आईएनएस खंडेरी के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य
INS Khanderi : भारत की नौसेना में आईएनएस खंडेरी को शामिल किया गया है जो की दूसरी स्कार्पियन-वर्ग की मारक पनडुब्बी है, जिसे पी-17 शिवालिक वर्ग के युद्धपोत के साथ शामिल किया गया | इस पनडुब्बी को साइलेंट किलर के नाम से भी जाना जाता है तो आइये जानते है इस साइलेंट किलर पनडुब्बी आईएनएस खंडेरी के बारे में ..
Fact About INS Khanderi :
- इस पनडुब्बी की लंबाई लगभग 67.5 मीटर और चौड़ाई 12.3 मीटर है।
- इसकी समुद्र में 350 मीटर की गहराई तक गोता लगाने की क्षमता है |
- यह पनडुब्बी 12 हजार किमी की दूरी तक गहरे समुद्र में सफर कर सकती है।
- इसे प्रोजेक्ट-75 के तहत देश के भीतर बनाया गया है यह स्कॉर्पीन श्रेणी की दूसरी पनडुब्बी है।
- स्कॉर्पीन श्रेणी की बनी पहली पनडुब्बी आईएनएस कलवरी है।
- आईएनएस खंडेरी समुद्र के अंदर पानी में लगभग 20 समुद्री मील और पानी के ऊपर 11 समुद्री मील की रफ्तार से चलने में सक्षम है।
- आईएनएस खंडेरी पनडुब्बी 40 से 45 दिन तक पानी के अंदर रह सकती है।
- इस पर आधुनिक एंटी-सरफेस, एंटी सबमरीन एवं अन्य घातक हथियार मौजूद हैं।
- आईएनएस खंडेरी पनडुब्बी में लगे आधुनिक संचार उपकरणों से दुश्मन की साजिशों का पता आसानी से लगाया जा सकता है|
- इस पनडुब्बी में कुल 360 बैटरीयां हैं। जिनमें से प्रत्येक बैटरी का वजन 750 किग्रा है।
- इसके अलावा इस पनडुब्बी में 1250 किलोवाट के दो डीजल इंजन भी हैं।
- इस पनडुब्बी में 6 टॉरपीडो ट्यूब लगे हैं। इसमें से 2 ट्यूब से मिसाइल भी दागी जा सकती है। इसके भीतर कुल 12 टॉरपीडो रखने की व्यवस्था है।
- ये पनडुब्बी 1565 टन वजनी है |
- इसमें लगभग 11 किलोमीटर लंबी पाइप फिटिंग है और लगभग 60 किलोमीटर की केबल फिटिंग की गई है |
- इसका नाम मराठा सम्राट शिवाजी के खांदेरी किले पर रखा गया है |