संज्ञा की परिभाषा व उसके भेद | Sangya Ke Prakar v Uske Bhed

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संज्ञा की परिभाषा

Sangya : किसी व्यक्ति, वस्तु अथवा स्थान के नाम को संज्ञा कहते हैं।

उदाहरण : राम, सीता , आना, धार , इंदौर, जाना, चलना, उत्साह , भद्रता, नम्रता, सुंदरता, घोड़ा, चिड़िया, वृक्ष, मकान,आम , जामुन आदि , संज्ञा के प्रकार (Sangya Ke Prakar) जानने के लिए पोस्ट को जरुर पढ़े |

संज्ञा के मुख्य भेद इस प्रकार हैं :

  1. व्यक्ति वाचक संज्ञा
  2. जाति वाचक संज्ञा
  3. भाव वाचक संज्ञा
  4. समूह वाचक संज्ञा
  5. द्रव्य वाचक संज्ञा

व्यक्तिवाचक संज्ञा

संज्ञा के वे शब्द जो किसी व्यक्ति, वस्तु या स्थान के नाम का बोध कराते है , उसे व्यक्ति वाचक संज्ञा कहते हैं।
उदाहरण :
राम , श्याम , नदी , टेबल आदि

जातिवाचक संज्ञा

जो संज्ञा शब्द किसी जाति  का बोध कराते हो, उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं।
उदाहरण :
लड़का , लडकी ,नदी , पर्वत आदि

भाववाचक संज्ञा

संज्ञा के जिन शब्दों से किसी व्यक्ति या वस्तु के गुण दोष ,धर्म, दशा, कार्य, मनोभाव आदि का बोध होता है उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं।
उदाहरण :
बुढ़ापा , जवानी , क्रोध , ज्ञानी  आदि

समूहवाचक संज्ञा

संज्ञा के जिन शब्दों से वस्तुअों के समूह या समुदाय का बोध होता है , उसे समूहवाचक संज्ञा कहते है।  समूहवाचक संज्ञा जातिवाचक संज्ञा का एक भेद है |
उदाहरण :
सेना , जनता, सभा, कक्षा, गुच्छा, कुंज, मण्डल,समिति ,दल  आदि |

द्रव्यवाचक संज्ञा

संज्ञा के जिन शब्दों से नाप-तौल वाली वस्तुओ का बोध होता है , उसे द्रव्यवाचक संज्ञा कहते है। द्रव्यवाचक संज्ञा जातिवाचक संज्ञा का एक भेद है |
उदाहरण :
ताम्बा, पीतल, चावल, घी, तेल, सोना, लोहा ,गेंहू आदि

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