pranab mukherjee ki jivani | प्रणब मुखर्जी के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य :
31 अगस्त 2020 को भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का निधन हुआ प्रणब मुखर्जी एक प्रखर वक्ता , राजनेता और सामाजिक व्यक्ति थी प्रणब दा ने देश के वित्त मंत्री, विदेश मंत्री और राष्ट्रपति पद पर कार्यभार सम्भाला उनका भारतीय राजनीती में एक विशिष्ट स्थान है इसके अलावा भी उनसे जुड़े अनेक (pranab mukherjee ki jivani) तथ्य है जो कि इस प्रकार है…
pranab mukherjee ki jivani :
- प्रणब मुखर्जी का जन्म 11 दिसंबर 1935 को पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में हुआ था|
- इनके पिता का नाम किंकर मुखर्जी था |
- इनकी माता का नाम राजलक्ष्मी मुखर्जी था|
- जो कि स्वतंत्रता सेनानी भी रहे थे|
- प्रणब मुखर्जी ने सूरी विद्यासागर कॉलेज से पढ़ाई की|
- इसके बाद उन्होंने पॉलिटिकल साइंस और इतिहास में एमए किया।
- उनकी पत्नी का नाम सुरवा मुखर्जी है|
- उनके पुत्र का नाम अभिजित और पुत्री का नाम शर्मिष्ठा है|
- इंदिरा गांधी की मदद से वर्ष 1969 में कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य चुने गए।
- वर्ष 1973 में वे कांग्रेस सरकार में मंत्री बने|
- इंदिरा गाँधी ने वर्ष 1982 में उन्हें वित्त मंत्री के पद से नवाजा|
- इंदिरा गाँधी के निधन के बाद राजीव गाँधी से मनमुटाव के बाद उन्होंने अपनी नई पार्टी बना ली|
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- उन्होंने अपनी नई पार्टी का नाम राष्ट्रीय समाजवादी कांग्रेस रखा|
- वर्ष 1989 में राजीव गांधी से समझौते के बाद अपनी पार्टी का विलय उन्होंने कांग्रेस में कर लिया|
- वर्ष 1991 में प्रणब मुखर्जी योजना आयोग के उपाध्यक्ष बने|
- पी.वी. नरसिम्हा राव ने वर्ष1995 में प्रणब मुखर्जी को देश का विदेश मंत्री नियुक्त किया|
- वर्ष 2004 में वे पहली बार लोकसभा के सदस्य के रूप में चुने गये|
- उन्होंने वर्ष 2004 से 2006 तक रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली।
- 25 अक्टूबर 2006 से 23 मई 2009 तक भारत के विदेश मंत्री रहे।
- 20 मई 2009 को वह जंगीपुर संसदीय सीट से ही 15वीं लोकसभा के लिए दूसरी बार चुने गए।
- 24 जनवरी 2009 से मई 2012 तक वह देश के वित्त मंत्री भी रहे।
- वर्ष 2012 में वे कांग्रेस के राष्ट्रपति के उम्मीदवार के रूप में उतरे और पीए संगमा को हराकर देश के 13वें राष्ट्रपति बने|
- वे “प्रणब दा” के उपनाम से भी काफी मशहूर थे|
- 31 अगस्त 2020 को उनका दिमाग में खून का थक्का बनने के बाद इलाज के दौरान निधन हो गया|
प्रमुख सम्मान :
- 26 जनवरी 2019 को भारत रत्न से सम्मानित किया|
- वर्ष 2007 में पद्मविभुषण से सम्मानित किया|
- 1997 में सर्वश्रेष्ठ संसद के पुरस्कार से सम्मानित|
- वर्ष 1984 में विश्व के सबसे अच्छे वित्त मंत्री के रूप में मुल्यांकन किया|
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