भारत के प्रमुख शौर्य पुरस्कार :
bravery awards of India : सरकार द्वारा सैनिको को उनके अद्मय साहस और वीरता के लिए समय समय अनेक शौर्य पुरस्कार दिए जाते है उनकी सूची इस प्रकार है –
List of bravery awards of India :
परमवीर चक्र (Paramveer Chakra):
- परमवीर चक्र देश का सर्वोच्च शौर्य पुरस्कार है यह पुरस्कार साल 1947 से उस बहादुर सैनिक को प्रदान किया जाता है
- जिसने दुश्मन का सामना करते हुए अपनी जान कि बाजी तक लगाते हुए साहस और वीरता का परिचय दिया हो,
- पहला परमवीर चक्र सोमनाथ शर्मा को 1947 में मरणोपरांत दिया गया था |
महावीर चक्र (Mahavir Chakra) :
- महावीर चक्र देश का दूसरा सर्वोच्च शौर्य पुरस्कार है
- यह पुरस्कार उस सैनिक को दिया जाता है
- जिसने युद्ध में दुश्मन के सामने अपने साहस का परिचय दिया हो |
वीर चक्र (Veer Chakra) :
- शौर्य एवं वीरता का तीसरा सर्वोच्च पुरस्कार है
- वीर चक्र यह पुरस्कार उस वीर सैनिक को दिया जाता है,
- जिसने युद्ध में दुश्मन का सामना करके अकेले ही उसे पीछे धकेला दिया हो अथवा मौत के घाट उतार दिया हो |
अशोक चक्र (Ashok Chakra) :
- इस पुरस्कार की शुरुआत 4 जनवरी 1952 को हुई थी ।
- यह पुरस्कार सेना के जवान या आम नागरिक को जीवित या मरणोपरांत दिया जाता है
- अशोक चक्र को भारत में ‘धर्म चक्र’ अर्थात ‘विधि का चक्र’ कहते हैं, यह देश सर्वोच्च शांति कालीन पुरस्कार है |
कीर्ति चक्र (Kirti chakra) :
- यह पुरस्कार उस बहादुर सैनिक को दिया जाता है
- जिसने युद्ध क्षेत्र में शत्रु के सामने अभूतपूर्व साहस का प्रदर्शन किया हो ।
शौर्य चक्र (Shaurya chakra) :
- यह पदक शौर्य, साहसपूर्ण या आत्म-बलिदान के लिए दिया जाता है,
- 1967 से पहले इस पुरस्कार को अशोक चक्र, क्लास III के नाम से जाना जाता था।
परम विशिष्ट सेवा मेडल (Param Vishisht Seva Medal) :
- यह मेडल भारतीय सेना के तीनों अंग – थल, वायु एवं नौसेना के सैनिकों को उनकी असाधारण सेवा समर्पण के आधार पर प्रदान किया जाता है
- इस पुरस्कार की शुरुआत 1960 में की गई थी |
उत्तर युद्ध सेवा मेडल (Best War Service Medal) :
- यह मेडल तीनों सेनाओं के वीरों के द्वारा युद्ध में विशेष वीरता के लिए युद्ध के बाद प्रदान किया जाता है |
राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (National Child Award) :
- यह पुरस्कार भारतीय बाल कल्याण परिषद द्धारा 1957 में शुरु किये थे
- राष्ट्रीय बाल पुरस्कार हर साल गणतन्त्र दिवस से एक दिन पहले देश के बहादुर बच्चों को दिए जाते हैं।