Understanding Web Application in hindi Asp.net

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Understanding Web Application in hindi
Understanding Web Application in hindi

Understanding Web Application in hindi :

इस पोस्ट के माध्यम से Web Application के बारे में समझाया गया है यह Subject विशेषकर PGDCA , BCA , BSC , MCA में पढ़ाया जाता है इस पोस्ट में web application, pgdca 2 sem asp notes in hindi के बारे में बताया गया है तो आइये पढ़ते है Understanding Web Application in hindi कैसे की जाती है …

Understanding Web Application in hindi :

  • वेब एप्लीकेशन या web app एक प्रकार का software program होता है जिसको किसी विशेष कार्य को पूरा करने के लिए बनाया जाता है।
  • यह वेब एप्लीकेशन वेब सर्वर पर stored होती है और जब भी User या client request भेजता है तो client के web browser पर यह एप्लीकेशन execute होती है।
  • किसी अन्य computer software या एप्लीकेशन के समान ही यह एप्लीकेशन अपने यूजर को एक ऐसा वातावरण प्रदान करता है जहाँ user के द्वारा data enter कर किया है |
  • यह यूजर अलग-अलग प्रकार के tasks को perform कर पाता है।
  • इन Web application को बनाने के लिए अलग अलग स्क्रिप्टिंग लैंग्वेज का उपयोग किया जाता है|
  • इसमे server-side scripting लैंग्वेज जैसे: PHP, ASP आदि शामिल हैं।
  • इसमे client-side scripting लैंग्वेज जैसे: HTML, jQuery, JavaScript आदि शामिल हैं।

Advantages of web applications :

      1. Platforms Independences :

        यह वेब एप्लीकेशन multiple platforms पर बड़ी आसानी से ऑपरेट की जा सकती है क्योंकि यह एप्लीकेशन किसी विशेष operating system पर depend नही करती है क्योकि यह एप्लीकेशन browser based होती है ।

      2. Installation :

        इन एप्लीकेशन को install करने की आवश्यकता नही होती है ।

      3. Memory :

        यह वेब एप्लीकेशन यूजर कि हार्ड डिस्क में स्टोर नही होती है क्योकि इनके लिए अलग से वेब सर्वर पर स्पेस ली जाती है ।

      4. Application Update :

        • वेब एप्लीकेशन को प्रत्येक यूजर या device के लिए अलग-अलग update देने की जरुरत नही होती है
        • सर्वर पर एप्लीकेशन update करने पर सभी user एप्लीकेशन का update version use कर सकते हैं।

      Disadvantages of web applications:

        1. Internet Connection :

          वेब एप्लीकेशन के उपयोग लिए इन्टरनेट कनेक्शन का होना अनिवार्य होता है ।

        2. Browser Dependency :

          वेब एप्लीकेशन को ब्राउज़र के माध्यम से एक्सेस किया जाता है परन्तु किसी परिस्थिति में ब्राउज़र बंद हो जाता है तो डाटा के Loss होने की सम्भावना होती है |

        3. Responsive:

          • इन वेब एप्लीकेशन को अलग अलग यूजर के द्वारा अलग अलग device में दिखते हैं इस कारण से एप्लीकेशन का responsive होना बहुत जरुरी है
          • ताकि इन्हें अलग अलग device जैसे desktop, tablet, mobile आदि में बिना किसी परेशानी से देखा जा सकता है ।
        4. Piracy :

          Web Application में piracy जैसी कोई समस्या नही आती हैं।

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