सामान्य परिचय – Local body and Panchayati Raj
Local body and Panchayati Raj : 1957 ई. में स्थापित ‘बलवंत राय मेहता अध्धयन दल’ ने सत्ता के विकेंद्रिकरण हेतु पंचायती राज स्थापना की अनुशंसा की एवं 2 Oct. 1959 को राजस्थान के नागौर में सर्वप्रथम यह योजना आरम्भ हुई | पंचायतो के गठन हेतु 73वाँ संविधान संशोधन अधिनियम ,1992,24 अप्रैल 1993 को लागु हो गया , तब राज्य सरकारों ने संशोधन अधिनियम के अनुसार पंचायती राज अधिनियम 24 अप्रैल 1994 तक बना दिया |
पंचायती राज मध्यप्रदेश में
मध्यप्रदेश पंचायती राज विधेयक-1993
- 73वें संविधान संशोधन के अंतर्गत पंचायती राज लागु करने वाला देश का पहला राज्य मध्यप्रदेश है |
- नवीन पंचायती राज अधिनियम 30 दिसम्बर 1993 को विधानसभा को पारित किया गया |
- म.प्र. में पंचायतो को सौपे गए अधिकार , कर्तव्य , शक्तियां एवं उत्तरदायित्व अन्य किसी भी राज्य की तुलना में अधिक है |
पंचायती राज अधिनियम की विशेषताए
1) ग्राम पंचायत 2) जनपद पंचायत 3) जिला पंचायत
ग्राम पंचायत
- एक हजार तक की आबादी वाली ग्राम पंचायत में कम से कम 10 वार्ड होंगे |
- 1000 से अधिक जनसँख्या वाली ग्राम पंचायत में अधिकतम 20 वार्ड होंगे|
- इन सभी वार्डो की जनसँख्या सामान्यतः एक जैसी होगी |
- वर्तमान में म. प्र. में 23,006 ग्राम पंचायते कार्य कर रही है ||
जनपद पंचायत
- प्रत्येक 5000 की आबादी के लिए एक निर्वाचन क्षेत्र होंगा |
- परन्तु 50,000 से कम जनसँख्या वाले खंडों में कम से कम 10 निर्वाचन क्षेत्र होंगे|
- कुल निर्वाचन क्षेत्रो की सँख्या 25 से अधिक नही होगी |
- सभी क्षेत्रो की जनसँख्या सामान्यतः एक जैसी होगी |
- वर्तमान में म. प्र. में 313 जनपद पंचायते कार्य कर रही है |
जिला पंचायत
- प्रत्येक 50,000 की आबादी के लिए एक निर्वाचन क्षेत्र होंगा |
- जिले की जनसँख्या 5,00,000 से कम होने पर कम से कम 10 निर्वाचन क्षेत्र होंगे |
- कुल निर्वाचन क्षेत्रो की सँख्या 35 से अधिक नही होगी |
- सभी क्षेत्रो की जनसँख्या सामान्यतः एक जैसी होगी |
- वर्तमान में म. प्र. में 50 जिलो पंचायते कार्य कर रही है |
पंचायतो के प्रमुखों का निर्वाचन
पंचायतो में आरक्षण
पंचायतो में सहयोजन
- ग्राम पंचायत:- यदि ग्राम पंचायतो के निर्वाचित सदस्यों में अनुसूचित जाति , अनुसूचित जनजाति और सहकारी समिति का कोई सदस्य न हो ,तो ग्राम पंचायत इन वर्गों के एक एक सदस्यों का सहयोजन करेगी |
- जनपद पंचायत:- यदि निर्वाचित सदस्यों में अनुसूचित जाति , अनुसूचित जनजाति का सदस्य सम्मिलित न हो तो इन वर्गों का एक सहयोजन होगा |
- जिला पंचायत:- यदि निर्वाचित सदस्यों में अनुसूचित जाति , अनुसूचित जनजाति का सदस्य सम्मिलित न हो तो इन वर्गों का एक सहयोजन होगा |
पंचायती राज की विशेषताए
- प्रत्येक पंचायत में कम से कम 10 पंच एवं अधिकतम 20 पंच होंगे |
- प्रत्येक 1000 से अधिक जनसँख्या वाले ग्राम में पंचायत का गठन किया जाता है |
- पंचायत में कुल सरपंचो में से 4530 पद अनुसूचित जाति हेतु आरक्षित है |
- 9050 पद अनुसूचित जनजाति हेतु आरक्षित किए गए है |
- 5389 पद अन्य पिछड़ा वर्ग हेतु आरक्षित किए गए है |
- सरपंच के 10451 पद महिलाओ हेतु आरक्षित किए गए है |
- कुल 313 जनपद पंचायतो में से अध्यक्ष पद हेतु 64 पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किए गए है |
- 162 पद महिलाओ हेतु आरक्षित किए गए है |
- 147 पद अनुसूचित जनजाति हेतु आरक्षित किए गए है |
- 76 पद अन्य पिछड़ा वर्ग हेतु आरक्षित किए गए है |
- पिछले पंचायत चुनाव में कुल 3.5 करोड मतदाता थे |
- पंचायत चुनाव अब तक गैर दलीय आधार पर हुए है |
- पंचायतो का कार्यकाल 5 वर्ष है |