महाकाव्य के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य | Fact About Indian Epic

0
fact-about-indian-epic
fact-about-indian-epic

महाकाव्य के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य

Indian Epic:किसी भी महान कार्य  को वर्णित करने की विधि को महाकाव्य कहा जाता है |महाकाव्य भारत जैसे देश के लिए अपनी प्राचीन सभ्यता और संस्कृति से जुड़े रहने का एक प्रबल माध्यम रहा है।  भारत में अनेक रचियता जिन्होंने अनेक महाकाव्य लिखे है जो भारत में ही नही अपितु विश्व के अनेक देशो में प्रसिद्द हुए है परन्तु उनमे से कुछ महाकाव्य ऐसे है जो किसी परिचय के मोहताज नही रहे है तो आइये जानते है उन प्रमुख महाकाव्यों के बारे में …….

Fact About Indian Epic

महाभारत

महाभारत के रचयिता : वेद व्यास जी
लेखन का कार्य : श्री गणेश जी
महाभारत में 18 पर्व और एक लाख से अधिक श्लोक हैं।  आज तक लिखे गये सभी महाकाव्यों में महाभारत  सबसे बड़ा काव्य है। इसमें भगवान श्री कृष्ण के द्वारा कि गई लीलाओ का सुंदर वृत्तान्त मिलता है साथ ही यह कौरवों और पांडवों के बीच हुए युद्ध की गाथा कहता है। महाभारत के 700 श्लोक श्री मद्भगवतगीता के रूप में पढ़े जाते हैं। सर्वप्रथम इसे संस्कृत में लिखा गया था तथा बाद में इस महाकाव्य का लगभग हर भारतीय भाषा में अनुवाद किया जा चुका है।   इसके अलावा, इस महाकाव्य का अनुवाद अंग्रेज़ी और कई अन्य विदेशी भाषाओं में भी किया गया है।  मुग़ल सम्राट अकबर ने इसका पर्शियन में अनुवाद करवाया था।

रामायण

रामायण के रचयिता : वाल्मीकि जी
भारतीय इतिहास में रामायण का अर्थ है ‘राम की कथा’। अपने नाम के अनुसार, रामायण में दशरथ सूत भगवान श्री राम की पूरी जीवन कथा है और जिसमे लंका नरेश रावण के साथ माता सीता के लिए हुई उनकी लड़ाई का बहुत विस्तारपूर्वक वर्णन मिलता है। इसमें कुल  24 हजार चौपाई हैं, जिसे 7 अलग अलग कांडों में विभाजित किया गया है। रामायण के सभी पात्र भारत सहित अनेक पड़ोसी देशो जैसे श्री लंका, कम्बोडिया, नेपाल, मलेशिया आदि देशों में आज भी पूजनिय हैं। वही लंका विजय के लिए नल नील द्वारा बनाये गये  श्री राम सेतु के होने के प्रमाण आज भी हैं।  वाल्मीकि रामायण, जो कि इस महाकाव्य का मूलभूल संस्कृत संस्करण है, इसके आलावा भी रामायण के तीन सौ से अधिक संस्करण मौजूद हैं।  जो कि संस्कृत, तमिल, तेलुगु, मलयालम ,अवधी, मराठी, उड़िया, गुजराती, कश्मीरी, कन्नड़ आदि में आसानी से देखने को मिल जाते हैं। साथ ही अनेक देशो में भी जैसे जावा, थाई, बर्मा, श्री लंका, जापान, कम्बोडिया, मलेशिया आदि में भी इसके अनुवाद लोगों द्वारा पढ़े जाते हैं।

श्री रामचरितमानस

श्री रामचरितमानस के रचयिता : तुलसीदास
भारतीय इतिहास में श्री रामचरितमानस को आज भी भारतीय लोगो द्वारा बड़े चाव से पढ़ा जाता है। जिसका मुख्य कारण यह है तुलसीदास द्वाराने इसे अवधी भाषा में लिखा गया है, जिसके शब्द हिंदी से काफी मिलते-जुलते है। स्पष्ट शब्दों में कहें तो यह महर्षि वाल्मीकि द्वारा लिखी गई रामायण का सरल और गीतमय अनुवाद हैं। श्री रामचरितमानस को भी हिंदी और अंग्रेज़ी अनुवादित किया गया हैं।

कौटिल्य का अर्थशास्त्र

कौटिल्य का अर्थशास्त्र के रचयिता : आचार्य चाणक्य
भारतीय इतिहास में कौटिल्य के अर्थशास्त्र में राजनीति, शासन के नियम, समाजशास्त्र, नागरिकशास्त्र, युद्ध, अर्थशास्त्र , पशुपालन, चिकित्सा के साथ साथ अनेक विषयों पर सारगर्भित जानकारी दी गयी है। इस संस्कृत ग्रन्थ को चाणक्य ने लगभग 300 ईसा पूर्व इसे लिखा था जो कि आज भी राजनीतिक व अर्थशास्त्र के लिहाज से महत्वपूर्ण है। संस्कृत के अलावा हिंदी , अंग्रेज़ी और अन्य भाषाओ में यह अनुवादित हैं।

कुमारसम्भवम्

कुमारसम्भवम् के रचयिता : कालिदास
कवि कालिदास द्वारा लिखित यह संस्कृत काव्य अत्यंत लम्बा  है, जिसमे शिव और पार्वती के पुत्र कार्तिकेय के जन्म के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया है। कुमारसम्भवम् महाकाव्य में कुल 17 सर्ग् हैं। इसमें माता पार्वती के अनेक रूप, ब्रह्मचारी शिव और शिव-पार्वती विवाह से जुडी अनेक सुन्दर  गाथाएँ वर्णित है। कुमारसम्भवम् को हिंदी और इंग्लिश में अनुवादित किया गया है, परन्तु इसका तमिल संस्करण अधिक प्रभावशाली हैं।

Click here to visit our youtube channel

इसे भी पढ़े :