पंचायती राज में पंचायत के कार्य || work of panchayat

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परीचय :

work of panchayat : मध्यप्रदेश में पंचायती राज के अंतर्गत पंचायत कई महत्वपूर्ण कार्य करती है जो की जन कल्याण हेतु अति आवश्यक  है |

पंचायत के कार्य (work of panchayat)

  •  सुरक्षा सम्बन्धी कार्य |
  •  स्वास्थ्य सम्बन्धी कार्य |
  •  निर्माण सम्बन्धी कार्य|
  •  अन्य  कार्य|
  •  ग्राम स्वराज
  •  ग्राम न्यायालय

सुरक्षा सम्बन्धी कार्य

  •  ग्राम के असामाजिक तत्वों पर रोक लगाना,उनका निवारण करना |
  •  खतरनाक वस्तुओ के व्यापार और निर्माण पर रोक लगाना |
  • आग, बाढ़ और जान माल की रक्षा हेतु समितियों को बनाना |

स्वास्थ्य सम्बन्धी कार्य

  •  शुद्ध पानी की व्यवस्था करना |
  •  तालाब , कुएँ व बावडी बनवाना एवं उनकी देखरेख करना |
  •  परिवार कल्याण , युवा कल्याण एवं खेलकूद को बढ़ावा देना |
  •  पर्यावरण की रक्षा करना , उनमे सुधर करना , वृक्षारोपण करना |
  •  कारखानों ,फेक्ट्रियो एवं औद्योगिक इकाइयों की स्थापना पर नियंत्रण करना |
  •  जन्म , मृत्यु एवं शादियों पर नियंत्रण |
  •  स्वास्थ्य रक्षा हेतु सरकारी मदद को ग्राम तक पहुँचाना |
  •  छूत के रोगों की रोकथाम करना |
  •  लावारिस पशु , अपशिष्ट पदार्थ एवं अन्य हानिकारक सामग्री को नष्ट करना |
  •  पशु वध एवं मांस बेचने पर नियंत्रण |
  •  कांजी हॉउस की स्थापना व देख – रेख |

निर्माण सम्बन्धी कार्य

  •  ग्राम की सड़के , पुलिया , बांध एवं सार्वजनिक भवन का निर्माण करवाना |
  •  भवनों पार क्रमांक डालना |
  •  ग्राम में प्रकाश की व्यवस्था करना |
  •  अतिक्रमण पर रोक लगाना |

अन्य कार्य

  •  भूमि सुधार |
  •  कृषि सुधार |
  •  पशुपालन , डेयरी एवं मुर्गीपालन हेतु उचित मार्गदर्शन देना |
  •  ईंधन एवं चारा की उपलब्धता करवाना |
  •  प्रौढ़ एवं अनौपचारिक शिक्षा की व्यवस्था करना |
  •  महिला कल्याण |

ग्राम स्वराज

  •  समस्त प्रदेश में ‘ग्राम स्वराज’ व्यवस्था को 26 जनवरी , 2001 से लागु किया गया |
  •  इस व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य पंचायती राज में व्याप्त दोषों को दूर करना  है |
  •  ग्राम स्वराज के माध्यम से सत्ता के विकेंद्रिकरण के वास्तविक दर्शन का निरूपण करना |
  • इस व्यवस्था को दिग्विजयसिंह सरकार द्वारा लागु किया गया |

ग्राम न्यायालय

  •  ‘ग्राम न्यायालय’ अधिनियम को 26 जनवरी , 2001 से लागु किया गया |
  •   ग्राम न्यायालय की स्थापना के लिए 10 पंचायतो का एक वृत्त घोषित किया जायेगा |
  •   जिसका एक मुख्यालय होगा और प्रत्येक मुख्यालय के ऊपर ग्राम न्यायालय स्थापित किया जायेगा |
  •   ग्राम न्यायालय में सात सदस्य होंगे , जिनमे से एक विधि विशेषज्ञ होगा |
  •   ग्राम न्यायालय  के सदस्यों का कार्यकाल 5 वर्ष का होगा |
  •   नीमच जिले के जावद जनपद में झातला ग्राम पंचायत में पहली ग्राम न्यायालय की स्थापना  की गई |
  •   ग्राम न्यायालय में सभी सामाजिक वर्गों के प्रतिनिधित्व का प्रावधान किया गया |
  •   इस प्रावधान में संबद्ध पक्षों के बीच सुलह समझौता पर बल दिया गया |

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