मध्यप्रदेश के पठार | Madhya Pradesh Ke Pathar

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परिचय Madhya Pradesh Ke Pathar :

Madhya Pradesh Ke Pathar : मध्यप्रदेश का प्राकतिक भाग अनेक पर्वतों एवं पठारों से मिलकर बना है यहाँ सतपुड़ा और विंध्यांचल पर्वत की श्रृंखला है वही और भी अन्य पठार और पर्वत है मध्य प्रदेश में उपस्थित पठारों (Madhya Pradesh Ke Pathar) की सूची इस प्रकार है –

List of Madhya Pradesh Ke Pathar :

    1. बघेलखंड का पठार
    2. सतपुड़ा – मेकल की श्रेणी
    3. मध्य भारत का पठार
    4. बुंदेलखंड का पठार
    5. रीवा पन्ना का पठार
    6. मालवा का पठार
    7. नर्मदा सोन की घाटी

बघेलखंड का पठार :

    1. इस पठार  पर  गोड़वाना चट्टान पाई जाती है |
    2. यह पठार मध्य प्रदेश के दक्षिणी पूर्वी भाग में फैला हुआ है |
    3. इस पठार की जद में शहडोल, उमरिया, अनूपपुर, डिडोरी जिले सम्पूर्ण रूप से जबकि सीधी तथा सिंघरोली जिले के कुछ भाग आते है |
    4. इसी पठार पर मैकल पर्वत श्रेणी भी है |
    5. इस पठार से सोन , नर्मदा ,टोंस , जोहिला आदि नदियाँ गुजरती है |
    6. बघेलखंड के इस पठार की मुख्य फसल चावल है  व् अन्य फसल अलसी, ज्वार, तिल है |
    7. इस पठार की जलवायु मानसूनी है |
    8. इस पठार पर 125 सेमी वर्षा होती है |
    9. यह पठार वन सम्पदा से भरपूर है यहाँ पर मुख्य रूप से साल,सागौन, बांस के वन पाए जाते है |
    10. इस पठार का मुख्य खनिज कोयला है |
    11. इस पठार पर चुना पत्थर, बाक्साइट , कोयला , अग्निरोधी मिटटी, गेरू अन्य खनिज है |

सतपुड़ा – मेकल की श्रेणी :

    1. सतपुड़ा – मेकल की श्रेणी में दक्कन ट्रैप शैली पाई जाती है |
    2. इस पठार के पश्चिम में दक्कन ट्रैप, पूर्व में गोडवाना, दक्षिण में कडप्पा शैली पाई जाती है |
    3. यह पठार मध्य प्रदेश के नर्मदा घाटी क्षेत्र तथा विध्याचल पर्वत के दक्षिण भाग में स्थित है |
    4. यह पठार मंडला, वालाघाट, सिवनी, छिंदवाड़ा, बैतुल, बुरहानपुर जिलों के पुरे भाग में तथा खण्डवा, खरगोन, बडवानी जिलो के कुछ भाग में व होशंगाबाद जिले की पचमढ़ी क्षेत्र में स्तिथ है |
    5. सतपुड़ा – मेकल की श्रेणी  में सतपुड़ा श्रेणी, मेकल श्रेणी, राजपीपल  पर्वत श्रेणी है |
    6. सतपुड़ा – मेकल की श्रेणी में नर्मदा, ताप्ती, वेनगंगा नदियां बहती है |
    7. इस पठार में काली व छिछली मिटटी पाई जाती है |
    8. सतपुड़ा – मेकल की श्रेणी की जलवायु मानसूनी है |
    9. सतपुड़ा – मेकल की श्रेणी  में वर्ष में  125 से लेकर 150 सेमी तक बारिश होती है |
    10. यहाँ उष्णकटिबंधीय अर्द्ध पर्णपाती वन पाए जाते है |
    11. सतपुड़ा – मेकल की श्रेणी की मुख्य फसले ज्वार, गेहूं , अलसी, सोयाबीन, कपास, चावल है |
    12. सतपुड़ा – मेकल की श्रेणी खनिज की दृष्टि से सर्वाधिक सम्पन्न है यहाँ के अलग अलग क्षेत्र अपने खनिजो के लिए प्रसिद्ध है
    13. जहाँ मेग्नीज बालाघाट , छिंदवाड़ा जिले पाया जाता है , वही कोयले के लिए बैतुल का पाथर खेडा क्षेत्र प्रसिद्ध है, बाक्साइट के लिए बालाघाट , मंडला व ग्रेफाइट के लिए बैतुल प्रसिद्ध है |

मध्य भारत का पठार :

    1. मध्य भारत के पठार  में दक्कन ट्रैप शैल पाई जाती है |
    2. यह पठार मध्य प्रदेश के उत्तरी तथा उत्तर पश्चिम भाग में स्थित है |
    3. इस पठार की जद में भिंड , मुरैना , श्योपुर, शिवपुरी ,ग्वालियर आदि जिलों के सम्पूर्ण भाग तथा नीमच , मंदसोर व गुना जिलो के कुछ भाग आते है |
    4. इस पठार की प्रमुख नदियाँ चम्बल , काली सिंध , क्षिप्रा ,पार्वती आदि है |
    5. मध्य भारत के पठार पर मुख्य रूप से जलोढ़ मिटटी पाई जाती है |
    6. इस पठार की जलवायु मुख्य रूप से महाद्वीपीय प्रकार की है जिसमे गर्मी में अधिक गर्मी व ठण्ड में
    7. अधिक ठण्ड पडती है |
    8. इस पठार पर 75 cm से कम वर्षा होती है |
    9. मध्य प्रदेश का सबसे कम वर्षा वाला स्थान भिंड (55cm) इसी पठार पर स्थित है |
    10. इस पठार मुख्य रूप से उष्णकटिबंधीय शुष्क वन पाये जाते है |
    11. मध्य भारत के पठार की मुख्य कृषि फसले सरसों, गेहू ,ज्वार ,गन्ना आदि है |
    12. इस पठार पर खनिज के रूप में मुख्य रूप से चूना -पत्थर ,इमारती पत्थर ,चीनी मिटटी पाए जाते है
    13. मालनपुर ओधोगिक केंद्र सूखे बंदरगाह के नाम से प्रसिद्ध है |

बुंदेलखंड का पठार :

    1. इस पठार में ग्रेनाइट व नीस चट्टानें पाई जाती है |
    2. इस पठार का फैलाव मध्य प्रदेश के उत्तरी भाग मे तथा मध्य भारत के पठार के पूर्वी भाग में है |
    3. बुंदेलखंड के पठार में दतिया, टीकमगढ़, अशोक नगर, छतरपुर जिले के संपूर्ण भाग तथा सागर व् पन्ना जिलो के कुछ भाग आते है |
    4. इस पठार की मुख्य नदीयां बेतवा , धसान, केन, सिंध है  |
    5. इस पठार पर मिश्रित मिटटी पाई जाती है |
    6. बुंदेलखंड के पठार की जलवायु महाद्वीपीय प्रकार की है |
    7. इस पठार पर 75सेमी से लेकर 100 सेमी तक वर्षा होती है |
    8. इस पठार में  उष्णकटिबंधीय मानसूनी वन पाए जाते है |
    9. बुंदेलखंड के पठार की मुख्य फसले ज्वार , गेंहू ,तिल ,अलसी है |
    10. इस पठार पर मुख्य खनिज के रूप में ग्रेनाइट पत्थर, रॉक फॉस्फेट है |

रीवा पन्ना का पठार :

    1. इस पठार को विन्ध्य का पठारी प्रदेश भी कहा जाता है क्योकि इस पठार पर विन्ध्य शैल पाई जाती है |
    2. इस पठार का फैलाव  प्रदेश के उत्तर पूर्वी भाग में बुंदेलखंड के पठार के पूर्व तथा दक्षिण पूर्व में तक है |
    3. रीवा पन्ना के पठार पर भांडेर-विंध्याचल पर्वत श्रृंखला है |
    4. इस पठार में दमोह, पन्ना, सतना , रीवा जिले आते है |
    5. इस पठार पर केन, सोन, टोंस नदियाँ बहती है |
    6. रीवा पन्ना के पठार पर दोमट मिटटी पाई जाती है |
    7. इस पठार की जलवायु महाद्वीपीय है |
    8. इस पठार पर 100 सेमी  से लेकर 125 सेमी वर्षा होती है |
    9. रीवा पन्ना के पठार पर उष्णकटिबंधीय मानसूनी व पर्णपाती वन पाए जाते है |
    10. इस पठार की मुख्य फसल गेहू व तिलहनी फसले है |
    11. इस पठार पर  चूना पत्थर , हीरा ,जिप्सम , गेरू मुख्य खनिज है |

मालवा का पठार :

    1. यह पठार लावा से बना है , यहाँ पर दक्कन ट्रेप चट्टाने पाई जाती है |
    2. इस पठार का फैलाव मध्य प्रदेश के पश्चिमी भाग में मध्य भारत के पठार के दक्षिण तक है |
    3. इस पठार के अंतर्गत विदिशा , रायसेन , सीहोर , इंदौर , देवास ,धार , अलीराजपुर , झाबुआ ,रतलाम ,उज्जैन ,शाजापुर , आगर मालवा , राजगढ़ जिले के पुरे भाग तथा मंदसोर , गुना , सागर जिलो का कुछ भाग आते है |
    4. मालवा के पठार का कुल क्षेत्रफल 88 हजार वर्ग कि.मी है |
    5. इस पठार की सबसे ऊँची चोटी सिगार है तथा विन्ध्याचल पर्वत इसी पठार पर है |
    6. मालवा के पठार पर चम्बल , काली सिध , क्षिप्रा, बेतवा , पार्वती , सिंह , माही आदि नदियाँ बहती है |
    7. इस पठार की जलवायु सम जलवायु है जो कि पुरे विश्व की सबसे अच्छी जलवायु है |
    8. इस पठार पर उष्णकटिबंधीय मानसून वन पाए जाते है |
    9. मालवा के पठार की मुख्य फसल सोयाबीन अन्य गेहूं , चना , मूंगफली तथा कपास है |
    10. इस पठार पर मुख्य खनिज रॉक फास्फेट , एस्बेस्टोस(झाबुआ) है बाकि खनिजो का अभाव है |

नर्मदा सोन घाटी :

    1. नर्मदा सोन  घाटी में दक्कन ट्रैप शेल पाई जाती है |
    2. सोन घाटी प्रदेश के पश्चिमी भाग से लेकर उत्तर पूर्व तक तथा नर्मदा व सोन नदियों की सकरी घाटी के मध्य स्थित है |
    3. नर्मदा सोन घाटी में कटनी, जबलपुर, होशंगाबाद, हरदा, नरसिंहपुर, खण्डवा, खरगोन, बड़वानी, सीधी जिलो के कुछ भाग आते है |
    4. नर्मदा सोन घाटी में नर्मदा , सोन , तवा नदियाँ बहती है |
    5. सोन घाटी की मिटटी गहरी काली है |
    6. नर्मदा सोन घाटी जलवायु मानसूनी है |
    7. नर्मदा सोन घाटी में वर्षा 125 सेमी के आसपास होती है |
    8. सोन घाटी में ही विन्ध्याचल पर्वत श्रेणी का विस्तार है |
    9. नर्मदा सोन घाटी में उष्णकटिबंधीय मानसूनी वन है |
    10. नर्मदा सोन घाटी मुख्य गेहूं है इसके अलावा यहाँ मुगफली, कपास , सोयाबीन , गन्ना , चावल आदि भी होते है |
    11. सोन घाटी में खनिज भरपूर मात्रा है यहाँ मुख्य रूप से सफ़ेद संगमरमर (भेढाघाट , जबलपुर ), कोयला ,चूना पत्थर , डोलोमाइट (कटनी ,जबलपुर ,नरसिंहपुर ), टंगस्टन ( होशंगाबाद ,आगर गाव ), चीनी मिटटी ( जबलपुर ) मिलते है |