मध्यप्रदेश के गठन का इतिहास | History of formation of Madhya Pradesh

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परिचय :

1 Nov 1956 को मध्यप्रदेश राज्य का गठन (formation of Madhya Pradesh) हुआ था उस समय नवनिर्मित म.प्र. में 43 जिले थे वर्तमान में मध्यप्रदेश में 55 जिले है | मध्यप्रदेश के गठन (formation of Madhya Pradesh) को विस्तार से जानने के लिए सम्पूर्ण पोस्ट को अवश्य पढ़े |

मध्यप्रदेश के गठन का इतिहास :

  • “1953” में पोट्टी श्रीरामालू ने मद्रास से अलग राज्य की मांग की |
  • आन्ध्रप्रदेश राज्य की मांग तेलगु भाषा के आधार पर राज्य की मांग की इसके  लिए रामालू ने आमरण अनशन प्रारम्भ किया |
  • लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू राज्य के बटवारे के पक्ष में नही थे |
  • लेकिन आन्दोलन ने धीरे धीरे बड़ा रूप ले लिया और लगातार 58 दिन के अनशन के बाद श्रीरामालू की म्रत्यु के बाद सरकार को राज्य की मांग पर मजबूर होना पड़ा |
  • 29 दिसम्बर 1953 में राज्यों के निर्माण के लिए सरकार द्वारा फजल अली की अध्यक्षता में राज्य पुनर्गठन आयोग का निर्माण किया गया |
  • राज्य पुनर्गठन आयोग के अन्य सदस्य हदय नाथ कुंजरू, के.ऍम.पणिकर थे |
  • आयोग के अनुसार आन्ध्रप्रदेश देश का पहला भाषा के आधार पर बनने वाला राज्य “1 OCT 1953” को बना |
  • राज्य पुनर्गठन आयोग  के आधार पर भारत में 14 नए राज्यों एवं 6 केंद्रशासित प्रदेशो का निर्माण हुआ |
  • राज्य पुनर्गठन आयोग के फैसले के बाद महाराष्ट्रियो ने बम्बई से मराठियों का महाराष्ट्र और गुजरातियों का गुजरात बम्बई से अलग राज्य बने |
  • इसी आधार पर अन्य राज्य बने जो कि इस प्रकार है :
  • महाराष्ट्र व गुजरात -1960
  • असम से – नागालेंड – 1963
  • पंजाब से – हरियाणा – 1966
  • हिमाचल – 1971
  • मणिपुर , मेघालय , त्रिपुरा – 1972
  • मिजोरम , गोवा , अरुणाचल प्रदेश – 1987
  • मध्य प्रदेश से – छत्तीसगढ़
  • उत्तर प्रदेश से – उत्तराखंड – 2000
  • बिहार से – झारखण्ड – 2000
  • आंध्रप्रदेश से – तेलंगाना – 2014
  • जम्मू कश्मीर से – लद्दाख – 2019
  • 1947 में भारत के मध्यप्रांत बरार एवं कुछ रियासते हुआ करती थी  इसके बाद 1947 में इन्ही को 3 राज्यों में बाँट दिया गया |
  • मध्यप्रांत + बरार (महारास्ट्र) + बघेलखंड + छत्तीसगढ़  = राजधानी – नागपुर
  • पश्चिम की रियासते = राजधानी – ग्वालियर + इंदौर
  • उत्तर की रियासते =  राजधानी – रीवा

जिलो का वितरण एवं निर्माण :

  • 1 Nov 1956 को मध्यप्रदेश राज्य का गठन हुआ जिसमें महाराष्ट्र को जिले बुलढाना,अकोला ,अमरावती ,(विदर्भ) यवतमाल,वर्धा ,नागपुर ,भण्डारा, चांदा, मुंबई को दिए गये |
  • मंदसौर जिले की भानपुरा तहसील के सुनील टप्पा को छोडकर शेष भाग मध्यप्रदेश में लिया गया  |
  • राजस्थान के कोटा जिले की सिरोंज तहसील को म.प्र. के विदिशा जिले में मिलाया |
  • म.प्र. की राजधानी भोपाल को बनाया गया जो पूर्व में सीहोर जिले की एक तहसील थी |
  • 1 NOV 1956 में नवनिर्मित म.प्र. में 43 जिले थे
  • म.प्र. को मध्य प्रदेश नाम तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु ने दिया था |
  • 26 NOV 1972 को दो नये जिले भोपाल और राजनंद गांव बने जिससे इनकी संख्या 45 हो गई थी |
  • MAY 1998 में B.R. DUBEY की अध्यक्षता में जिला पुनर्गठन आयोग का निर्माण किया गया |
  • जिला पुनर्गठन आयोग की अनुशंसा पर MAY 1998 में दस नए जिलो का निर्माण किया गया जिससे इनकी संख्या 55 हो गई |
  • JULY 1998 में सिहदेव समिति की सिफारिश पर 6 और नए जिले बने जिससे इनकी संख्या 61 हो गई |
  • 1 NOV 2000 को मध्य प्रदेश से छत्तीसगढ़ राज्य का गठन हुआ जो कि भारत का 26 वा राज्य बना  |
  • छत्तीसगढ़ के अलग होने पर मध्य प्रदेश से 16 जिले दिए गए जिसके कारण इनकी संख्या 45 हो गई |
  • मध्य प्रदेश में पुनः 45 जिले हुए 2003 में तीन नए जिले बने इनकी संख्या 48 हो गई |
  • गुना से – अशोकनगर
  • खंडवा से – बुरहानपुर
  • शहडोल से – अनुपपुर
  • 2008 में दो नए जिले बने इनकी संख्या 50 हो गई |
  • झाबुआ से – अलीराजपुर
  • सीधी से – सिंगरोली
  • 2013 में शाजापुर से आगर नया जिला बना इनकी संख्या 51 हो गई |
  • वर्तमान क्षेत्रफल -308252 वर्ग किलोमीटर
  • तहसील – 362
  • जिले – 51
  • विकासखंड – 313
  • संभाग – 10