MS Access – DBMS 3 Level Architecture in Hindi | DCA / PGDCA 1st Sem
MS Access – DBMS 3 Level Architecture LEC 3 : इस पोस्ट के माध्यम से MS Access – DBMS 3 Level Architecture को समझाया है यह Subject विशेषकर PGDCA , DCA में पढ़ाया जाता है इस पोस्ट में 3 Level Architecture, 3 Level Architecture in hindi,ms access notes in hindi, dca/pgdca notes के बारे में बताया गया है तो आइये पढ़ते है MS Access में DBMS 3 Level Architecture कैसे की जाती है …
Introduction of DBMS 3 Level Architecture:
DBMS को एक त्रि स्तरीय संरचना (Three Level Architecture) पर विकसति किया जाता है। इस संरचना में बनाये गए तीनो स्तर पर अलग-अलग कार्य निर्धारित किये जाते हैं । प्रत्येक स्तर पर कार्य करने वाले User भी निर्धारित होते हैं। त्रि स्तरीय संरचना के कारण DBMS को व्यवस्थित रखना और संचालित करना आसान हो जाता है, क्योंकि प्रत्येक स्तर का कार्य क्षेत्र निश्चित रहता है, उस स्तर पर वही कार्य संपादित किया जाता है। DBMS की इस संरचना में निम्न 3 स्तर होते हैं –
1. View Level
2. Logical Level
3. Physical Level
View Level :
DBMS का सबसे बाह्य स्तर जहाँ पर Data को प्रदर्शित किया जाता है, यह वह स्तर है जिस पर एक सामान्य उपयोगकर्ता (End User) की आवश्यकता के अनुसार Data को दिखाया जाता है। DBMS के एक से अधिक End User होते है, प्रत्येक User की अपनी अलग आवश्यकता हो सकती है, इस कारण से इस स्तर पर Data को दिखाने के लिए एक से अधिक View बनाये जाते हैं।
View Level पर Data को दिखाने के लिए Program बनाये गए होते है, जो End User द्वारा उपयोग में लाये जाते हैं। View Level पर कार्य करने वाले किसी भी User को यह पता नहीं रहता है की Data किस प्रकार Store करके रखा गया है एवं किस प्रकार प्रदर्शित हो रहा है। इस स्तर पर कार्य करने वाले User को End User या Navy User कहा जाता है।
Logical Level (तार्किक स्तर) :
DBMS में Data को कम्पुटर की Secondary Memory में सुरक्षित रखा जाता है, यहा से उसे View Level पर पहुचाना होता है। यह DBMS का मध्यस्त स्तर होता है। इस स्तर पर ऐसे सभी प्रोग्राम एवं कमांड बनाये जाते हैं जिनकी सहायता से Data को physical level से प्राप्त कर view level पर प्रेषित किया जाता है। इस स्तर पर कार्य करने वाले User को प्रोग्रामर कहा जाता है। सामान्यतः निम्न कार्य Logical Level पर संपादित होते है।
- Data Base पर उपयोग में लाये जाने वाले सभी Program, Function, Procedure आदि को इस स्तर पर बनाया एवं सुरक्षित रखा जाता है।
- इस स्तर पर ही यह निर्धारित होता है की Data किस प्रकार से Store किया जाना है।
- End User की आवश्यकता के अनुसार सभी View इस पर ही बनाये जाते है।
- Data Base में बनायीं गयी सभी Tables के बिच रिलेशन को बनाया जाता है।
Physical Level (भौतिक स्तर) :
यह DBMS का सबसे आन्तरिक स्तर होता है, जिसमे Data को वास्तविक रूप में रखा जाता है। इस स्तर पर ही निर्धारित होता है की कम्प्यूटर की मेमोरी में Data किस प्रकार store किया जाना है। DBMS के इस स्तर पर कम्प्यूटर की द्वितीयक मेमोरी का उपयोग किया जाता है, जिसमे Data को स्थाई रूप लंबे समय के लिए Store करके रखा जाता है। Physical level पर कार्य करने वाले User को प्रशासक (Administrator) माना जाता है।
मुख्य रूप से इस स्तर पर निम्न कार्य सम्पादित होते हैं।
- इस स्तर पर यह निर्धारित होता है की Data का वास्तविक स्वरूप किस प्रकार का होगा ।
- 2. Data को Store करने के लिए बनाये जाने वाले Tables कितने होंगे और उनके बिच किस प्रकार से Relationship होगी।
- 3. इस स्तर पर Data को सुरक्षित रखने के लिए उपयोग में लायी जाने वाली इनक्रिप्शन Encryption प्रक्रिया भी लागू की जाती है।
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