किसकी याद में मनाया जाता है डॉक्टर्स डे | In whose memory celebrate Doctor’s Day

0
in-whose-memory-celebrate-doctors-day
in-whose-memory-celebrate-doctors-day

डॉक्टर्स डे :

Doctor’s Day : ऐसा कहा जाता हैं कि डॉक्टर भगवान का रूप होते हैं और भगवान के इसी रूप  के प्रति सम्मान प्रकट करने के उद्देश्य से दुनिया के अलग अलग देशो में  डॉक्टर्स डे मनाया जाता हैं।जहाँ अमेरिका में 30 मार्च को डॉक्टर्स डे मनाया जाता हैं, वही  क्यूबा, वियतनाम और ईरान में भी अलग-अलग दिन इसे सेलिब्रेट किया जाता है। और  भारत में डॉक्टर्स डे जुलाई महीने की पहली तारीख  को मनाया जाता है। भारत में डॉक्टर्स डे 1 जुलाई को  देश के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. बिधान चंद्र रॉय को श्रद्धांजलि और सम्मान देने के लिए  मनाया जाता है। 1991 में भारतीय सरकार द्वारा 1 जुलाई को डॉक्टर्स डे  की स्थापना हुई थी।

In whose memory celebrate Doctor’s Day :

  1. डॉक्टर्स डे प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. बिधान चंद्र रॉय के जन्म और मृत्यु की सालगिरह के रूप में मनाया जाता है अर्थात डॉ. बिधान चंद्र रॉय का जन्‍म और मृत्‍यु एक ही दिन यानि 1 जुलाई को हुई थी |
  2. उनका जन्म 1 जुलाई 1882 को बिहार के पटना में हुआ था।
  3. इनके पिता का नाम श्री प्रकाश चंद्र राय था |
  4. इनकी माता  का नाम श्रीमती कमिनी देवी था |
  5. वर्ष 1897 में इन्‍होंने पटना के कोलीजिएट स्कूल से 10वी की परीक्षा को पास की थी |
  6. 12वी की शिक्षा  इन्होने कलकत्ता के प्रेसीडेंसी कॉलेज से प्राप्त  की |
  7. उन्होंने अपनी डॉक्टरी की डिग्री कलकत्ता से पूरी की |
  8. इसके बाद आगे की पढाई के लिए इंग्लॅण्ड चले गये
  9. जहाँ उन्होंने सन 1909 में सेंट बर्थोलोमिउ हॉस्पिटल से एम.आर.सी.पी. और एफ.आर.सी.एस. किया |
  10. 2 साल और तीन महीनो में अपनी पढाई पूरी करने के बाद वर्ष  1911 में वे भारत लौट आये और इसी वर्ष से उन्होंने भारत में एक चिकित्सक के रुप में अपने चिकित्सा जीवन की शुरुआत की।
इसे भी पढ़े – विश्व टेलीविजन दिवस के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य | fact about world television day
  1. वर्ष 1942 में वह कलकत्ता विश्विद्यालय के उपकुलपति बने |
  2. एक प्रसिद्ध चिकित्सक और नामी शिक्षाविद् होने के साथ ही एक स्वतंत्रता सेनानी के रुप में सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान महात्मा गाँधी से जुड़े।
  3. द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान कलकत्ता में अपने कार्य सिद्धि के लिए  उन्हें “डॉक्टर ऑफ़ सांइस” की उपाधि दी गयी |
  4. उन्होंने  अपने राजनीति जीवन की शुरुआत वर्ष 1923 में  बैरकपुर निर्वाचन-क्षेत्र से एक निर्दलीय प्रत्याशी के रूप चुनाव को लड़ कर की जिसमे उन्हें जीत हासिल हुई |
  5. उन्होंने अपना पहला राजनीतिक भाषण 1926 को  दिया |
  6. वह बंगाल के दुसरे मुख्यमंत्री मंत्री बने वे वर्ष 1948 से लेकर वर्ष 1962 तक पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री रहे|
  7. उन्हें आधुनिक बंगाल का निर्माता कहा जाता है |
  8. इसके बाद  वर्ष 1961 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न‘ से भी नवाजा  गया |
  9. उनका निधन 1 जुलाई 1962 को 80 वर्ष की अवस्‍था में हर्टअटैक की वजह से हो गया था |

Click here to visit our youtube channel

इसे भी पढ़े :