History of alauddin khilji in hindi | अलाउद्दीन खिलजी का इतिहास

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History of alauddin khilji in hindi | अलाउद्दीन खिलजी का इतिहास :

खिलजी वंश का दूसरा शासक अलाउद्दीन खिलजी हुआ उसने कई राजाओ को हराया लेकिन चित्तौड़ और रानी पद्मिनी के जौहर का किस्सा उसकी सबसे बड़ी हार थी इसके अलावा भी कई किस्से है उसके जीवन के तो आइये जानते है अलाउद्दीन खिलजी का इतिहास (History of alauddin khilji in hindi)…

  1. अलाउद्दीन खिलजी (Alauddin Khilji) का जन्म 16वीं – 17वीं शताब्दी में कलात, जाबुल प्रान्त ,अफगानिस्तान में हुआ था|
  2. उसके बचपन का नाम अली गुरशास्प उर्फ़ जुना खान खिलजी था|
  3. उसके पिता का नाम शिहाबुद्दीन मसूद था|
  4. अलाउद्दीन खिलजी (Alauddin Khilji) के पिता की मृत्यु के बाद उसके चाचा जलालुद्दी्न खिलजी (Jalaluddin Khilji) ने ही उसका पालन पोषण किया |
  5. जलालुद्दी्न खिलजी (Jalaluddin Khilji) जो कि अलाउद्दीन के चाचा थे ने खिलजी वंश की नींव रखी|
  6. जलालुद्दी्न खिलजी (Jalaluddin Khilji) ने अपनी बेटी मलिका-ए-जहाँ से अलाउद्दीन का निकाह करवाया|
  7. लेकिन जब जलालुद्दी्न खिलजी (Jalaluddin Khilji) दिल्ली का सुल्तान बना तो मलिका-ए-जहाँ के अंदर अहंकार आ गया तथा वह बार बार अलाउद्दीन खिलजी (Alauddin Khilji) का तिरस्कार करने लगी|
  8. अलाउद्दीन खिलजी (Alauddin Khilji) ने 19 जुलाई 1296 ईस्वी को अपने चाचा जलालुद्दी्न खिलजी (Jalaluddin Khilji) से बगावत कर ली और उसकी हत्या कर दी|
  9. जलालुद्दीन खिलजी (Jalaluddin Khilji) की हत्‍या इलाहाबाद के निकट कारा नामक स्‍थान पर की गई थी|
  10. इसके बाद 19 जुलाई 1296 ईस्वी को अलाउद्दीन खिलजी (Alauddin Khilji) ने राजछत्र धारण करते हुए स्वयम को दिल्ली का सुल्‍तान घोषित कर दिया|
  11. 3 अक्‍टूबर 1296 ईस्वी में दिल्ली के लाल किले में राज्याभिषेक हुआ|
  12. वह खिलजी वंश का दूसरा शासक था|
  13. अपने राज्याभिषेक के बाद से उसने साम्राज्यवाद बढ़ावा देने के लिए सबसे पहले वर्ष 1298 नुसरत खां की अगुवाई में गुजरात विजय के लिए भेजा जिसमे उसने कत्लेआम मचाया और सैकड़ो मन्दिरों को तोड़ दिया|
  14. गुजरात के सोमनाथ मन्दिर को उसी समय तोडा गया था |

  15. वर्ष 1299 में उसने जैसलमेर को फतेह किया|
  16. उसके बाद चित्तौड की रानी की सुन्दरता सुन कर उसने चित्तौड पर हमला किया जिसमे उसने चितौड के राजा राणा रतन सिंह को हराया और उसी युद्ध में रानी पद्मिनी के जौहर का वर्णन भी इतिहास के पन्नो में मिलता है |
  17. इस युद्द में वह चित्तौड तो जीत गया लेकिन रानी पद्मिनी को हासिल न कर सका|
  18. वह अपनी सल्तनत का पहला सुल्तान था जिसने स्थायी सेना रखी थी|
  19. आर्थिक मामलो को देखने के लिए दिवान-ए-रियासत की स्‍थापना की थी|
  20. अलाउद्दीन खिलजी (Alauddin Khilji) पहला तुर्क शासक था जिसने दक्षिण भारत पर हमला किया था|
  21. दक्षिण भारत पर हमले का मुख्य श्रेय मलिक काफूर को जाता है|
  22. दक्षिण विजय के दौरान उसने राजा रामचन्द्र देव, राजा रुद्रदेव और वीर बल्लाल तृतीय को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर कर दिया|
  23. उसने कई बार मंगोलों को हराया|
  24. वह पहला मुस्लिम शासक था जिसने भूमि की वास्तविक आय पर राजस्व लगाया था|
  25. अमीर खुसरो अलाउद्दीन खिलजी (Alauddin Khilji) के दरबार में फारसी कवि था|
  26. अमीर खुसरो ने तोता-ए-हिन्‍द नामक सितार का आविष्कार किया था|
  27. अलाउद्दीन खिलजी (Alauddin Khilji) ने स्वयम को सिकन्दर-ए-सानी की उपाधि से नवाजा|
  28. वह एक साम्राज्यवादी शासक था जिसने दक्षिण भारत के मदुरै तक अपने साम्राज्य का विस्तार किया|
  29. अलाउद्दीन खिलजी ने सैनिको को नगद वेतन देने की व्यवस्था की थी|
  30. उसे खिलजी वंश का सबसे ताकतवर शासक कहा जाता है|
  31. अलाउद्दीन खिलजी (Alauddin Khilji) की मौत 1 जनवरी 1316 ईस्वी में हुई थी|
  32. अलाई दरवाजा, हौजखास, सीरी फोर्ट, जमैयत खाना, कुश्क-ए-शिकार तथा हजार खम्‍भा महल का निर्माण अलाउद्दीन खिलजी (Alauddin Khilji) ने ही करवाया था|

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