कारक की परिभाषा/karak ki paribhasha :
karak ki paribhasha : संज्ञा या सर्वमान का वाक्य के अन्य पदों से जो सम्बन्ध होता है , उसे कारक कहते है | कारक के भेद जानने हेतु पोस्ट पूरी पढ़े –
कारक के प्रकार
- कर्ता ने क्रिया करने वाला |
- कर्म को , ए , ऐ क्रिया से प्रभावित होने वाला |
- करण के द्वारा क्रिया का साधन या उपकरण |
- संप्रदान को , के लिए , ऐ जिसके के लिए कोई क्रिया संपन्न की जाये |
- अपादान से जहाँ अलगाव हो वहाँ ध्रुव या स्थिर में अपादान होता है |
- संबंध का , की ,के , रा ,री ,रे जहाँ दो पदों का पारम्परिक संबंध बताया जाये |
- अभिकरण में पर जो क्रिया के आधार आदि का बोध कराये |
- संबोधन ऐ! , हे ! ,अरे ! , ओ ! किसी को पुकार कर संबोधित किया जाये |
कारक के उदाहरण
- राम ने रावण को तीर से सीता हरण के लिए मारा
- पेड़ से पत्ते गिरने लगे
- रावण का भाई विभिषण बोला, हे राम!
- रावण जमीन पर पड़ा रहा