अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन के बारे में तथ्य :
fact about IMO : समुद्र प्राकृतिक , सामरिक और व्यापारिक दृष्टि से विश्व के सभी देशों के लिए बहुत अधिक महत्व रखता है यह प्राकृतिक संसाधनों का मुख्य स्रोत एवं अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का मुख्य मार्ग है और अपने इसी महत्व के कारण ही विश्व के सभी देश अधिक से अधिक समुद्री क्षेत्र पर अपना अधिकार जताते हैं जिससे देशों के बीच विवाद और अशांति की स्थिति उत्पन्न हो जाती है इस तरह की स्थिति व समुद्री रास्तों से की जाने वाली हथियारों नशीले पदार्थों और मानव की तस्करी तथा समुद्री रास्तों में की जाने वाली लूट समुद्री सुरक्षा के लिए बड़ी चुनौतियां है अतः समुद्री यातायात और सुरक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन कार्यरत है | तो आइये जानते है अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन के बारे में …..
fact about IMO :
- अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जहाजों की सुरक्षा तथा उनमें सुधार और जहाजों से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए गठित संगठन है |
- उक्त संगठन संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी के रूप में कार्य करता है |
- इस संगठन की स्थापना 17 मार्च 1948 में जिनेवा में हुए एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में औपचारिक रूप से अंतर-सरकारी समुद्री सलाहकार संगठन ( IMCO ) की स्थापना की गई थी |
- 1982 में आई एम सी ओ का नाम बदलकर अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन IMO कर दिया गया |
- 1988 में ग्लोबल मेरीटाइम डिस्टेंस एंड सेफ्टी सिस्टम को अपनाया गया |
- 1 जुलाई 1998 को अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा प्रावधान कोड लागू हुआ |
- 1998 में हाई स्पीड क्राफ्ट पर लागू किया गया |
- इस संगठन का मुख्यालय लंदन में है |
- वर्तमान में इस संगठन के 173 सदस्य देश है |
- इस के वर्तमान महासचिव कोरिया गणराज्य के किटाक लिम है |
संगठन को बनाने का उद्देश्य :
- इस संगठन का मुख्य उद्देश्य विभिन्न देशों के सहयोग के माध्यम से सुरक्षित संरक्षित पर्यावरण के अनुकूल कुशल और सतत शिपिंग को बढ़ावा देना है |
- समुद्री लुटेरो से जहाजो कि रक्षा करना |
- आपात स्थिति में सहयोगी देशो से मदद मांगना |
- समुद्र को प्रदुषण से बचाना |
- समुद्री मार्गो को सुगम बनाना |
- व्यापारिक और सामरिक महत्व के अनुसार नये कानून बनाना |
- समुद्री सीमा विवाद को सुलझाना |