शिक्षक बनने के लिए अब विश्वविद्यालयों में पीएचडी अनिवार्य
प्रकाश जावडेकर (मानव संसाधन विकास मंत्री) के अनुसार 2021-22 सत्र से यूनिवर्सिटी में अस्सिटेंट प्रोफेसर की भर्ती हेतु पीएचडी ( Ph.D. ) अनिवार्य होगी। सरकार ने उच्च शिक्षण संस्थानों में शोध को बढ़ावा और गुणवत्ता में सुधार के लिए पहली बार कॉलेज और यूनिवर्सिटी शिक्षकों की भर्ती में अलग नियम व मापदंड बनाए हैं, जबकि कॉलेजों में पहले की तरह ही नेट और मॉस्टर डिग्री के ही आधार पर शिक्षक बबना जा सकता हैं। लेकिन यदि कॉलेज में अस्सिटेंट प्रोफेसर पद पर तैनात शिक्षक को प्रमोशन (एसोसिएट प्रोफेसर) बनना हो तो अब उसके लिए चाहिए होगी पीएचडी ( Ph.D. )। इसके अतिरिक्त कोई कॉलेज शिक्षक यूनिवर्सिटी में जाकर सेवा देना चाहता है तो उसे भी पीएचडी ( Ph.D. ) की डिग्री अनिवार्य होगी |
महत्वपूर्ण बातें:
- 01 जुलाई 2021 से देशभर के विश्वविद्यालयों में शिक्षक भर्ती के लिए पीएचडी अनिवार्य होगी।
- कॉलेजों में पहले की तरह ही मास्टर डिग्री के साथ नेट या पीएचडी के तहत शिक्षक बना जा सकता हैं।
- शिक्षकों का मूल्यांकन ग्रेडिंग सिस्टम से होगा।
- यूनिवर्सिटी शिक्षक को रिसर्च के आधार पर स्कोर मिलेगा।
- पीएचडी धारक सीधे यूनिवर्सिटी या कॉलेज में अस्सिटेंट प्रोफेसर बन सकते हैं।