परिचय – History of Computers :
History of Computers – कंप्यूटर शब्द की उत्पत्ति ग्रीक भाषा के COMPUTE से हुई, Computer का पूर्ण रूप – Common Operating Machine Particularly used for Technological Engineering Research है, 19वीं सदी में गणित के एक प्रोफेसर ‘चार्ल्स बेबेज’ ने कंप्यूटर शब्द से सब को परिचित करवाया, कंप्यूटर की History को पांच पीड़ियो में विभक्त किया गया है |
कंप्यूटर का विकासक्रम (History of Computers) :
अबेकस (Abacus) :
- अबेकस के अविष्कारक – ‘लि-काई चेन’ Abacus शब्द जो है वो ग्रीक शब्द abax से आया है |
- abax शब्द का मतलब होता है calculating board ।
- प्रथम जो Abacus था वो चीन में आज से 5000 वर्ष पूर्व में बनाया गया था।
- आज भी अबेकस का इस्तेमाल गणित की समस्याओं को सुलझाने में इस्तेमाल किया जाता है |
- सबसे अधिक जिन जगहों पर इसका इस्तेमाल होता है वो है चीन, जापान और रूस |
- इसे कंप्यूटर की प्रेरणा के स्त्रोत के रूप में भी जाना जाता है |
नेपियर बोन्स (Napier’s bones) :
- नेपियर बोन्स के अविष्कारक – ‘जॉन नेपियर’ (1600) थे यह एक तेज गणनाएं करने वाला यन्त्र |
- जॉन नेपियर एक स्कॉटिस गणितज्ञ थे उन्होने संख्याओं से संबंधित कई महत्वपूर्ण खोजे की थी ।
- नेपियर लघुगणक की खोज के कारण बहुत प्रसिध्द थे।
- लघुगणक ने जटिल गणनाओं को आसान बना दिया था ।
- लघुगणक का उपयोग कई गणितीय समस्याओ को हल करने में किया जाता था,
- यह भी कंप्यूटर की प्रेरणा के स्त्रोत के रूप में भी जाना जाता है |
पास्कल गणना यन्त्र (Blaise Pascal) :
- फ्रांस के गणितज्ञ ब्लेज पास्कल ने 1642 में प्रथम यांत्रिक गणना मशीन का आविष्कार किया – जिसे ‘पास्कलाइन’ कहा गया है,
- यह केवल जोड़ व घटा सकती थी ।
- अतः इसे एडिंग मशीन (Adding Machine) भी कहा गया।
- जब पास्कल ने यह मशीन बनाई तब वह केवल 19 वर्ष के थे।
मल्टिप्लाइंग मशीन (Gottried Leibniz) :
- जर्मनी के गोटरीड लेबनीज ने पास्कल की मशीन को और बेहतर बनाया जिससे गुणा- भाग भी किया जा सके |
- गोटरीड ने सर आइजक न्यूटन के साथ काम करके गणित के कैलकुलस का विकास भी किया था।
- इनके द्वारा विकसित कैलकुलेटर की मदद से आसानी से जोड, घटाव गुणा और भाग किया जा सकता है।
डिफरेंज इंजन (एनालिटिकल इंजीन) :
- ब्रिटिश गणितज्ञ चार्ल्स बैबेज (Father Of Moden Computer) 1822 में डिफरेंस इंजन का विकास किया जो भाप से चलता था।
- इसके द्वारा गणनाओं का प्रिंट भी किया जा सकता था।
- 1842 में इन्होने एक स्वचालित मशीन एनालिटिकल इंजीन बनाया जो पंचकार्ड के दिशा निर्देशों के अनुसार कार्य करती थी
- जो की जोड़, घटाव, गुणा एवं भाग कर सकती थी |
- लेडी एडा आगस्टा ने एनालिटिकल इंजीन में पहला प्रोग्राम डाला |
- इस हेतु उन्हें दुनिया का प्रथम प्रोग्रामर भी कहा जाता है ,
- इन्हें बायनरी संख्या प्रणाली का श्रेय भी जाता है |
सेंसेस तेबुलेटर (Census Tabulator) :
1890 में अमेरिका के वैज्ञानिक हर्मन होलेरिथ ने इस यन्त्र का अविष्कार किया जो बिजली से चलता था | इस यन्त्र का प्रयोग अमेरिका की जनगणना में किया गया | हर्मन होलेरिथ को पंचकार्ड के अविष्कार का श्रेय भी दिया जाता है |
मार्क-I (Marc-I) :
वर्ष 1937 से 1944 के बीच आईबीएम (IBM—International Business Machine) कंपनी के सहयोग तथा वैज्ञानिक हावर्ड आइकेन के निर्देशन में विश्व के प्रथम पूर्ण स्वचालित विद्युत यांत्रिक गणना यंत्र का आविष्कार किया गया ।
ABC (Atanasoff Berry Computer) :
वर्ष 1939 में जॉन एटनासॉफ और क्लिफोर्ड बेरी नामक वैज्ञानिकों ने मिलकर विश्व का प्रथम ‘इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल कंप्यूटर’ का आविष्कार किया
एनिएक (ENIAC – Electronic Numerical Integrator and Calculator) :
1946 में अमेरिकी वैज्ञानिक जे- पी- एकर्ट तथा जॉन मुचली ने सामान्य कार्यों के लिए प्रथम पूर्ण इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर का आविष्कार किया जिसे एनिएक नाम दिया गया था ।
इडवैक (EDVAC – Electronic Discrete Variable Automatic Computer) :
- एनिएक कंप्यूटर में प्रोग्राम में परिवर्तन करना कठिन था।
- इससे निपटने के लिए वान न्यूमेन (Van Neumann) ने संग्रहित प्रोग्राम की अवधारणा दी तथा इडवैक का विकास किया।
- आधुनिक कंप्यूटर के विकास में सर्वाधिक योगदान अमेरिका के डॉ- वान न्यूमेन (Van Neumann) का है।
- इन्हें डेटा और निर्देश (instructions) दोनों को बाइनरी प्रणाली (0 और 1) में संग्रहित करने का श्रेय भी दिया जाता है।
यूनीवैक (UNIVAC – Universal Automatic Computer) :
यह प्रथम कंप्यूटर था जिसका उपयोग व्यापारिक और अन्य सामान्य कार्यों के लिए किया गया। प्रथम व्यापारिक कंप्यूटर यूनीवैक-I का निर्माण 1954 में GEC (General Electric Corporation) ने किया।
माइक्रो प्रोसेसर (Micro Processor) :
1970 में इंटेल कंपनी द्वारा प्रथम माइक्रो प्रोसेसर ‘इंटेल-4004’ के निर्माण ने कंप्यूटर क्षेत्र में क्रांति ला दी। इससे छोटे आकार के कंप्यूटर का निर्माण संभव हुआ जिन्हें माइक्रो कंप्यूटर कहा गया है।
एप्पल-II (Apple-II) :
पर्सनल कम्प्यूटर (PC) :
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