फ्लॉपी डिस्क :
floppy Disk and its types : computer system में data को लम्बे समय तक store करने के लिए secondary memory का उपयोग किया जाता है। साथ ही किसी ऐसी device की भी आवष्यकता होती है जिसमें data को store करने के पष्चात एक स्थान से दुसरे स्थान पर ले जाया सके। floppy Disk एक ऐसी ही device की पतली व लचीली होती है इसलिए ये floppy कहलाती है । ये mylar नामक plastic से वृत्ताकार sheet के रूप में बनी होती है इसकी सतह पर iron oxide की layer चढा दी जाती है जो कि एक चुबंकिय पदार्थ है अब इसे plastic से बने वर्गाकार protective cover में रख दिया जाता है इसे आसानी से computer में प्रवेष करवाया जा सकता है तथा वापस निकाला जा सकता है। इसका access time mili seconds में होता है।
संपूर्ण चुंबकीय सतह को वृत्ताकार (circular) पथों में विभाजित कर देते है जो track कहलाते है। प्रत्येक track को sector में विभाजित कर देते है । track व sector दोनो logical area होते है, इनमें ( 0,1 ) के रूप में information store होती है। सामान्यतः 1 sector में 512 byte आते है।
निम्न 2 प्रकार से एक track में sector की संख्या तय की जाती हे।
Types of floppy
भौतिक आकार के आधार पर floppy 2 type की होती है।
- 5.25 inch (mini floppy)
- 3.5 inch (micro floppy)
1. 5.25 inch (mini floppy)
5.25 HDH floppy निम्न क्षमताओं मे उपलब्ध है-
- DSDD – 360KB
- DSHD – 1.2 mbs
2. 3.5 inch floppy (micro floppy)
jacket :
यह एक दर्षाकार 3.5 कठोर plastic का jacket होता है जिसके अंदर चुंबकिय सतह होती है।
alignment hole :
3.5 की floppy में कोई भी index hole नही होता है। यहां प्रथम sector को बताने का कार्य alignment hole करता है।
read writer slot :
यह धातु की shutter के नीचे ऐ खुला हुआ part होता है। जिस पर head, read writer operation करता है।
write protect tab :
यह एक plastic का button होता है जिसे आसानी से move किया जा सकता है। जब इसमें से प्रकाष आर – पार हो जाए अर्थात window transparent हो जाए तब floppy का write operation बंद हो जाता है।
matalic protection shutter :
यह spring से लगा हुआ धातु का shutter होता हे। जैसे ही floppy के drive में डाला जाता है। वैसे ही यह move होता है और slot open हो जाता है।
Spindle connector :
धातु के Hub पर एक छोटा hole होता है, जो floppy को remote करने हेतु आवष्यक पकड प्रदान करता है।
High density sensor hole :
formatting के समय यह hole बताता है कि floppy उच्च घनत्व की है stress rellef notch – ये दो छोटे अर्धवृताकार notch होते है जो floppy को सही लगने मे मदद करते हे।