परिचय :
lakes in mp : मध्य प्रदेश राज्य मध्य भारत में स्थित है। इस राज्य का भौगोलिक इलाका विंध्य की पहाड़ी श्रृंखलाओं और सतपुरा, नदियों और घने जंगलों से घिरा एक पठार है। विश्व धरोहर स्थलों, कई शहरों, हिल स्टेशनों, राष्ट्रीय उद्यानों आदि के साथ मध्य प्रदेश की प्राकृतिक सुंदरता इस राज्य में पर्यटकों को आकर्षित करती है। झीले भी मध्य प्रदेश की भौगोलिक विशेषता का हिस्सा है। मध्य प्रदेश की प्रमुख झीले (lakes in mp) इस प्रकार है :
मध्य प्रदेश की प्रमुख झीले :
1. भोजताल :
- इसे ऊपरी झील ( Upper Lake ) के नाम से भी जाना जाता है |
- जो मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के पश्चिमी किनारे पर स्थित है।
- यह शहर के निवासियों के लिए पीने के पानी का एक प्रमुख स्रोत है |
- प्रति दिन लगभग 30 मिलियन शाही गैलन (140,000 m3) पानी के साथ लगभग 40% निवासियों की सेवा करता है।
- यह एशिया की सबसे बड़ी कृत्रिम झील है |
- झील का इतिहास बताता है कि इसे मालवा के परमार राजा भोज ने बनवाया था।
- राजा भोज ने ही भोपाल शहर को बसाया था, और उन्हीं के नाम इस शहर नाम पड़ा था।
2. हलाली जलाशय :
भोपाल से 40 कि.मी की दूरी पर हलाली नदी पर यह जलाशय बना है। यहां की कातला, रोहु, म्रिगल आदि मछलियां प्रसिद्ध हैं। हलाली नदी बेतवा नदी की सहायक नदी है, जिसे पहले कभी थाल नदी के नाम से जाना जाता था। ऐसा माना जाता है कि मोह्हमद खां ओर राजपूत सेना के बिच हुए कत्लेआम की वजह से नदी का रंग लाल हो गया था, और जिसके फलस्वरूप नदी का नाम हलाली रख दिया गया। इस नदी पर बना है हलाली जलाशय जो 1973 में बनाया गया था।
3. साख्य सागर झील :
साख्य सागर झील शिवपुरी जिले के माधव राष्ट्रीय उद्यान के जंगलों के किनारे स्थित है। इसकी स्थापना वर्ष 1918 में हुई थी। इस झील के किनारे एक बोट क्लब है। मगरमच्छ, भारतीय अजगर और मॉनिटर छिपकली यहाँ की प्रमुख प्रजातियाँ हैं।
4.शाहपुरा झील :
भोपाल में शाहपुरा झील भी स्थित हैं। यह एक कृत्रिम झील है, जिसका निर्माण 1974-75 में हुआ था। यह झील लगभग 8.29 वर्ग कि.मी के क्षेत्र में फैली है।
5. तवा जलाशय :
राज्य के होशंगाबाद जिले के तवा जलाशय स्थित हैं। तवा नदी पर बना यह जलाशय पर्यटन के लिहाज से बहुत ही खास है। यह जलाशय तवा डैम के कारण बना है। तवा डैम प्रोजेक्ट 1958 में शुरू हुआ था और 1978 में यह बनकर तैयार हो गया था।
6. छोटा तालाब :
यह झील भी भोपाल में स्थित है इसे छोटा तालाब के नाम से भी जानी जाती है। भोपाल की अपर लेक के साथ मिलकर यह झील भोज वेटलैंड का निर्माण करती है। यह एक प्राचीन झील है, जिसका निर्माण 1794 में छोटा खान द्वारा किया गया था।