मध्यप्रदेश एवं भारत – कृषि सम्बन्धी योजनाओं | agricultural schemes in MP and INDIA – Part1

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Agricultural Schemes : भारत सरकार एवं मध्यप्रदेश सरकार ने कृषि को बढावा देने के उद्देश से कई महत्वपूर्ण कृषि सम्बंधित योजनाये (agricultural schemes) प्रारंभ की है |

खेती को प्रेरित करने से सम्बंधित कृषि योजनाये (agricultural schemes) :

मुख्यमंत्री खेत तीर्थ योजना :

प्रारंभ : 2013-2014
उद्देश्य : कृषि उत्पादन , उत्पादकता एवं गुणवत्ता में वृद्धि कर कृषको के जीवन स्तर में सुधार लाना |
संक्षिप्त विवरण : इसमें ऐसे खेत और किसानों की पहचान की जाएगी जो नई तकनीक से खेती करके रिकार्ड उत्पादन ले रहे हैं। ऐसे खेतों को तीर्थ का दर्जा देकर वहां प्रदेश के पिछ़़डे किसानों को प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा।

मेरा खेत मेरी माटी :

प्रारंभ : 01 अप्रेल 2014
उद्देश्य :  खेती को लाभ का धंधा बनाया जा सके |
संक्षिप्त विवरण : पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग और कृषि विभाग ने संयुक्त रूप से इस योजना को तैयार किया है, राज्य सरकार ने इस योजना को मनरेगा से जोड़ दिया है।

राट्रीय बांस मिशन :

प्रारंभ : 2006-2007
उद्देश्य : (1.) बांस और बांस आधारित हस्तशिल्प के विपणन को बढ़ावा देना है | (2.) कुशल और अकुशल लोगों के लिए, खासकर बेरोजगार युवाओं के लिए, रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना
संक्षिप्त विवरण : देश में बांस की पैदावार बढ़ाने के लिए कृषि मंत्रालय का कृषि एवं सहकारिता विभाग देश के 27 राज्यों में राष्ट्रीय बांस मिशन का क्रियान्वयन कर रहा है।

राट्रीय बागवानी मिशन :

प्रारंभ : 2004-2006
उद्देश्य : इस योजना का उद्देश्य भारत में बागवानी क्षेत्र का व्यापक वृद्घि करने के साथ-साथ बागवानी उत्पादन में वृद्घि करना है।
संक्षिप्त विवरण : भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय बागवानी मिशन की शुरुआत वर्ष 2005-06 (दसवीं योजना) के दौरान केन्द्र प्रायोजित योजना के रूप में की गई थी।

बीज से सम्बंधित कृषि योजनाये (agricultural schemes) :

मुख्यमंत्री – बीज ग्राम योजना :

प्रारंभ : 2005-2006
उद्देश्य : कृषकों को बीज उत्पादन प्रोद्योगिकी से  परिचित कराना तथा ग्रामों में बीज संचयन हेतु आधारभूत व्यवस्था का विकास कर ना है  ।
संक्षिप्त विवरण : प्रदेश में विभिन्न फसलों की उत्पादकता बढ़ाने हेतु हमें समुचित मात्रा में बीज का उत्पादन बढ़ाना परम आवश्यक है। वर्तमान में प्रदेश में विभिन्न फसलों की   बीज प्रतिस्थापन दर मानक से कम है। अतः ऐसी स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश में बीजग्राम योजना का प्रारंभ किया गया है।
योजना के घटक :  बीज अनुदान (50%), प्रशिक्षण, (15000) भण्डार कोठी (20 क्विटल)

अन्नपूर्णा सूरजधारा योजना :

प्रारंभ : 2001
उद्देश्य :   इसका उद्देश्य अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लघु एवं सीमान्त कृषकों को अलाभकारी फसलों / किस्मों के स्थान पर लाभकारी दलहनी/ तिलहनी फसलों के उन्नत एवं विपुल उत्पादन देने वाली किस्मों के बीज उपलब्ध कराना है ।
लाभ : बीज अदला बदली, बीज स्वावलम्बन, बीज उत्पादन

ट्यूबवेल से सम्बंधित कृषि योजनाये (agricultural schemes) :

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना :

प्रारम्भ : 2014-2015
उद्देश्य :
  • किसानों को खेती के प्रगतिशील तरीके, उच्च मूल्य (आगत) इनपुट और कृषि में उच्चतर तकनीक अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना।
  • खेती से होने वाली आय को विशेष रूप से आपदा के वर्षों में स्थायित्व देने में मदद करना।
    अनुदान : 50 %

मुख्य मंत्री सोलर पंप योजना :

प्रारम्भ : 15 अप्रैल 2017
विवरण : सिंचाई प्रयोजन के लिये सोलर पम्प स्थापना की योजना ‘मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना’ तैयार की गई है।
उद्देश्य :  उत्पादकता बढ़ाने के लिए राज्य में सिंचिंत क्षेत्र बढ़ाना, जिन क्षेत्रों में बिजली की उपलब्धता नहीं है, वहाँ सिंचाई की व्यवस्था कराना, डीजल से सिंचाई करने में किसानों पर आने वाले वित्तीय भार से उन्हें बचाना, सिंचाई हेतु विद्युत वितरण कम्पनियों द्वारा दिए जाने वाले अस्थाई विद्युत कनेक्शनों में कमी लाना, किसानों को सक्षम बनाने के लिए, उच्च मूल्य बागवानी की फसलों को बढ़ावा देना, कुशल सिंचाई विधियों के माध्यम से भूजल का संरक्षण, और डीजल पम्प से होने वाले प्रदूषण को कम करना।खेती से होनेवाली आय को विशेष रूप से आपदा के वर्षों में स्थायित्व देने में मदद करना

तालाब से सम्बंधित कृषि योजनाये (agricultural schemes) :

बलराम ताल योजना :

प्रारंभ: यह योजना 25 मई 2007 से संचालित है । ( बड़ा तालाब )
उद्देश्य : सुनिश्चित खेती के उद्देश्य से वर्षा के अपवाहित जल की अधिकतम मात्रा खेतों में रोककर उससे सिंचाई करने के लिये बलराम ताल योजना प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया है ।
अनुदान: कृषकों द्वारा स्वयं के खेतों में स्वयं के द्वारा बलराम ताल निर्माण पर सामान्य कृषकों को निर्माण लागत का 40 प्रतिशत अधिकतम रु. 80000/-, लघु सीमांत कृषकों को निर्माण लागत का 50 प्रतिशत अधिकतम रु. 80000/- तथा अ.जा/अ.ज.जा के कृषकों को निर्माण लागत का 75 प्रतिशत अधिकतम रु. 100000/- का अनुदान वर्तमान में प्रचलित है।

खेत तालाब योजना :

प्रारंभ: यह योजना 2007-08 से संचालित है । ( छोटा तालाब )
उद्देश्य : इस योजना का उद्देश्य कृषि के समग्र विकास के लिए सतही तथा     भूमिगत जल की उपलब्धता को बढ़ावा है। सभी वर्गों के किसानों को इसका लाभ दिया जाता है। किसान स्वेच्छा से तालाब के तीन मॉडलों में से एक का चयन कर सकता है। सभी वर्गों के किसानों को लागत का 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है , जिसकी अधिकतम सीमा 16 हजार 350 रुपए है।

मिट्टी की जाच से सम्बंधित कृषि योजनाये (agricultural schemes) :

मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड स्कीम (Soil Health Card Scheme) :

प्रारंभ: 19 फ़रवरी 2015
विवरण : प्रधानमंत्री – नरेन्द्र मोदी जी ने 2015 को किसानो के लाभ हेतु मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड   योजना को शुरू किया। इस योजना सभी किसानों को जो अपने खेत की मिटटी की जाँच करवाना चाहता है उन्हें अपने खेत की मिटटी को परिक्षण के लिए भेजने पर मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड प्रदान किया जाता है।

जानकारी से सम्बंधित कृषि योजनाये (agricultural schemes) :

किसान कॉल सेंटर :

प्रारंभ :  21 जनवरी 2004
उद्देश्य : इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य टेलीफोन कॉल पर किसानों के प्रश्नों का जवाब देना है
किसान कॉल सेंटर एजेंट स्तर 1 एजेंट के रूप में जाना जाता है I यह एजेंट कृषि में या उससे संबंधित (बागवानी, पशुपालन, मत्स्य पालन, कुक्कुट, मधुमक्खी पालन, रेशम उत्पादन, कृषि अभियांत्रिकी, कृषि विपणन, जैव प्रौद्योगिकी, गृह विज्ञान) स्नातक या पी जी और डॉक्टरेट हैं , यह एजेंट स्थानीय भाषा में उत्कृष्ट होते है I

प्रतियोगिता प्रश्न :

Q1. मध्यप्रदेश का पहला राज्यस्तरीय किसान कॉल सेंटर कहा है ?
Q2. बलराम तालाब योजना के अंतर्गत अ.जा/अ.ज.जा का अनुदान कितना है ?

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