MP में नहीं होगा SC-ST Act का दुरुपयोग :
क्या है विरोध का कारण :
“भारत में एट्रोसिटी एक्ट का सर्वाधिक दुरुपयोग देखते हुए सवर्ण जातियों की ओर से इस एक्ट को समाप्त करने के उद्देश से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, परन्तु सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक्ट तो समाप्त नहीं किया लेकिन शिकायत मिलते ही एफआईआर और गिरफ्तारी की बाध्यता को खत्म कर दिया तथा निर्देश दिए कि शिकायत की जांच की जाए फिर एफआईआर और गिरफ्तारी हो। कांग्रेस ने 1989 में एट्रोसिटी एक्ट लागू किया था |”
चुनावी माहोल में हर एक राजनैतिक पार्टी हर एक मुद्दे पर अपनी रोटी सेकना चाहती है इसी की चलते भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि उसने सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखने में लापरवाई की। नियमानुसार सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील की जानी चाहिए थी। सरकार ने अपनी विशेष शक्तियों का उपयोग किया और एट्रोसिटी एक्ट में संशोधन विधेयक पेश कर दिया और संसद में इसे सर्व सम्मति से पारित कर दिया गया। अब अनारक्षित जातियों के लोग सवाल कर रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला इस तरह निष्प्रभावी क्यों किया गया।
शिवराज सिंह का आधिकारिक बयान भी सामने आ गया है। उन्होंने ट्वीटर पर लिखा है एमपी में नहीं होगा SC-ST ऐक्ट का दुरुपयोग, बिना जाँच के नहीं होगी गिरफ़्तारी।