ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकार | Types of operating system

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Introduction of Operating System :

operating system किसी भी computer system के लिए सबसे महत्वपूर्ण Software होता है। जिसकी सहायता से computer system की सभी processing कि जाती है। इसी कारण से operating system कई प्रकार (Types of operating system) से विकसित किया गया है।

operating system निम्न दो प्रकार से अलग अलग श्रेणियों मे विभाजित किया जाता है।

  • Based on interface
  • working  technology Based

operating  system Based on interface :

operating system का सबसे महत्वपूर्ण कार्य user को hardware से interface  करना होता है। interface के आधार पर operating system को निम्न दो प्रकार से विकसित किया गया है।

character  user interface  ( CUI ) :

  • operating system का मुख्य कार्य user को computer के सभी hardware part उपयोग करने कि सुविधा प्रदान करना होता है।
  • इस कार्य को पुरा करने के लिए operating system के द्वारा user को commands  या instruction  उपलब्ध करवाया जाते हे।
  • CUI पर आधारित operating में user को प्रदान किये जाने वाली सभी commands  text के रूप में होते है।
  • जिन्हें उपयोग मे लाने के लिए user को Key Board  का उपयोग करना होता है।
  • इस प्रकार o.s. के द्वारा दिये गए text के माध्यम से user अपने सभी कार्य करवाता है।
  • इस प्रकार के commands  प्रदान करने वाले सभी operating system को CUI based operating system कहा जाता है। CUI पर आधारित OS का उपयोग करना आसान नही होता है
  • क्योकि user को अपने प्रत्येक कार्य के लिए commands  याद रखने होते हे।
  • किसी भी कठिन कार्य के लिए एक से अधिक commands  उपयोग मे लाने होते है।
  • सामान्यतः इस प्रकार के o.s. का उपयोग सामान्य user के स्थान पर technical user के द्वारा किया जाता है। EX:-  DOS , UNIX, Mintosh.

graphical user interface ( GUI ) :

  • CUI पर आधारित operating system में एक सामान्य user के लिए work करना कठिन होता है।
  • इस कारण से आसान interface  को विकसित किया गया।
  • जिसे graphical  user interface कहा जाता है।
  • इस प्रकार के operating system में icon एवं graphical  picture कि सहायता से commands को प्रदर्शित किया जाता है,
  • जहा user अंत्यत आसानी से केवल एक Mouse click की सहायता से उपयोग मे ला सकता है।
  • इस प्रकार के operating system में user के सभी data एवं files को icon के रूप में प्रदर्शित किया जाता है, जहा user आसानी से आवष्यक data को पहचान कर सकता है।
  • user icon की सहायता से commands  को पहचान कर एक Mouse click पर run करवा सकता है।
  • यही कारण है कि इस प्रकार के operating system में Mouse सबसे महत्वपूर्ण devices होते है।
  • GUI पर आधारित operating system कि सहायता से प्रदान किया जाने वाला interface  अत्यंत आसान एवं आकर्षक होता है
  • यही कारण है, कि वर्तमान समय में इस प्रकार के operating system का उपयोग अधिकतम किया जाता है।
  • user के उपयोग के अनुसार यह operating system अधिक आसान होते है।
  • परन्तु सुरक्षा कारण से इस प्रकार के o.s.में बहुत सी कमियों होती है।
  • जैसे कि यहा data एवं files को icon के रूप में प्रदर्शित होने के कारण आसानी से किसी अन्य user के द्वारा उपयोग मे लाया जा सकता है। example- window ,Linux ,Mac.

working  technology Based operating system :

operating system किसी भी computer system के लिए महत्वपूर्ण Software होता है। यदि किसी computer system में उपयोग मे लाया जाने वाला operating system काम नही कर पा हो, तब उस computer के किसी भी hardware को उपयोग मे नही लाया जा सकेगा। operating system का मुख्य कार्य computer के किसी भी hardware का अधिकतम उपयोग करना होता है। अपनी working  में operating system किसी भी user द्वारा प्राप्त होने वाले data को command या instruction  के साथ processing के लिए hardware को देता है और processing के बाद मिलने वाले data को output के रूप में user को देता है। operating system की इसी कार्य प्रणाली को अलग अलग technology के साथ  विभिन्न प्रकार से निर्धारित किया गया।
working के अनुसार operating system को निम्न प्रमुख श्रेणियों मे रखा जाता है।

 

Batch processing o.s. :

  • computer system के विकास के प्रारम्भिक दिनों में memory का उपयोग नही किया जाता था,
  • इस कारण से किसी ऐसे operating system का उपयोग किया जाता था,
  • जिसमें commands को एक साथ system में input किया जा सकता था।
  • ऐसा ही एक o.s. Batch processing o.s.कहा जाता है |
  • Batch processing एक सम्पूर्ण operating system नही होता है,
  • इसमें user द्वारा दिए गए commands  को एक साथ input किया जाता था।
  • इस OS में input देने के लिए punch  card एवं electronic type writer का उपयोग किया जाता था।
  • इनकी सहायता से user द्वारा दिये जाने वाले command एवं data का एक समूह बनाया जाता था,
  • जिसे batch कहते थै। एक batch में दिये गए सभी command एवं data निर्धारित machine code  के रूप मे होते थे।
  • operating system पुरे batch को एक साथ input में लेकर उसे processing के लिए cpu को देता था। cpu के द्वारा दिए गए Batch को process किया जाता था,
  • जब तक एक batch की processing चल रही होती थी,
  • उस दौरान user अन्य कोई कार्य नही कर सकता था।
  • यदि  input में दी गई Batch में दिए गए किसी command में किसी प्रकार मे कोई Error  आती थी तब वह Batch की processing पुर्ण होने के पष्चात user को दर्षायी जाती थी।
  • यही कारण है कि Batch processing o.s.को एक सम्पूर्ण o.s.नही माना जाता और इसका उपयोग बहुत अधिक समय तक नही किया गया।

Multi programming  o.s. :

  • Batch processing में user एक समय पर ही कार्य कर सकता था,
  • इस कारण से user को समय भी अधिक लगता था,
  • computer के hardware का अधिकतम उपयोग भी नही हो पाता था।
  • इस कमी को दुर करने के लिए Multi programming  o.s. विकसित किए गए ।
  • computer में memory का उपयोग प्रारंभ होने के साथ हि एक से अधिक संख्या में data एवं commands को store करके रखने की सुविधा मिल गई थी।
  • इस memory में एक निर्धारित स्थान पर एक ऐ से अधिक job को store किया जाता है,
  • यह स्थान job pool कहलाता है। इस job pool में एक समय पर एक से अधिक program को रखा जा सकता है।
  • OS उपयोग मे लपाए जा रहे cpu क्षमता के अनुसार इस job pool मे से एक से अधिक program को select कर cpu की सहायता से run  करवा सकता है।
  • इस प्रकार o.s.में वास्तविकता रूप से एक समय पर केवल एक program ही cpu की सहायता run होता है। तब एक program का output किसी user को दर्षाया जाता है।
  • उसी दौरान किसी अन्य program को job pool मे से select करके run करवाया जाता है, इस प्रकार user को ऐसे प्रतित होता है
  • कि उसके उक से अधिक program एक साथ run हो रहे है।
  • इस कारण से इसे Multi programming o.s. कहा जाता  है। इस प्रकार के o.s. के लिए अधिक क्षमता वाले cpu की आवष्यकता होती है |

Time Sharing o.s. :

  • Multi programming  को अधिक प्रभावषाली बनाने के लिए एवं cpu का अधिकतम उपयोग करने के लिए time Sharing o.s.को विकसित किया गया है।
  • Time Sharing एक ऐसा सिद्धांत है, जिसकी सहायता से अधिक processing क्षमता वाले cpu का पूर्ण से उपयोग किया जाता है।
  • इस operating system में job pool को que (पंक्ति)  के रूप में उपयोग किया जाता है।
  • इस que मे एक से अधिक run किए जाने वाले program को रखा जाता है।
  • इन सभी program को run  होने के लिए सभी आवष्यक संसाधन (resource)  उपलब्ध करवा दिए जाते है।
  • इन सभी program को run  करवाने के लिए केवल cpu कि आवष्यकता होती है,
  • जिसे time Sharing के सिद्धांत के आधार पर सभी program के लिए उपलब्ध करवाया जाता है।
  • Time Sharing के सिद्धांत के अनुसार que मे रखे गए सभी program के लिए एक time slice या time quantum निर्धारित किया जाता है।
  • निर्धारित किए गए इस time quantum के अनुसार que में उपस्थित क्रम में आने वाले program को cpu के द्वारा run करवाता है।
  • इस program के लिए cpu निर्धारित time quantum तक हि उपलब्ध रहता है।
  • जैसे ही यह time quantum पूर्ण होता है, cpu बनाई गई que के अगले program को उपलब्ध करवाया जाता है।
  • यदि दिए गए time quantum मे किसी program का execution पूर्ण नही होता है,
  • तब वह program निर्धारित समय में cpu के लिए अपने अगले क्रम wait कराते है।
  • इस प्रकार इस OS में cpu को एक से अधिक program या job के बिच तेजी से switch किया जाता है।
  • यहा que के प्रत्येक program एक साथ run होते हुए प्रतित होते है।
  • time Sharing के कारण ही cpu को अधिकतम उपयोग किया जा सकता है।

Real Time operating system :

  • वर्तमान समय में computer का उपयोग सभी क्षेत्रों मे किया जाता है।
  • आवष्यकता के अनुसार कुछ ऐसे क्षेत्र मे भी computer का उपयोग होता है,
  • जहाॅ किसी एक job या processing का हि निरंतर लागु करना होता है।
  • ऐसी किसी भी आवष्यकता में job कि सम्पूर्ण Processing के दौरान cpu कि आवष्यकता होती हें
  • यहां cpu को Online करना होती है, जिसमें cpu 24 Hours केवल एक job कि processing में ही व्यवस्थित रहता है।
  • Real time O.S. को किसी विषेष task के लिए विकसित किया जाता है।
  • यह operating system अपने निर्धारित task  के स्थान पर किसी अन्य task को run नही कर सकते है,
  • इस कारण से इन्हें Dedicated (समर्पित )  operating system भी कहा जाता है।
  • Real time OS में निर्धारित किए गए job कि Online  processing महत्वपूर्ण होती है।
  • जिसमें किसी भी भी time quantum पर गलती होने कि संभावना नही रहती है।
  • इस प्रकार के operating system में किसी अन्य Application Software को उपयोग मे नही लाया है।
  • सम्पूर्ण processing कि जिम्मेदारी OS कि ही होती है।
  • यह विषेष प्रकार के OS होते है, जिनका उपयोग विषेष  क्षेत्रों मे किया जाता है। जैसे कि – Medical Transciption , Military Service ,Robotics ,computerized  banking ,Space research & communication , Weather forecasting ,Satellite operation

Multi processing o.s. :

  computer के क्षेत्र मे तेजी से होने वाले विकास के कारण उच्च processing क्षमता वाले hardware का उपयोग किया जाने लगा। ऐसे hardware का अधिकतम उपयोग करने के लिए Multiprocessing o.s.विकसित किए गए जिसमें एक ही समय एक से अधिक cpu का उपयोग करके एक से अधिक job को run  करवाया जा सकता है। यह operating system एक साथ एक से अधिक job pool का उपयोग करते है। जब एक job की processing चल रही होती है, उसी समय दूसरे pool के job के लिए input प्राप्त किए जाते है। एवं किसी अन्य pool के job को output में दिया जाता है। इस प्रकार से अधिक job कि processing एक साथ सम्भव होती है। इस processing को parallel processing भी कहा जाता है। इस कारण के operating system में एक से अधिक user एक साथ कार्य कर सकते है। इस कारण से इन्हें Multiuser o.s.भी कहा जाता है।

Modern operating system :

वर्तमान समय में computer का अधिकतम उपयोग एक सामान्य user के द्वारा किया जाता है, जिसमें operating system का आसान एवं सुविधा जनक होना आवष्यक हो जाता है। एक प्रचलित o.s.में निम्न सुविधाऐं होना आवष्यक होता है।

      • user के लिए एक आसान interface उपलब्ध होना।
      • User operating system की सुविधाएं प्रदान करने के लिए Help उपलब्ध होना।
      • computer user के data को व्यवस्थित रूप में store रखना।
      • आवष्यकता के अनुसार user को data प्रदर्शित करना।
      • operating system की processing speed अधिक होना।
      • computer system के साथ उपलब्ध सभी hardware  का पूर्ण उपयोग करना।
      • user के द्वारा store किए गए data को सुरक्षित रखना।

उपरोक्त आवष्यकताओं को पुर्ण करने वाले प्रचलित operating system निम्न है-

Ms-Dos :

वर्तमान समय में उपयोग मे लाये जाने वाले सभी personal  computer को IBM-pc कहा जाता है। इनका उपयोग व्यस्थित रूप से करने के उद्येष्य से microsoft  company द्वारा CUI पर आधारित operating system विकसित किया गया, जिसे DOS के नाम जाता है। इस OS का मुख्य उद्येष्य PC system में उपयोग लाई जाने वाली memory को एक सामान्य user की आवष्यकताओ के अनुरूप बनाना है। PC में उपयोग लाई जाने वाली सभी प्रकार की memory एक disk के रूप मे होती है, इसी कारण से इसे disk operating system (DOS)  कहा जाता है।
  • DOS के माध्यम से userको ऐसे सभी command उपलब्ध करवाए जाते है
  • जिनका उपयोग करके user अपने data को input एवं output मे दे सकता है,
  • साथ ही उसे disk  memory में store भी कर सकता है।
  • DOS में user को सभी command को KeyBoard के माध्यम से input मे देना होता है।
  • यहां user को प्रदर्शित किया जाने वाला data भी text के रूप में ही होता है।
  • PC के लिए IBM  ने जब प्रथम PC.DOS के नाम से OS तैयार किया
  • इसके विकास में bill gates का महत्वपुर्ण योगदान रहा था।
  • इसके पष्चात bill  gates ने स्वयं की कम्पनी microsoft corp. स्थापना की एवं सन् 1981 में Ms.Dos के नाम से इस OS का 1.0 version बनाया गया।
  • सन् 1983 में PC system के साथ hardware  का उपयोग किया जाने लगा
  • इस व्यवस्था को सुविधाजनक बनाने के लिए Ms.Dos 2.0 को विकसित किया गया।
  • यह नया version एक ही Disk पर अनेक files एवं directories store करने की सुविधा प्रदान करता था।

Windows   O.S.

bill gates द्वारा स्थापित microsoft corp के द्वारा PC कि कार्यप्रणाली को अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए GUI पर आधारित एक o.s. विकसित किया गया। यह OS user को एक ऐसा नया वातावरण देता है। जिसमें सभी प्रकार के data एवं files को चिन्हों एवं चित्रों के माध्यम से प्रदर्शित किया जाता है। यह चिन्ह या चित्र icon कहलाते है। इसी प्रकार o.s. के सभी commands  भी icon या option bottom कि सहायता से उपलब्ध करवाए जाते है। user इस o.s. में data या commands  को icon कि सहायता से आसानी से देख व समझ सकता है। और एक साधारण Mouse  click कि सहायता से उपयोग मे ला सकता है। इस o.s. में data को एक आयाताकार box में प्रदर्शित किया जाता है। जिसे window कहते है। इस o.s.में user को system से जोडने के लिए एक front screen दर्षायी जाती हे। जिसे desktop के माध्यम से ही userको सभी प्रकार के data एवं commands  उपलब्ध करवाता है और एक ऐसा वातावरण देता है जिसमें user आसानी से अपने सभी कार्य कर सकता है। यही कारण है। कि यह अब तक का सबसे प्रचलित o.s. है।

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  • microsoft  द्वारा सबसे पहले सन 1990 में window 3.0 के नाम से o.s.बनाया गया
  • अधिक सुविधाओं के साथ कार्य नही कर सकता था।
  • सन 1992 में window 3.1 को व्यवसायिक रूप से बाजार मे उतारा गया
  • परंतु कम speed एवं सुविधाओं के कारण यह अधिक प्रचलित नही हुआ।
  • सन् 1995 में windows 95 के नाम से एक o.s. को विकसित किया गया
  • जो एक संपूर्ण multimedia o.s. था
  • इसी o.s. के बाद window अधिक प्रचलित हुआ एवं सामान्य pc के उपयोग के लिए यह पहली  बार बना।
  • window के उपयोग के साथ ही PC पर Internet का भी उपयोग अधिक से अधिक किया जाने लगा
  • window 95 में Internet के उपयोग के लिए सभी सुविधाए उपलब्ध नही होती थी।
  • इस कारण से window 98 के रूप मे एक ऐसे o.s. को विकसित किया गया जो multimedia के साथ सभी प्रकार कि Internet  application भी प्रदान करता है।
  • इसी कारण से window 98 विष्व का सबसे अधिक उपयोग किया जाने वाला o.s.बना गया।

Linux

Linux एक Multiuser o.s.होता है। operating system एक ऐसा Software होता है, जो hardware और user के बिच एक interface (  मध्यस्तता )  प्रदान करता है। इस operating का उपयोग एक सामान्य pc से लेकर किसी बडे organization के नेटवर्क के लिए किया जा सकता है। linux एक स्वतंत्र o.s.होता है। जिसे Internet से किसी भी user द्वारा निःषुल्क प्राप्त किया जा सकता हें।
  • operating system   में Linux operating system के विकास की शुरूआत 1968 में AT & T laboratory में Kane Thompson and dennis ritchie के द्वारा की गई।
  • ईन दोनो ने मिलकर Multiple information computing system ( MULTICS)  विकसित किया गया।
  • इस OS को पुनः High level  language के द्वारा एक नए रूप में विकसित किया गया।
  • जिसे unix कहा गया। मुख्यतः linux का विकास unix को आधार मान कर किया गया है।
  • Linux को unix के structure के अनुसार एक personal   computer के लिए DESIGN किया गया है।
  • Linux को एक नाम इसे विकसित करने वाले first personal  linux torvald के नाम पर दिया गया।
  • जिसमें इसका पहला version सन् 1991 मे प्रदान किया ।
  • Linux को Internet पर अन्य सभी user के लिए स्वतंत्र रखा गया हे।
  • जो इसे उपयोग के साथ साथ इसे विकसित भी कर सकते है।
  • एक स्वतंत्र O.S. ण्होने के कारण linux को अलग अलग features के साथ distribute किया जा सकता है।

linux को distribute करने वाली compnies निम्न है-

  • Red hat linux
  • Apple linux
  • suse linux
  • Penguin linux

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