SCO summit :
SCO यानि Shanghai Cooperation Organisation या फिर कहे शंघाई सहयोग संगठन (SCO Summit) एक राजनैतिक, आर्थिक और सुरक्षा सहयोग संगठन है इसकी शुरुआत चीन और रूस के नेतृत्व में यूरोप और एशिया के देशों ने की थी. जिसे यूरेशियाई भी कहा जाता है |
दरअसल इस सन्गठन की शुरुआत चीन के अतिरिक्त उन चार देशों से हुई थी जिनकी सीमाएँ चीन से मिलती थीं , इस संगठन का प्रमुख उद्देश्य चीन के अपने इन पड़ोसी देशों के साथ चल रहे सीमा-विवाद का हल निकालना. इस संगठन ने अप्रैल 1996 में शंघाई में एक बैठक की. इस बैठक में ये सभी देश आपस में नस्लीय और धार्मिक तनावों को दूर करने पर राजी हुए. इस सम्मेलन को शंघाई 5 कहा गया था |
इसके बाद वर्ष 2001 में शंघाई 5 में उज्बेकिस्तान भी शामिल हो गया. 15 जून 2001 को शंघाई सहयोग संगठन की औपचारिक स्थापना हुई. भारत और पकिस्तान 9 June 2017 को SCO में सदस्य बने हैं . आंतकवाद की बढ़ती चुनौतियों से निपटने के लिए प्रभावी तौर-तरीकों और सदस्य देशों के साथ सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर भारत का जोर रहेगा |
क्या है SCO का उद्देश्य ?
- सदस्य देशो के बीच राजनैतिक, आर्थिक और व्यापारिक सहयोग को बढ़ाना.
- तकनीकी और विज्ञान क्षेत्र, शिक्षा और सांस्कृतिक क्षेत्र, ऊर्जा, यातायात और पर्यटन के विकास के क्षेत्र में सहयोग करना.
- पर्यावरण संरक्षण में सहयोग करना.
- मध्य एशिया में सुरक्षा चिंताओं को ध्यान में रखते हुए एक-दूसरे को सहयोग करना.
- आंतकवाद, नशीले पदार्थों की तस्करी और साइबर सुरक्षा के खतरों से निपटना.
कैसे हुआ SCO का विकास ?
- कजाकिस्तान के अस्ताना में 2005 में हुए SCO सम्मेलन में भारत, ईरान, मंगोलिया और पाकिस्तान के प्रतिनिधियों ने पहली बार इसमें हिस्सा लिया.
- SCO में 2016 तक भारत एक पर्यवेक्षक देश के रूप में सम्मिलित था |
- भारत ने सितम्बर 2014 में शंघाई सहयोग संगठन की सदस्यता के लिए आवेदन किया |
- जून 2017 में अस्ताना में आयोजित SCO शिखर सम्मेलन में भारत और पाकिस्तान को भी औपचारिक तौर पर पूर्ण सदस्यता प्रदान की गई.
- वर्तमान में SCO की स्थाई सदस्य देशों की संख्या 8 है |
- अफगानिस्तान, बेलारूस, ईरान और मंगोलिया इसके पर्यवेक्षक देश (observer countries) हैं |
- अजरबैजान, आर्मेनिया, कम्बोडिया, नेपाल, तुर्की और श्रीलंका इसके डायलॉग पार्टनर देश हैं |
कौन है SCO के सदस्य देश ?
चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, भारत और पाकिस्तान।
अहम क्यों है SCO ?
- इस संगठन को NATO को काउंटर करने वाले संगठन के तौर पर देखा जाता है |
- इस संगठन से सदस्य देशों के बीच सुरक्षा सहयोग बढ़ाता है |
- यह संगठन आतंकवाद से निपटने निपटने में मदद करता है |
- क्षेत्र में आर्थिक एवं सामाजिक सहयोग बढ़ाना |