नेताजी सुभाष चंद्र बोस :
subhash chandra bose : नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी, 1897 को उड़ीसा के कटक शहर में हुआ था | 16 अगस्त 1945 को टोक्यो के लिए निकलने पर ताइहोकु हवाई अड्डे पर नेताजी का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया ।
fact about subhash chandra bose :
- नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी, 1897 को उड़ीसा के कटक शहर में हुआ था |
- नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पिता का नाम जानकीनाथ बोस था |
- इनकी माता का नाम प्रभावती था |
- इनके पिता जी श्री जानकीनाथ कटक शहर के मशहूर वकील थे |
- इनके पिता ने अंगरेजों के दमनचक्र के विरोध में ‘रायबहादुर’ की उपाधि लौटा दी थी |
- नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने कटक से अपनी प्राथमिक शिक्षा पूरी की |
- प्राथमिक शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने रेवेनशा कॉलिजियेट स्कूल में दाखिला लिया |
- इसके बाद कलकत्ता यूनिवर्सिटी में दाखिला लेने के बाद 1919 में बीए की परीक्षा प्रथम श्रेणी से पास की और उन्होंने यूनिवर्सिटी में दूसरा स्थान प्राप्त किया |
- पिता की इच्छानुसार उन्होंने 1920 में आईसीएस की परीक्षा दी और चौथा स्थान प्राप्त किया |
- अंग्रेजों के अधीन काम न करने के कारण उन्होंने 22 अप्रैल 1921 को इस पद से त्यागपत्र दे दिया |
- गांधी जी से 20 जुलाई 1921 को हुई मुलाकात के बाद वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के लिए काम करने लग गए |
- जब वे कलकत्ता महापालिका के प्रमुख अधिकारी थे तब उन्होंने कलकत्ता के रास्तों का अंग्रेजी नाम हटाकर भारतीय नाम पर कर दिया था |
- देश की आजादी के साथ-साथ उनका जुड़ाव सामाजिक कार्यों में भी था |
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- समाज की सेवा का काम नियमित रूप से चलता रहे इसके लिए उन्होंने ‘युवक-दल’ सन्गठन की स्थापना की |
- भगत सिंह को फांसी की सजा को रोकने में असमर्थता जताने पर वे गांधी और कांग्रेस के काम करने के तरीके से बहुत नाराज हो गए थे |
- वे सबसे पहले 16 जुलाई 1921 को छह महीने के लिए जेल गये थे |
- दिसंबर 1927 में वे कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव बने तथा 1938 में उन्हें कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया।
- इसके बाद 1941 में एक मुकदमे में उन्हें कलकत्ता की अदालत में पेश होना था, तभी वे अपना घर छोड़कर चले गए और जर्मनी पहुंच गए.
- जर्मनी पहुचने उन्होंने हिटलर से मुलाकात की.
- वे अपने सार्वजनिक जीवन में कुल 11 बार जेल गये थे |
- 1934 ई. में सुभाष अपना इलाज कराने के लिए ऑस्ट्रिया गए थे. उस समय उन्हें अपनी पुस्तक टाइप कराने के लिए एक टाइपिस्ट की जरूरत थी. उन्हें एमिली शेंकल नाम की एक टाइपिस्ट महिला मिली. 1942 में सुभाष ने इस टाइपिस्ट से शादी कर ली।
- 16 मार्च 1939 को सुभाष ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
- उन्होंने 4 जुलाई 1943 को सिंगापुर में ‘भारतीय स्वाधीनता सम्मेलन’ का आयोजन किया।
- 5 जुलाई 1943 को उन्होंने ‘आजाद हिन्द फौज’ का विधिवत गठन किया |
- 12 सितंबर 1944 को रंगून के जुबली हॉल में शहीद यतीन्द्र दास के स्मृति दिवस पर नेताजी का भाषण जो भारत ही नहीं विश्व के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित है, में उन्होंने कहा था कि- ‘अब हमारी आजादी निश्चित है, परंतु आजादी बलिदान मांगती है। आप मुझे खून दो, मैं आपको आजादी दूंगा।’ यही देश के नौजवानों में प्राण फूंकने वाला वाक्य था ।
- 16 अगस्त 1945 को टोक्यो के लिए निकलने पर ताइहोकु हवाई अड्डे पर नेताजी का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया ।