क्या है जानलेवा चमकी बुखार जानिए ? | fact about chamki bukhar

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चमकी बुखार :

chamki bukhar : इन दिनों बिहार में ‘चमकी बुखार’ कहर बरपा रहा है। हर रोज चमकी बुखार से मरने वाले बच्चों की प्रतिशत बढ़ती जा रही है। हिंदी में चमकी बुखार कह लीजिए या फिर अंग्रेजी में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम। मस्‍तिष्‍क ज्‍वर (चमकी बुखार, दिमागी बुखार, जापानी इंसेफलाइटिस, नवकी बीमारी) एक गंभीर बीमारी है. इसका समय रहते इलाज करना चाहिए. यह बीमारी अत्‍यधिक गर्मी एवं नमी के मौसम में फैलती है. इस बीमारी से 1 साल से 15 साल की उम्र के बच्‍चे ज्‍यादा प्रभावित होते हैं |

fact about chamki bukhar :

 क्या है चमकी बुखार ?

यह बुखार एक  संक्रामक बीमारी है. इस बीमारी के वायरस शरीर में पहुंचते ही खून में शामिल होकर अपना प्रजनन शुरू कर देते हैं. शरीर में इस वायरस की संख्या बढ़ने पर ये खून के साथ मिलकर व्यक्ति के मस्तिष्क तक पहुंच जाते हैं. मस्तिष्क में पहुंचने पर ये वायरस कोशिकाओं में सूजन पैदा कर देते हैं. जिसकी वजह से शरीर का ‘सेंट्रल नर्वस सिस्टम’ खराब हो जाता है |

कब हुई थी इस बुखार की खोज ?

एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम जिसे बिहार में चमकी बुखार कहा जाता है. दिमाग में होने वाले इस घातक बुखार पर साल 2015 में अमेरिकी शोधकर्ताओं ने भी खोज की थी.

चमकी बुखार के लक्षण

  1. इसकी शुरुआत तेज बुखार से होती है |
  2. उसके बाद शरीर में ऐंठन महसूस होती है |
  3.  ऐंठन के बाद शरीर के तंत्रिका संबंधी कार्यों में रुकावट आने लगती है |
  4.  बच्चे में मानसिक भटकाव महसूस होता है |
  5. बच्चा बेहोश हो जाता है |
  6. बच्चे को दौरे पड़ने लगते हैं |
  7.  बच्चे को  घबराहट महसूस होती है |
  8. कुछ केस में तो पीड़ित व्यक्ति कोमा में भी जा सकता है | 
  9. अगर समय पर इलाज न मिले तो पीड़ित की मौत हो जाती है। आमतौर पर यह बीमारी जून से अक्टूबर के बीच देखने को मिलती है। 
  10. डॉक्टरों के अनुसार चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों में शुगर की कमी देखी जाती है.

जानिए चमकी बुखार से बचाव के तरीके- 

  1. बच्चों को जूठे व सड़े हुए फल न खाने दें |
  2. जहां सूअर रहते हैं वहन बच्चों को न जाने दें,  |
  3. साबुन से  खाने से पहले और बाद में हाथ जरूर धुलवाएं |
  4. पीने का पानी स्वच्छ रखें |
  5. बच्चों के नाखून न बढ़ने दें |
  6. गंदगी भरे इलाकों में न जाएं |
  7. बच्चों को सिर्फ हेल्दी खाना ही खिलाएं |
  8. रात के खाने के बाद हल्का- फुल्का मीठा खिलाएं |
  9. बच्चों के शरीर में पानी की कमी न हो।
  10. बच्‍चे को खाली पेट लीची न खिलायें, अधपके या कच्‍चे लीची को खाने से बचें.

चमकी बुखार का इलाज

जैसे ही चमकी बुखार के लक्षण दिखाई पड़ें वैसे ही बच्चे को मीठी चीजें खाने को देनी चाहिए। अगर संभव हो तो ग्लूकोज पाउडर या चीनी को पानी में घोलकर दें। जिससे कि रक्त में ग्लूकोज का स्तर बढ़ सके और मस्तिष्क को प्रभावित होने से बचाया जा सके। इसके बाद तुरंत अस्पताल ले जाएं।