मध्यप्रदेश का राजनैतिक इतिहास | Madhya Pradesh Political History

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परिचय :

Madhya Pradesh Political History : 1 नवंबर 1956 के दिन भारत देश के नये राज्य के रुप में मध्यप्रदेश का गठन हुआ और इसके पहले मुख्यमंत्री रविशंकर शुक्ल बने , इन्होंने अपना पदभार 1 नवंबर 1956 को  ग्रहण किया परन्तु इनका कार्यकाल मात्र 60 दिनों तक ही चल सका| मध्यप्रदेश पहले मुख्यमंत्री रविशंकर शुक्ल स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भी थे |

मुख्यमंत्री भगवंतराव मंडलोई :

  • मध्यप्रदेश के अगले मुख्यमंत्री के रूप में भगवंतराव मंडलोई ने 9 जनवरी 1957 को  मुख्यमंत्री के रूप में पदभार सम्भाला
  • यह मुख्यमंत्री के रूप में मात्र 21 दिनों तक ही कार्य कर सके थे |
  • इस दौरान वह खंडवा  विधानसभा  क्षेत्र से विधानसभा सदस्य थे |

मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री कैलाश नाथ काटजू :

  • इसके बाद मध्यप्रदेश के अगले मुख्यमंत्री कैलाश नाथ काटजू बने वे मध्यप्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री बने |
  • उन्होंने पहली बार 31 जनवरी 1957 को पदभार ग्रहण किया |
  • वही दूसरी बार 14 मार्च 1957 को पदभार ग्रहण किया |
  • उन्होंने कुल मिलाकर 5 वर्ष एवं 39 दिनों तक सरकार चलाई |
  • कैलाश नाथ काटजू स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे
  • मुख्यमंत्री पद हटने के बाद में वे उड़ीसा एवं पश्चिम बंगाल के राज्यपाल भी रहे|
  • उस समय उनकी गिनती के भारत के बड़े क़ानूनविदों में से एक थी |
  • बाद में कैलाश नाथ काटजू ने भारत के रक्षा मंत्री के रूप में भी कार्य किया |

मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री कैलाश नाथ काटजू :

  • भगवंतराव मंडलोई ने एक बार फिर 12 मार्च 1962 को  मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बने |
  • उनका कार्यकाल 1 वर्ष 201 दिन तक रहा |

मुख्यमंत्री मुख्यमंत्रीरी द्वारका प्रसाद मिश्र :

  • मध्यप्रदेश के अगले मुख्यमंत्री द्वारका प्रसाद मिश्र बने जो कि दो बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बने |
  • उन्होंने पहली बार 30 सितंबर 1963 को तथा दूसरी बार 8 मार्च 1967 को मुख्यमंत्री पद का पद ग्रहण किया|
  • उनका कार्यकाल 3 साल एवं 302 दिन का था |
  • द्वारका प्रसाद मिश्र राजनीतिज्ञ होने के साथ ही कवि भी थे |
  • उनके द्वारा महाकाव्य कृष्णायण  की रचना की गई |

मुख्यमंत्री गोविंद नारायण सिंह :

  • इसके बाद मध्यप्रदेश के अगले मुख्यमंत्री गोविंद नारायण सिंह हुए|
  • जिन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में अपना पदभार 30 जुलाई 1967 को सम्भाला  |
  • उनका कुल कार्यकाल 1 वर्ष एवं 225 दिनों तक का था|
  • यह मध्यप्रदेश के पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री थे |
  • उनके दल का नाम सामायुक्त विधायक दल था|

मुख्यमंत्री नरेश चंद्र सिंह :

इसके बाद नरेश चंद्र सिंह मध्यप्रदेश के अगले मुख्यमंत्री के रूप में अपना पदभार 13 मार्च 1969 को सम्भाला परन्तु इनका कुल कार्यकाल मात्र 12 दिन का ही था  वह भी सामायुक्त विधायक दल के सदस्य थे|

मुख्यमंत्री श्यामाचरण शुक्ल :

  • इसके बाद श्यामाचरण शुक्ल ने मध्यप्रदेश के अगले मुख्यमंत्री के रूप में अपना पदभार 26 मार्च 1969 को सम्भाला  एवं उनका कार्यकाल 2 वर्ष 308 दिन तक का था |
  • श्यामाचरण शुक्ल मध्यप्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री बने वे मध्यप्रदेश के पहले मुख्यमंत्री पं. रविशंकर शुक्ल के पुत्र थे साथ ही केंद्रीय मंत्री रह चुके विद्याचरण शुक्ल के भाई थे |

मुख्यमंत्री प्रकाश चंद्र सेठी :

70  के दशक में प्रकाश चंद्र सेठी मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बने उन्होंने 29 जनवरी 1972 और 23 मार्च 1972 दो बार मुख्यमंत्री पद का पदभार ग्रहण किया और उनका कुल कार्यकाल 3 साल 328 दिन का रहा | प्रकाश चंद्र सेठी के बाद श्यामाचरण शुक्ल दोबारा मुख्यमंत्री बने इस बार उन्होंने पदभार 30 दिसंबर 1975 को ग्रहण किया और उनका कार्यकाल 1 वर्ष 128 दिन का रहा |

राष्ट्रपति शासन

इसके बाद   मध्यप्रदेश में 30 अप्रैल 1977 को राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया जो कि 54 दिनों तक चला |

मुख्यमंत्री कैलाश जोशी :

राष्ट्रपति शासन के बाद मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कैलाश जोशी बने उन्होंने 24 जून 1977 को मुख्यमंत्री के रूप में पदभार ग्रहण किया उनका कार्यकाल कुल 207 दिन तक चला| कैलाश जोशी कि गिनती मध्यप्रदेश के बड़े नेताओ में की जाती है|

मुख्यमंत्री वीरेंद्र कुमार सकलेचा :

मध्यप्रदेश के अगले मुख्यमंत्री वीरेंद्र कुमार सकलेचा बने जिन्होंने अपना पदभार 18 जनवरी 1978 को ग्रहण किया इन का कुल कार्यकाल 2 वर्ष एवं 1 दिन तक का रहा |

मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा :

कैलाश जोशी के बाद मध्यप्रदेश के अगले मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा बने जिन्होंने अपना पदभार 20 जनवरी 1980 को ग्रहण किया इनका कार्यकाल मात्र 28 दिनों तक चला | कैलाश जोशी, वीरेंद्र कुमार सकलेचा एवं सुंदर लाल पटवा तीनों ही जनता पार्टी के मुख्यमंत्री थे |

राष्ट्रपति शासन :

सुंदरलाल पटवा के कार्यकाल के बाद मध्यप्रदेश में 113 दिन तक  राष्ट्रपति शासन लगा रहा |

अर्जुन सिंह :

इस राष्ट्रपति शासन के बाद अर्जुन सिंह ने मुख्यमंत्री पद का पद 9 जून 1980 को  एवं 18 मार्च 1985 को दो बार ग्रहण किया| कुल मिलाकर उनका  कार्यकाल 4 साल 276 दिन का रहा | अर्जुन सिंह के कार्यकाल में ही भोपाल गैस कांड हुआ था |

मोतीलाल वोरा :

  • अर्जुन सिंह के दो कार्यकालों  के बीच मोतीलाल वोरा ने 25 जनवरी 1989 को मुख्यमंत्री पद का पदभार ग्रहण किया उनका कार्यकाल लगभग 318 दिन तक रहा |
  • मोतीलाल वोरा के कार्यकाल के बाद श्यामाचरण शुक्ल एक बार फिर 82 दिनों के लिए मुख्यमंत्री बने|
  • श्यामाचरण शुक्ल के कार्यकाल के बाद सुंदरलाल पटवा ने 5 मार्च 1990 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की| सुंदरलाल पटवा का कार्यकाल 2 साल 285 दिन तक रहा | बाबरी विध्वंस की घटना के बाद मध्यप्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया |

राष्ट्रपति शासन :

मध्यप्रदेश में यह राष्ट्रपति शासन 15 दिसंबर 1995 को  लगाया गया जो कि अगले 355 दिनों तक लगा रहा |

दिग्विजय सिंह :

राष्ट्रपति शासन के बाद दिग्विजय सिंह मध्यप्रदेश के अगले मुख्यमंत्री बने दिग्विजय सिंह ने अपना पहला पदभार 7 दिसंबर 1993 को ग्रहण किया और जबकि दूसरा पदभार 1 दिसंबर 1998 को ग्रहण किया इस प्रकार दिग्विजय सिंह ने 10 सालो तक मध्यप्रदेश में शासन किया |

उमा भारती :

दिग्विजय सिंह के 10 साल के कार्यकाल के बाद 8 दिसंबर 2003 को उमा भारती ने मुख्यमंत्री का पद ग्रहण किया  उनका कार्यकाल 259 दिनों का रहा |  उमा भारती प्रदेश की पहली महिला मुख्यमंत्री  थी |

बाबूलाल गौर :

उमा भारती के बाद में बाबूलाल गौर 23 अगस्त 2004 को प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली बाबूलाल गौर कार्यकाल 1 वर्ष 98 दिनों का रहा |

शिवराज सिंह चौहान :

बाबूलाल गौर के बाद प्रदेश के सबसे लंबे  मुख्यमंत्रीत्व काल की बारी आती है जिनका नाम शिवराज सिंह चौहान है , उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर तीन बार शपथ ग्रहण की , उन्होंने पहली बार 29 नवंबर 2005 को , दूसरी बार 12 दिसंबर 2008  तथा तीसरी बार 13 दिसम्बर 2013 को शपथ ग्रहण की | शिवराज सिंह चौहान का कुल कार्यकाल 13 वर्ष एवं 17 दिन का रहा | कमलनाथ सरकार के बाद 20 मार्च 2020 दोबारा शिवराज सिंह चौहान चौथी बार मध्‍य प्रदेश के मुख्‍यमंत्री बन गए हैं। राजभवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में उन्‍होंने मुख्‍यमंत्री पद की शपथ ली।

कमलनाथ :

शिवराज सिंह चौहान के बाद कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद का 17 दिसंबर 2018 को ग्रहण किया ये पूर्व में केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एवं केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री भी रह चुके है, इनका कार्यकाल – 20 मार्च 2020  |
रहा |

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