परिचय :
Brahmos : ओडिशा के चांदीपुर से सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का परीक्षण किया गया। डीआरडीओ सूत्रों ने कहा कि मिसाइल के पोत रोधी संस्करण को आईटीआर के प्रक्षेपण परिसर-3 से प्रक्षेपित किया गया। रक्षा सूत्रों ने कहा कि यह दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है जिसकी मारक क्षमता सटीक है। ब्रह्मोस को जमीन, समुद्र और हवा से दागा जा सकता है। और ब्रह्मोस (brahmos) मिसाइल की मारक क्षमता बढकर 450 KM होने वाली है , इसके सफल परिक्षण के बाद जल्द ही इस ज्यादा मारक क्षमता वाली मिसाइल को भरतीय सेना के बेड़े में शामिल किया जायेगा जिससे भारतीय सेना की ताकत में कई गुना वृद्धि हो जाएगी |
Fact about brahmos :
- ब्रह्मोस नाम भारत की ब्रह्मपुत्र नदी और रूस की मसक्वा नदी पर रखा गया है।
- मिसाइल ब्रह्मोस की मारक क्षमता 290 किमी तक है।
- ब्रह्मोस मिसाइल हवा में ही मार्ग बदल सकती है और अपने निर्धारित लक्ष्य पर हमला कर सकती है।
- इस मिसाइल को वर्टिकल या सीधे कैसे भी प्रक्षेपक से छोड़ा जा सकता है।
- ब्रह्मोस मिसाइल हमारी तीनों सेनाओं थलसेना, जलसेना और वायुसेना के काम आ सकती है।
- ब्रह्मोस 10 मीटर की ऊंचाई पर उड़ान भर सकती है और रडार की पकड में नहीं आती है। ये ब्रह्मोस किसी भी तरह की मिसाइल पहचान प्रणाली को धोखा दे सकती है।
- मिसाइल ब्रह्मोस मिसाइल 1200 यूनिट ऊर्जा पैदा कर अपने निर्धारित लक्ष्य को तहस-नहस कर सकती है।
- ब्रह्मोस मिसाइल 300 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री अपने साथ ले जा सकती है।
- ब्रह्मोस मिसाइल को पनडुब्बी, पोत, एयरक्राफ्ट (अभी प्रयोग के स्तर पर) और जमीन से लांच किया जा सकता है ।
दुनिया की सबसे तेज मिसाइल के बारे रोचक तथ्य :
- यह ऑपरेशन के दौरान दुनिया की सबसे तेज पोत रोधी क्रूज मिसाइल है ।
- ब्रह्मोस मिसाइल की स्पीड 2.8-3.0 मैक है. यह ‘दागो और भूल जाओ’ सिद्धांत पर कार्य करती है ।
- ब्रह्मोस लघु रेंज रेमजेट सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है. ये टू-स्टेज मिसाइल प्रणाली पर आधारित है ।
- स्टील्थ टेक्नोलॉजी, गाइडेंस सिस्टम और एडवांस टेक्नोलॉजी इसको विशिष्ट गति प्रदान करते हैं ।
- ब्रह्मोस मिसाइल को भारत और रूस के संयुक्त उद्यम ब्रह्मोस एयरोस्पेस द्वारा निर्मित किया गया है ।
- अंतर-सरकारी समझौते के तहत 12 फरवरी, 1998 को इस कंपनी की भारत में स्थापना की गई ।
- 250 मिलियन डॉलर की पूंजी से शुरू की गई इस कंपनी में भारत की हिस्सेदारी 50.5 प्रतिशत और रूस की 49.5 प्रतिशत है. इसका भार तीन हजार किग्रा है. लंबाई 8.4 मी और व्यास 0.6 मी है ।
- हवाई हमलों को धार देने के लिए 7.0 मैक की स्पीड से सुपरसोनिक ब्रह्मोस-2 वर्जन फिलहाल प्रायोगिक स्तर है।
- वास्तव में भारत मध्यम रेंज क्रूज मिसाइल प्रणाली के तहत ब्रह्मोस का निर्माण करने का इच्छुक था लेकिन रूस ने अंतरराष्ट्रीय एमटीसीआर पाबंदियों के कारण लघु रेंज विकसित करने पर जोर दिया ।
- ब्रह्मोस मिसाइल रूस की पी-800 ओनिक्स और वहां की इसी तरह की क्रूज मिसाइल तकनीक पर आधारित है ।