परिचय :
article 35a : जम्मू कश्मीर राज्य और विवादो का इस राज्य के बनने से ही बड़ा गहरा नाता रहा है , चाहे वह धारा 370 हो या फिर अनुच्छेद 124A या फिर अनुच्छेद 35A. इन सभी विवादों के कारण जम्मू कश्मीर हर वक्त राजनैतिक और सामाजिक विवादों का केंद्र बन चूका है | भारतीय राजनैतिक दलों के लिए ये विवाद एक रूप से वोट बैंक के रूप में कार्य कर रहे है , हर राजनैतिक इन विवादों को अपने राजनैतिक फायदे के अनुसार उपयोग कर रहे है इन्ही विवादों के बीच नवनिर्वाचित सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर से धारा 370 और अनुच्छेद 35A (article 35a) को हटाने की बात कही जा रही है तो आइये जानते है अनुच्छेद 35A को विस्तार से …….|
भारत के संविधान में अनुच्छेद 35A और अनुच्छेद 370 दो ऐसे अनुच्छेद है जो कि जम्मू और कश्मीर को विशेष अधिकार प्रदान करते हैं. भारतीय संविधान में अनुच्छेद 370 को पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु और जम्मू कश्मीर के महाराजा हरी सिंह के मध्य हुए समझौते के बाद जोड़ा गया था |
क्या है अनुच्छेद 35A ?
- जम्मू-कश्मीर को अनुच्छेद 35A को विशेष अधिकार देता है.
- इसके तहत दिए गए अधिकार ‘स्थाई निवासियों’ से जुड़े हुए हैं.
- इसका अर्थ यह है कि राज्य सरकार को ये अधिकार दिया है
- कि वो आजादी के वक्त दूसरी जगहों से आए शरणार्थियों और अन्य भारतीय नागरिकों को जम्मू-कश्मीर में किस तरह की सहूलियतें दे अथवा नहीं दे.
कब जोड़ा गया था अनुच्छेद 35A ?
- साल 1952 में शेख अब्दुल्ला और नेहरू के बीच एक समझौता हुआ जिसे 1952 के दिल्ली समझौता के नाम से जाना गया।
- इस समझौते के बाद 1954 में आर्टिकल 35ए को संविधान में जोड़ा गया।
- तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की सलाह पर तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने आदेश जारी किया था।
- उस आदेश के माध्यम से ही 35ए को संविधान में जोड़ा गया था।
- 35ए के जरिए भारतीय नागरिकता को जम्मू-कश्मीर की राज्य सूची का मामला बना दिया।
- अनुच्छेद 35A, 14 मई 1954 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने एक आदेश पारित किया था.
- इस आदेश के जरिए भारत के संविधान में एक नया अनुच्छेद 35A जोड़ दिया गया था |
- हमे ज्ञात है कि जम्मू-कश्मीर का संविधान 1956 में बनाया गया था.
- इस संविधान के मुताबिक जम्मू-कश्मीर का स्थायी नागरिक वह व्यक्ति है जो 14 मई 1954 को राज्य का नागरिक रहा हो या फिर उससे पहले के 10 वर्षों से राज्य में रह रहा हो. साथ ही उसने वहां संपत्ति हासिल की हो.
इस अनुच्छेद में क्या है मुख्य प्रावधान ?
- यह अनुच्छेद किसी गैर कश्मीरी व्यक्ति को कश्मीर में जमीन खरीदने से रोकता है.
- भारत के किसी अन्य राज्य का निवासी जम्मू & कश्मीर का स्थायी निवासी नही बन सकता है
- इसी कारण वहां वोट नही डाल सकता है.
- यदि जम्मू और कश्मीर की कोई लड़की किसी बाहर के लड़के से शादी कर लेती है अर्थात अन्य राज्य के लडके से शादी करती है तो उसके सारे अधिकार खत्म हो जाते हैं.
- साथ ही उसके बच्चों के अधिकार भी खत्म हो जाते हैं.
- साथ ही यह अनुच्छेद भारत के नागरिकों के साथ भेदभाव करता है
- क्योंकि इस अनुच्छेद के लागू होने के कारण भारत के लोगों को जम्मू-कश्मीर के स्थायी निवासी प्रमाणपत्र से वंचित कर दिया
- जबकि पाकिस्तान से आये घुसपैठियों को नागरिकता दे दी गयी.
- अभी हाल ही में कश्मीर में म्यांमार से आये रोहिंग्या मुसलमानों को भी कश्मीर में बसने की इज़ाज़त दे दी गयी है.
नही मिलता है संविधान में कोई जिक्र
- अनुच्छेद 35A (article 35a) को संविधान में 14 मई 1954 में राष्ट्रपति के आदेश से संविधान में जगह मिली थी.
- संविधान सभा से लेकर संसद की किसी भी कार्यवाही में, कभी अनुच्छेद 35A को संविधान का हिस्सा बनाने के संदर्भ में किसी संविधान संशोधन या बिल लाने का जिक्र नहीं मिलता है |