इनपुट डिवाइस क्या है और इसके प्रकार | input devices ke prakar

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input devices ke prakar

परिचय :

input devices : यह एक Electromagnetically Device है जो डेटा और अनुदेशों को स्वीकार कर उसे कंप्यूटर के प्रयोग के लायक बनाता है |

इनपुट डिवाइस के प्रकार (Type of Input Devices)

की-बोर्ड  ( keyboard ) :

की-बोर्ड ( keyboard )  input devices
  • यह एक मुख्य इनपुट डिवाइस है।
  • जिसका प्रयोग कंप्यूटर में डेटा Insert के लिए किया जाता है|
  • आजकल 104 बटनों वाले ‘QWERTY’ की-बोर्ड का प्रयोग किया जाता है।

माउस ( Mouse ) :

माउस ( Mouse )  input devices
  • यह एक इनपुट डिवाइस (input devices) है जिसे प्वाइंटिंग डिवाइस  भी कहा जाता है।
  • माउस में दो या तीन बटन हो सकते हैं जिन्हें दायां, बायां और मध्य बटन कहते हैं|
  • इसके नीचे एक रबर बॉल होती है।
  • किसी समतल सतह (माउस पैड) पर माउस को हिलाने पर बॉल घूमती है|
  • बॉल को हिलाने पर माउस प्वाइंटर  की गति और दिशा  परिवर्तित हो जाती है|
  • वर्तमान में  Optical mouse  का प्रयोग किया जा रहा है |
  • Optical Mouse के निचे एक lesser beam लगा होता जिस्सके माध्यम Mouse Pointer को Control किया जाता है |

ट्रैक बाल  ( Track ball ) :

Track ball एक pointing device है, जिसका उपयोग Mouse के उपयोग के पहले किया जाता था | इस device   में rubber ball उपयोग में लाये जाती है| यह ball device के top लगाई जाती है, जिसके साथ दो बटन लगाए जाते है | इस device को use करते समय अंगूठा ball पर रहता है और user की अंगुलियों बटन पर रखी जाती है | track ball को Mouse की ही तरह move करवाने के आवश्यकता नही होती है | इसके स्थान पर अंगूठे की सहायता से ball को घुमाया जाता है | इस ball के साथ sensor जुड़े होते है, जो pointer को screen पर control करने के लिए signal भेजता है | track ball का सामान्य उपयोग graphical  package में अधिकतम किया जाता है परन्तु Optical Mouse का use करने के साथ track ball का use कम हो गया है |

डिजिटल टेबलेट  ( Digital Tablet ) :

यह input devices होती है, जिसके माध्यम से किसी drawing या free hand diagram को computer screen पर दिखाया जा सकता है एवं user की आवश्यकता के अनुसार memory में save किया जा सकता है | इस device में एक समतल pad होता है जिस पर electronic material की मदद से एक ग्राफ के समान circuit बनाया जाता है | इस circuit में निरंतर परन्तु बहुत कम current होता रहता है | इस pad के साथ एक pointing device pen का उपयोग किया जाता है | यह pointing device table कि सतह पर उपयोग की जाती है | इस pointer device के movement के अनुसार screen  पर line या graph को दिखाया जा सकता है और साथ की किसी object को भी बनाया जा सकता है |

जॉयस्टिक  ( Joystick ) :

जॉयस्टिक ( Joystick ) input devices
  • यह एक प्वाइंटिंग डिवाइस है जो ट्रैकबाल की तरह ही कार्य करता है।
  • बॉल के साथ एक छड़ी लगा दी जाती है ताकि बॉल को आसानी से घुमाया जा सके ।
  • इसका उपयोग वीडियो गेम, सिमुलेटर प्रशिक्षण, आदि में किया जाता है |

लाइट पेन (Light Pen) :

लाइट पेन (Light Pen) input devices
  • यह पेन के आकार का प्वाइंटिंग डिवाइस है जिसका प्रयोग इनपुट डिवाइस की तरह किया जाता है ।
  • इसका प्रयोग कंप्यूटर स्क्रीन पर लिखने, चित्र बनाने या बारकोड (bar code) को पढ़ने में किया जाता है |
  • Light pen  एक screen sensitive device होती है  |
  • जिसका उपयोग computer screen पर किसी free hand  object को बनाने के लिए किया जा सकता है
  • light pen एक Optical sensitive device  है जो एक विषेष प्रकार की light rays उत्सजीत करती है।
  • इन device का उपयोग screen पर किसी object को select करने के लिए या किसी object को select करने के लिए किया जाता है।
  • light pen के द्वारा बनाया गया कोई भी graphics या चित्र system में image के रूप में store किया जा सकता है।
  • यह एक सामान्य pointing device होती है, जो दैनिक उपयोग में लाए जाने वाले pen  की तुलना में थोडी thick (मोटी)  होती हे।
  • इस device को एक single wire की सहायता से cpu से जोडा जाता है।
  • यह pen एक विशेष frequency की light ray उत्पन्न करता है।
  • जब इसे screen  पर move किया जाता है। जब इससे निकलने वाली किरणे screen की coating से परावर्तित होती हे।
  • परावर्तित होकर यह rays पुनः pen  मे लगे sensor पर टकराती हे। यह sensor  screen पर pixel position कां read कर लेता है|
  • point को screen  की उस position पर select करता है। जैसे – जैसे यह pen  screen पर touch रहते हुए move करता है। points की line screen पर बनती चली जाती है
  • इस प्रकार एक free hand object select हो जाता है।
  • object  के पूरी जरह बन जाने के बाद pen पर दिया गया एक button press किया जाता है,
  • जिसका signal मिलने के बाद ही object image के रूप में save कर लिया जाता है।

Connection के आधार पर light pen  दो प्रकार होते है।

  1. wired light pen
  2. wireless light pen

स्केनर ( Scanner ) :

स्केनर ( Scanner ) input devices
  • यह एक इनपुट डिवाइस (input devices) है जिसका प्रयोग कर तस्वीर और रेखाचित्र को डिजिटल चित्र (digital image) में परिवर्तित कर मेमोरी में सुरक्षित रखा जा सकता है।
  • डिजिटल चित्र पर कंप्यूटर द्वारा प्रोसेसिंग भी किया जा सकता है |

स्केनर मुख्यतः दो प्रकार के होते है।

  • फ्लैट बेड स्केनर (Flat Bed Scanner): इसका आकार फोटोकॉपियर की तरह होता है |
  • हैंड हेल्ड स्केनर (Hand Held Scanner): इसका आकार बड़ा होता है और ये बहुउद्देशीय होते हैं|

बार कोड रीडर ( Bar code Reader ) :

बार कोड रीडर ( Bar code Reader ) input devices
  • बार कोड विभिन्न चौड़ाई की काली पट्टियां होती हैं।
  • उनकी चौड़ाई और दो पट्टियों के बीच की दूरी के हिसाब से उनमें सूचनाएं निहित रहती हैं|
  • इन सूचनाओं को बार कोड रीडर की सहायता से कंप्यूटर में डालकर उत्पाद, वस्तु के प्रकार आदि का पता लगाया जा सकता है।
  • बार कोड रीडर लेजर बीम (laser beam) का प्रयोग करता है तथा परावर्तित किरणों के द्वारा डेटा को कंप्यूटर में डालता है|
  • आजकल बारकोड का प्रयोग बैंक व पोस्ट ऑफिस में भी किया जाता है|

मैग्नेटिक इंक केरेक्टर रिकग्निशन ( Magnetic Ink Character Recognition) :

micr input devices
  • इसका प्रयोग विशेष चुंबकीय स्याही (आयरन ऑक्साइड) से विशेष तरीके से लिखे अक्षरों को कंप्यूटर के जरिए पढ़ने के लिए किया जाता है।
  • इसका प्रयोग बैंकों द्वारा चेक/ड्राफ्ट में किया जा रहा है।
  • इससे कम समय और बड़ी मात्रा में चेक/ड्राफ्ट का भुगतान करने और नकल रोकने में मदद मिलती है |

ऑप्टिकल मार्क रीडर ( Optical Mark Reader ) :

ऑप्टिकल मार्क रीडर ( Optical Mark Reader ) input devices
  • यह एक इनपुट डिवाइस है जो विशेष प्रकार के संकेतों/चिन्हों को पढ़कर उसे कंप्यूटर द्वारा उपयोग योग्य बनाता है|
  • आजकल वस्तुनिष्ठ उत्तर पुस्तिकाओं (Multiple Choice Question) को जांचने के लिए इसका प्रयोग किया जा रहा है।
  • इसमें उच्च तीव्रता वाले प्रकाशीय किरणों को कागज पर डाला जाता है तथा पेन या पेंसिल के निशान से परावर्तित किरणों का अध्ययन कर सही उत्तर   का पता लगाया जाता है |

टच स्क्रीन ( Touch Screen ) :

टच स्क्रीन ( Touch Screen ) input devices
  • यह एक आसान इनपुट डिवाइस (input devices) है|
  • कंप्यूटर स्क्रीन पर उपलब्ध विकल्पों में से किसी एक को छूकर निर्देश दिए जा सकते हैं तथा कार्यक्रमों का क्रियान्वयन कराया जा सकता है |
  • टच स्क्रीन का उपयोग बैंकों में एटीएम (ATM—Automatic Teller Machine) तथा सार्वजनिक सूचना केंद्र (Information Kiosk) में किया जा रहा है |
Touch screen output के साथ work करने वाली input devices होती है। यह एक visual input devices है, जिसमें user screen  पर दिखाए देने वाली किसी command option को अपनी finger से select कर सकता हे। touch screen monitor  का उपयोग information system में किया जाता है। जहां केवल किसी information या command को user के लिए available करवाना होता है।
यह दिखने में simple video display unit होती है, जिसमें किसी LCD या CTR Type के Monitor  का उपयोग किया जाता है। इस Monitor के उपर glass की दो transparent (पारदर्षी)  प्लेट लगाई जाती है, जिनमें किसी चालक की पतली line बनाई जाती है। यह line इतनी पतली होती है की यह लगभग पारदर्षी हो जाती हे। इनस प्रकार एक प्लेट horizontal Lines को और एक प्लेट vertical line को प्रदर्शित करती है। इस प्रकार दोनो plates की लाईने मिलकर एक matrix का रूप में ले लेती है। इन lines पर बहुत कम voltage का current  दिया जाता है। जब भी user screen के किसी भाग पर अपनी अंगुली या thumb को touch करता है, उस सथान पर current का बहना बंद हो जाता है। जिससे उस स्थान पर बने iron command को execute कर दिया जाता है। इस प्रकार किसी भी command area पर touch करके user उस program को run कर सकता हे।touch screen Monitor का प्रयोग किसी information system को लागु करने के लिए जैसे की railway reservation system banking ATM machine आदि मे किया जाता है।

डिजिटल कैमरा ( Digital Camera ) :

डिजिटल कैमरा ( Digital Camera ) input devices
  • यह एक सामान्य डिजिटल कैमरे की तरह होता है|
  • कंप्यूटर से जोड़कर इनपुट डिवाइस की तरह प्रयोग किया जाता है |
  • फोटो डायोड (photo diode) प्रकाशीय सूचना को विद्युत तरंगों में बदल कर कंप्यूटर को देते हैं |

Digital  camera एक photo  sensitive device होती है जो एक सामान्य film camera के समान ही कार्य करती है परन्तु दोनो ही device में मुख्य अंतर picture को save करने वाले माध्यम का होता हें film camera में lense द्वारा picture को celluloid की एक पतली film पर प्रेषित किया जाता है जिसे एक रासायनिक क्रिया द्वारा develop किया जा सकता है। इसके विपरित digital camera में किसी भी picture को magnetic  memory में  Digital  data के रूप् में save किया जाता है।
camera में lense के द्वारा किसी वास्तविक image को प्रेषित किया जाता है। इस image का प्रतिबिम्ब lense के पीछे लगाये गये पर्दे पर बनता है, इसका photo sensitive पदार्थ image को Digital  data  में परिवर्तित कर देता हें sensor पर बनने वाली image को एक Small dot के रूप में read किया जाता है। यह Small dot एक pixel कहलाता है।

प्रत्येक pixel के लिए निम्न तीन तथ्यों के रूप में data को store किया जाता है।

  1. X position
  2. Y position
  3. Z position

किसी  भी Digital  camera कि क्षमता को उसके द्वारा store किए जाने वाले image के लिए pixel की संख्या के आधार पर मापा जाता है। जैसे कि 1.2 mega pixel, 2.3 mega pixel, 3 mega pixel Digital  camera में image को save करने वाला माध्यम magnetic  memory होती हे। इस कारण से किसी भी क्षमता के Digital  lense को उपयोग मे लाया जा सकता है। साथ ही Digital  camera के lense में optical zoom की facility भी रहती है। जिसके आधार पर image को किसी भी दुरी से capture किया जा सकता है।

माइक ( Mic) :

माइक ( Mic)  input devices
  • कंप्यूटर में मल्टीमीडिया के विकास से आवाज को रिकार्ड करने के लिए माइक का प्रयोग इनपुट डिवाइस के रूप में हो रहा है|

स्पीच रिकॉगनीशन सिस्टम ( Voice/Speech Recognition System ) :

Voice/Speech Recognition System input devices
  • ये आकार में काफी बड़े होते हैं |
  • जिसके माध्यम से डेटा को बोलकर कंप्यूटर में डाला जा सकता है|
  • वर्तमान में इसका प्रयोग सीमित है |
  • भविष्य में इसके विकास की संभावनाएं विद्यमान हैं।
आज के वर्तमान समय मे IVRS का बहुत अधिक उपयोग होता है। यह एक ऐसा system है जिसके माध्यम से user की आवाज के रूप मे दिए गए command के आधार पर computer system कार्य करता है। इस system को impliment करने के लिए सबसे पहले user की आवाज मे भाषा के प्रत्येक स्वर एवं अक्षर के उच्चारण को record किया जाता है। इस record के लिए data के आधार पर system के command बनाए जाते हे। system में store commands को user द्वारा बोले जाने वाले command से check किया जाता है। user recoding device   के माध्यम से अपनी आवाज input के रूप में देता है, जिसे system में store voice data से मिलान  किया जाता है। यदि यह दोनो sound data एक समान होते है जब system user द्वारा दिए गए voice command को execute करता है। इस प्रकार IVRS कि सहायता से user अपनी voice के रूप में command दे सकता हे। यह system voice command की frequency     के आधार पर command को पहचानता है। अलग – अलग user की आवाज की frequency अलग – अलग होती है इसलिए यह system सभी परिस्थितियों में उपयोगी नही होता है।

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