुर, छतरपुर, शिवपुरी एवं टीकमगढ़ जिले आते है |
चावल गेहूँ का प्रदेश – इसमें पन्ना, सतना, कटनी, उमरिया, जबलपुर व सिवनी आते है |
मध्य में गेहूँ का मालवा प्रदेश – इसमें भोपाल, सीहोर, होशंगाबाद, दमोह, सागर, विदिशा, रायसेन व नरसिंहपुर जिले शामिल है |
संपूर्ण पूर्वी म.प्र. चावल का प्रदेश – इसमें बालाघाट, मंडला, डिंडोरी, अनुपपुर, सीधी, रीवा, शहडोल आदि जिले सम्मिलित है |
उत्तर में ज्वार गेहूँ का प्रदेश – इसमें ग्वालियर, भिण्ड, मुरेना, दतिया, गुना, श्योपुर, छतरपुर, शिवपुरी एवं टीकमगढ़ जिले आते है |
चावल गेहूँ का प्रदेश – इसमें पन्ना, सतना, कटनी, उमरिया, जबलपुर व सिवनी आते है |
मध्य में गेहूँ का मालवा प्रदेश – इसमें भोपाल, सीहोर, होशंगाबाद, दमोह, सागर, विदिशा, रायसेन व नरसिंहपुर जिले शामिल है |
संपूर्ण पूर्वी म.प्र. चावल का प्रदेश – इसमें बालाघाट, मंडला, डिंडोरी, अनुपपुर, सीधी, रीवा, शहडोल आदि जिले सम्मिलित है |
एक नजर :
- म.प्र. में स्थापित होगा एशिया का सबसे बड़ा दलहन अनुसंधान केन्द्र |
- चीन में बनने वाला दलहन अनुसंधान केन्द्र अब सीहोर के अमलाहा में बनेगा |
- रतलाम जिले में शीघ्र ही केन्द्र सरकार अंगूर अनुसंधान केंद्र खोलने जा रही है |
- कृषि उद्योग विकास निगम द्वारा प्रदेश का पहला ‘सैलारीच’ जैविक खाद संयंत्र की स्थापना भोपाल में की है |
- देश में कुल सोयाबीन उत्पादन का 80% से अधिक मध्यप्रदेश में होता है |
- प्रदेश के कुल कृषि क्षेत्र के 22% भाग पर धान की खेती की जाती है |
- चावल प्रदेश की सर्वाधिक महत्वपूर्ण फसल है
- प्रदेश का खाद्यान उत्पादन में देश में चोथा स्थान है |
- सोयाबीन, चना, अलसी, दलहन, अफीम के उत्पादन में प्रदेश का देश में प्रथम स्थान है |
- ज्वार, तिल, अरहर व तिलहन के उत्पादन में प्रदेश का देश में द्वितीय स्थान है |
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