परिचय:
Mahavir Swami : महावीर स्वामी से सम्बंधित सामान्य ज्ञान की जानकारी प्राप्त करने के लिए इस पोस्ट को जरुर पड़े और शेयर भी करे
- महावीर स्वामी (Mahavir Swami) जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर थे , वे जैन धर्म के प्रवर्तक थे |
- इनका जन्म शुक्लपक्ष, चैत्र महीने के 13वें दिन 540 ईसीबी में कुंडलगामा, वैशाली जिला, बिहार में हुआ था।
- इनके पिता का नाम सिद्धार्थ था |
- इनकी माता का नाम त्रिशिला देवी था |
- इनके बचपन का नाम वर्धमान था |
- महावीर स्वामी के भाई नंदिवर्धन और बहन सुदर्शना थी |
- इनकी पत्नी का नाम यशोदा तथा पुत्री का नाम प्रियदर्शना था |
- इन्होंने 30 साल की उम्र में घर छोड़ दिया और दीक्षा लेने के बाद 12 साल तपस्या की।
- जैन धर्मियों का मानना है कि वर्धमान ने कठोर तप द्वारा अपनी समस्त इन्द्रियों पर विजय प्राप्त कर “जिन” अर्थात विजेता कहलाए। उनका यह कठिन तप पराक्रम के सामान माना गया, जिस कारण उनको महावीर कहा गया और उनके अनुयायी जैन कहलाए।
- महावीर स्वामी ने वैशाख शुक्ल 10 को बिहार में जृम्भिका गांव के पास ऋजुकूला नदी-तट पर स्थित साल वृक्ष ने नीचे कैवल्य ज्ञान प्राप्त किया था।
- महावीर स्वामी ज्ञातृ क्षत्रिय वंशीय नाथ थे |
- स्वामी जी ने अपने उपदेश खासकर प्राकृत भाषा में दिए थे |
- महावीर स्वामी का दर्शन पंच महाव्रत, अनेकांतवाद, स्यादवाद और त्रिरत्न में सिमटा हुआ है |
- स्वामी जी के प्रमुख तीन शिष्य गौतम, सुधर्म और जम्बू थे साथ ही बिम्बिसार भी इनका शिष्य था |
- महावीर जयंती को महावीर स्वागमी जन्म कल्यामणक भी कहा जाता है।
- स्वामी जी को वीर, अतिवीर और सन्मती के नाम से भी जाना जाता है |
- महावीर स्वामी को लगभग 72 वर्ष से अधिक आयु में कार्तिक कृष्ण अमावस्या-30 को 527 ई.पू. पावापुरी उद्यान (बिहार) में महापरिनिर्वाण प्राप्त हुआ था।