परिचय ( Indian Vedas ) :
वेद Indian Vedas दुनिया के प्रथम धर्मग्रंथ है, वेद ईश्वर द्वारा ऋषियों को सुनाए गए ज्ञान पर आधारित है, इसे श्रुति भी कहा गया है, सामान्य भाषा में वेद का अर्थ है – ज्ञान, वेदों (Indian Vedas) में ब्रह्म (ईश्वर), देवता, ब्रह्मांड, ज्योतिष, गणित, रसायन, औषधि, प्रकृति, खगोल, भूगोल, धार्मिक नियम, इतिहास, रीति-रिवाज आदि लगभग सभी विषयों से संबंधित ज्ञान भरा पड़ा है।
सामवेद :
- सामवेद भारत के प्राचीनतम ग्रंथ वेदों में से एक है |
- इस वेद में लिखे मंत्रों को गाया जा सकता था |
- इसे भारतीय संगीत का जनक कहा जाता है |
- इन मंत्रों को हवन, यज्ञ, के समय पर गाया जाता था |
- इस वेद को सभी वेदों का सार माना जाता है |
- सभी वेदों के चुने हुए अंश इसमें शामिल किये गये है |
- इसमें 75 ऋचाएँ हैं |
- यह वेदों में सबसे छोटा वेद है |
- इसमें मुख्य 3 शाखाएँ हैं कौथुमीय, जैमिनीय और राणायनीय |
- सामवेद में कुल 1875 ऋचायें हैं जिनमें 75 को छोडकर शेष ऋग्वेद से ली गयी हैं |
अथर्ववेद :
- अथर्ववेद में 20 मंडल 731 सूक्तख तथा 5839 मंत्र हैं
- इसकी ऋचाओं का उल्लेंख करने वाले ऋषि को ब्रम्हा कहा जाता है
- इसमें औषिधि प्रयोग, तंत्र-मंत्र, जादू-टोना, रोगनिवारण, तथा वशीकरण जैसे विषयों का विवरण है
- अथर्ववेद को ब्रह्म विषय होने के कारण इसे ‘ब्रह्मवेद’ भी कहा गया है
- ऋग्वेद के उच्च कोटि के देवताओं को अथर्ववेद में गौण स्थान प्राप्त हुआ है
- अथर्ववेद में ऋग्वेद और सामवेद से भी मन्त्र लिये गये हैं
- अथर्ववेद में परीक्षित को कुरुओं का राजा कहा गया है
- ऋग्वेद के दार्शनिक विचारों का प्रौढ़रूप इसी वेद से प्राप्त हुआ है
- अथर्ववेद में सर्वाधिक उल्लेखनीय विषय ‘आयुर्विज्ञान’ है
- अथर्ववेद में ‘जीवाणु विज्ञान’ तथा ‘औषधियों’ आदि के विषय में जानकारी भी दी गई है
यजुर्वेद :
- मुख्यव रूप से यजुर्वेद के दो भाग हैं कृष्णप यजुर्वेद और शुक्लत यजुर्वेद शुक्लण यजुर्वेद की संहिताओं को वाजसनेय भी कहा जाता है |
- इसमें उत्तएर वैदिक युग की राजनीतिक, सामाजिक तथा धार्मिक जीवन की जानकारी मिलती है |
- कृष्णे यजुर्वेद में मंत्र और उनकी व्याख्याय है |
- यजुर्वेद गद्य और पद्य दोंनों रूप में लिखा गया है |
- इसमें यज्ञ की असल प्रक्रिया के लिये गद्य और पद्य मन्त्र हैं |
- यजुर्वेद हिन्दू धर्म का एक महत्त्वपूर्ण श्रुति धर्मग्रन्थ और चार वेदों में से एक है |
- यजुर्वेद के पद्यात्मक मन्त्र ॠग्वेद या अथर्ववेद से लिये गये है |
- इसमें 40 अध्याय, 1875 कण्डिकाएँ तथा 3988 मन्त्र हैं |
- यजुर्वेद में यज्ञों और हवनों के नियम और विधान हैं |
- कृष्णे यजुर्वेद में मंत्र और उनकी व्याख्याय है |
- विश्वविख्यात गायत्री मंत्र तथा महामृत्युञ्जय मन्त्र इसमें भी है |
- संस्कारों एवं यज्ञीय कर्मकाण्डों के अधिकांश मन्त्र यजुर्वेद के ही हैं |
ऋग्वेद :
- यह सबसे प्राचीनतम वेद है
- इसमें 10 मंडल, 8 अष्ट)क, 1028 सूक्तब तथा 10462 मंंत्र हैं
- इसमें लगभग 25 नदियों का वर्णन मिलता है जिसमें सर्वाधिक महत्वहपूर्ण नदी सिन्धु का वर्णन कई बार हुआ है
- ऋग्वेद में सरस्वती सबसे पवित्र नदी मानी गई है
- इसमें कुल 33 देवी-देवताओं का उल्लेसख मिलता है
- ऋग्वेद में सबसे अधिक सुक्तक 250 सर्वाधिक प्रतापी देवता इंद्र को तथा 200 श्लोक अग्नि को समर्पित है
- इसमें गंगा एवं सरयू का एक बार तथा यमुना का दो बार उल्लेख हुआ है
- इसमें प्रसिद्ध गायत्री मंत्र का उल्लेख है यह देवी सावित्री को सेबोधित है
- ऋग्वेद में गौ शब्द का प्रयोग 176 बार किया गया है
- ऋग्वेद में ही मृत्युनिवारक मृत्युञ्जय मन्त्र वर्णित है
- इसका सातवॉ मंडल वरूण को तथा नवा मंडल सोम को समर्पित है
- यज्ञ के अवसर पर ऋग्वेद के मंत्रो को उच्चाहरण करने वाले ऋषि होतृ कहलाते है |
- ॠग्वेद के कई सूक्तों में विभिन्न वैदिक देवताओं की स्तुति करने वाले मंत्र हैं
Logic-Guru Quiz Competition हेतु निचे लिखे प्रश्न के उत्तर Comment Box में दे |
Q1- किस वेद में संगीत का समावेश है ?
Q2- होतृ किसे कहते है ?