शेर शाह सूरी का इतिहास | History of SherShah Suri

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शेर शाह सूरी का इतिहास

History of SherShah Suri : शेरशाह सूरी का नाम भारतीय इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाता है उसके द्वारा सुर राजवंश की नींव रखी गई थी, शेरशाह सूरी की बहादुर औऱ साहस के किस्से भारतीय इतिहास में दर्ज हैं। उसने अपनी वीरता के बल पर दिल्ली के तख्त पर राज किया । तो आइये जानते है शेरशाह सूरी का इतिहास…..

History of SherShah Suri :

  1. शेर शाह का असली नाम फरीद खां था |
  2. उसके पिता का नाम हसन खां था |
  3. उसके पिता सासाराम के जमींदार थे |
  4. उसकी पत्नी का नाम रानी शाह था |
  5. उसके पुत्र का नाम इस्लाम शाह सूरी था |
  6. कन्नौज के युद्ध में विजय के बाद उसने 1505 में शेरशाह कि उपाधि धारण की |
  7. उसके द्वारा पुराने सिक्को के स्थान पर नये सिक्के लाए गये |
  8. उसके द्वारा जब्ती प्रणाली लागु की गई |
  9. शेरशाह के द्वारा ही रूपये का प्रचलन शुरू किया गया |
  10. इसके द्वारा ही पुराने किले का निर्माण दिल्ली में करवाया गया |
  11. शेरशाह ने चौसा के युद्ध में सूरी ने हुमायूं जैसे बड़े शासक को हराया था |
  12.  हुमायूं ने सूरी को ‘उस्ताद-ए-बादशाह’ यानी बादशाहों के उस्ताद की उपाधि दी थी |
  13.  मलिक मोहम्मद जायसी के द्वारा ‘पद्मावत’ की रचना उसके शासन काल में ही की गई थी |
  14. शेरशाह सूरी ने भारतीय पोस्टल विभाग कि नीव अपने शासनकाल में रखी थी |
  15. शेरशाह का मकबरा सासाराम में स्थित है |
  16. शेर शाह सूरी के द्वारा ही ग्रांट ट्रंक रोड का निर्माण करवाया गया |
  17. ग्रांट ट्रंक रोड सोनार गाँव से पेशावर तक जाती है |
  18. कालिंजर विजय अभियान के दौरान उसकी मृत्यु हुई |
  19. उसने 1540 से 1545 ईस्वी तक शासन किया |
  20. उसके द्वारा दिल्ली के पुराने किले पर किला-ऐ-कुहना मस्जिद, रोहतास में किला तथा पटना में शेरशाह सूरी मस्जिद का निर्माण करवाया गया |

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